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झारखंड राज्य के धनबाद ज़िला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो झारखंड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि गर्मी के दिनों में अकसर आगजनी की घटनाएँ कहीं ना कहीं होती रहती है। इसका मुख्य कारण कुछ शरारती बच्चों के कारण होती है, तो दूसरी बिजली शॉर्ट शर्किट के कारण। वजह चाहें जो भी हो किसी के घर जलने से घर का विनाश हो जाता है। कई जगहों पर आगजनी के कारण कई घरों के परिवार की मृत्यु हो जाती है और घर जल कर राख हो जाता है। अर्थात आगजनी में घर की खुशियां और लोगों के सभी अरमान जल जाती है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में घास-फूस से बने घरों में अधिकतर आगजनी की घटनाएँ होती है।अतः सरकार को इसकी सुरक्षा हेतु कच्चे घर वालों आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध करा कर गरीबों की मदद करनी चाहिए। साथ ही प्रत्येक प्रखंड में एक अग्निशामक की सुविधा करनी चाहिए।
झारखंड राज्य के धनबाद जिले के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि गर्मी के दिनों में लू लगने के कारण बहुत सारे लोग मौत के शिकार हो जाते है।गर्मी में नदी-नाले सब सुख जाने के कारण पानी की समस्या गंभीर हो जाती है।नलकूप ख़राब होते है। बच्चों को स्कूल आने-जाने में परेशानी होती है।गर्मी को देखते हुए प्रशासन को स्कूलों में छुट्टी कर देनी चाहिए।हमें गर्मी की नजाकत को देखते हुए ही घर से बाहर निकलना चाहिए।ठंडा पेय पदार्थो का हमे सेवन करना चाहिए।कहा जाता है की एक प्याज अपने साथ रखने पर लू लगने की संभावना बहुत कम हो जाती है।साथ ही हमे छाता का भी प्रयोग करना चाहिए।सरकार को समय-समय पर जल उपलब्ध कराना चाहिए। प्रत्येक दो से तीन किलोमीटर की दुरी पर राहगीरों के लिए पानी शाला होनी चाहिए।
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झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला से राधू राय जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि सभ्यता-संस्कृति व वेश-भूषा किसी भी देश की पहचान होती है। लेकिन आज के इस आधुनिक दौर में युवा पीढ़ी पश्चिमी सभ्यता को अपनाते जा रहे हैं और भारतीय संस्कृति को धीरे-धीरे भूलते जा रहे हैं ,जो एक चिंता का विषय है।अत: देश के बुद्धिजीवी वर्ग को इस ओर विचार करने की जरूरत है।
राधू राय,जिला धनबाद के बाघमारा प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि झारखण्ड में लोकगीत विलुप्त के कगार पर है।हर क्षेत्र,प्रदेश के लिए लोक गीत हुआ करते है और क्षेत्रीय वासियों को लोकगीत पर नाज़ होता है.वही क्षेत्रीय पर्व त्योहारो पर लोक गीत गाए जाते है.झारखण्ड में भी विभिन्न समुदायों में लोकगीत काफी प्रचलित है क्योकि लोकगीत गाकर ही लोग पर्व-त्यौहार में सांस्कृतिक के अनुसार नाच-गान कर तनाव मुक्त रहते है और खुशियाँ मनाते है।लेकिन लोग आज लोक गीत गाने को शर्म महसूस करते है वही लोग अपनी सांस्कृतिक को भूलते जा रहे है.इसलिए लोक गीतों को जिन्दा रखने के लिए झारखंडी सरकार की ओर से भी पहल होने की जरुरत है क्योकि यदि इसके लिए उचित पहल नहीं की गई तो आने वाले दिनों में लोकगीत प्रायः विलुप्त हो जायेंगे।
झारखण्ड राज्य के धनबाद जिले के बाघमारा प्रखंड से राधू राय जी मोबाइल वाणी के माध्यम से धनबाद चंद्रपुरा रेलवे लाइन बंद होने पर प्रस्तुत कविता प्रस्तुत कर रहे है।
मदन लाल चौहान,जिला धनबाद के बाघमारा प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि धनबाद चंद्रपुरा रेलवे लाइन बंद होने से सरकार को करोड़ो का नुकसान हुआ है।वही सरकार के इस निर्णय से जनता मायूस देखि जा रही है.धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन बंद होने से स्टेशन और स्टेशन के आस-पास जो पहले गुलजार हुआ करता था लेकिन अब स्थानीय बेरोजगारों की जीविकोपार्जन पर प्रश्न चिन्ह लगता दिखाई पड़ रहा है।सरकार को रेल लाइन बंद नहीं करके कोई वैकल्पिक व्यवस्था की सोच रखनी चाहिए थी।