झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि पेट्रोल डीजल महंगे होने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। खनिज तेल महंगा होने से बच्चों को स्कूल भेजने,नौकरी और दफ्तर में काम करने वालों के लिए काफी परेशानी हो रही है। अंतराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़ने पर पेट्रोल डीजल के मूल्यों में भी बढ़ोतरी होती है। इससे यह स्वभाविक है की खनिज तेल के मूल्यों में बढ़ोतरी होने से अन्य वस्तुओं के मूल्यों में बढ़ोतरी हो जाती है। इसलिए सरकार खनिज तेल के मूल्यों पर नियंत्रण रखना चाहिए। क्योंकि गरीबों के लिए मिटटी का तेल अतिआवश्यक है। परन्तु एक वर्ष के अंतराल में ही किरासन तेल में तीनगुनी वृद्धि हो गई है। जो आजादी से अबतक सबसे घातक सिद्ध हो रहा है। हमारे देश में अमीरों की तुलना में गरीबों की संख्या अधिक है। और वस्तुओं के मूल्य बढ़ने से सबसे ज्यादा अन्यया गरीबों के साथ ही होता है
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झारखण्ड राज्य के धनबाद ज़िला से तफ़ाज़िल आज़ाद झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि अगर हौसला बुलंद हो तो कोई भी ताकत आगे बढ़ने से खुद को रोक नहीं सकती।यहाँ बात हो रही हैं उन तमाम दिव्यांग व्यक्तियों की जो अपनी अपनी कमज़ोरी से जीत कर आगे बढ़ते हुए इसी विकलांगता को अपनी ताक़त बना लेते हैं।ऐसे लोग किसी भी बाधा को अपनी क़ामयाबी का रोड़ा नहीं बनने देते । इसी सन्दर्भ में इन्होने तोपचांची प्रखंड अंतर्गत कुंदरसा पंचायत के आज़ाद नगर टोला निवासी अलीजान अंसारी की कहानी सुनाई । दुर्भाग्यवश अंसारी जी जब पच्चीस साल के थे तो ,वो लकवा की चपेट में आने से कमर के निचले हिस्से से अपाहिज हो गए। पर ये अपंगता उनकी जिम्मेदारियों के आगे नहीं आ पाई।बचपन में ही पिता को खोने के बाद परिवार की ज़िम्मेदारी उन पर थी।मुंबई में कार्यरत परिवार का एकलौता कमाऊ बेटा अंसारी जी जब अपंगता का शिकार हुए तब निराशा आई पर इस निराशा को उन्होंने अपनी कमज़ोरी नहीं बनाया, हिम्मत लाई और घर लौट कर आए फिर सिलाई का काम सिख कर अभी अपने परिवार का लालन-पोषण कर रहे हैं। सरकार द्वारा विकलांगों की सहयोग हेतु कई योजनाएँ लागु किए गए हैं परन्तु बिचौलियों का प्रभाव इस पर भी हावी हैं। अंसारी जी द्वारा भी सरकारी लाभ लेने के लिए प्रखंड कार्यालय में कई कागज़ात जमा करवाए गए परन्तु बिचौलिए अड़ंगा बन बैठे और उन्हें निराशा हाथ लगी।
झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला से खीरु महतो झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से मच्छरों के प्रकोप से बचाव हेतु एक गीत प्रस्तुत की हैं ,जिसके बोल हैं : "ओ...मच्छर भगाओं दादा...मच्छर-दानी लगाओं दादा.."
झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला से खीरु महतो झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि हरियरपुर पंचायत की सड़कों का हाल बदहाल हो रहा हैं फिर भी प्रशासन द्वारा मरम्मत की कोई पहल होती नज़र नहीं आ रही। प्रशासन को इस पर ध्यान देनी चाहिए और जल्द से जल्द सड़क की मरम्मत करवानी चाहिए।
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झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से जे एम रंगीला बताते है कि झारखण्ड में खेती मानसून पर निर्भर रहती है।लेकिन किसान कुआँ खोद कर सिंचाई कर सब्जी का उत्पादन करतें हैं।परन्तु इतनी मेहनत करने के बाद भी किसान सब्जी मंडी के अभाव के कारण उत्पादित किया हुआ सब्जी को औने -पौने मूल्यों में बेचने को मजबूर हो जाते हैं। जिस कारण उत्पादित किया हुआ सब्जी का लागत मूल्य भी नहीं मिल पाता है फलस्वरूप किसानों को निराशा का भाव जीना पड़ता है।क्योंकि किसानों के भी परिवार होते है और उन्हें परिवार का भरण -पोषण करने की चिंता बनी रहती है।तथा उत्पादन के लिए कई किसान बैंक से ऋण भी लेते हैं जिसका भरपाई करने की चिंता भी उन्हें अलग सताती है। अतः सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों को सरकार की ओर से सहायता के रूप कृषि प्रशिक्षण दिया जाये तथा सरकारी सब्जी मंडी की उचित व्यवस्था की जाये ताकि किसान आत्मानिर्भर हो सकें । अक्सर सरकार केवल किसानों की आय दोगुनी करने की ढिंढोरा पीटती है।सरकार केवल बड़े बड़े पूंजीपतियों के कर्ज को माफ करने में लगी रहती है, जिनका कर्ज लाखो करोड़ होता है।अगर सरकार का ध्यान 25 फीसदी किसान पर हो तो किसान को आत्मानिर्भर होने से कोई रोक नहीं सकता है, परंतु सरकार बात किसानों की करती है लेकिन काम कॉरपोरेट घराने की करती है।
