तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला के अरुलपुराम से अरुण कुमार की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से रवि कुमार से हुई। रवि कुमार ने बताया कि बहुत से श्रमिक अपने गृह राज्य जा चुके है। अगर साधन की व्यवस्था हो जाएगी तो वो श्रमिक काम पर वापस भी आएंगे। साथ ही रवि ने यह भी बताया कि वो बालू एक्सपोर्ट में ठेकेदार के नीचे पीस रेट पर कार्य करते है। लॉक डाउन से पहले काम ज़्यादा था पर अब कम श्रमिक रहने के कारण कंपनी आर्डर लेना कम कर दी है। कोरोना महामारी के कारण पीस रेट भी कम हो गया है। अब कंपनी के नियम अनुसार हिंदी भाषी श्रमिकों का भी पीएफ और ईएसआई का पैसा कटेगा। एक समस्या इन्होने ये भी बताया कि इन्हे जानकारी का अभाव है जिस कारण श्रमिक कंपनी के साथ लिखित कॉन्ट्रैक्ट नहीं करवाते है। इनके पास आइडेंटिटी कार्ड भी नहीं है। जो वेतन,सुविधा आदि की बातें होती है केवल मौखिक तौर पर ही होती है।