ये हेमलता जी अहमदाबाद, गुजरात से हैं और कोरोना वायरस के चलते हुई तालाबंदी के कारण गरीब कामगारों, विशेषतया अंतरप्रांतीय गरीब कामगारों को रोज़मर्रा के जीवन में आ रही परेशानियों के बारे में बता रही हैं। गुजरात सरकार द्वारा इनकी मदद के लिए शुरू की गयी अन्न-भरण योजना के तहत प्रवासी कामगारों को सिर्फ़ आधार कार्ड दिखाने पर राशन और गुजरात के कामगारों को राशन कार्ड होने के कारण उनके बैंक खातों में एक हज़ार रुपए भी दे रही है। लेकिन कुछ ही कामगारों को इसका लाभ मिला है और आज भी अधिकांश कामगार किसी तरह एक समय ही भोजन कर पा रहे हैं। लेकिन प्रवासी कामगारों के पास गुजरात का राशन कार्ड नहीं होने की वजह से उन्हें ये आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है।साझा मंच के माध्यम से ये गुजरात सरकार से अपील कर रही हैं कि अन्न-भरण की योजना में वह गरीब प्रवासी कामगारों के समस्याओं को देखते हुए उनकी भी आर्थिक मदद की जाय, जिससे तालाबंदी के इस बुरे समय में उन्हें जीवन-यापन में मदद मिले।