झारखंड राज्य के धनबाद जिला के तोपचांची प्रखंड से रविंद्र महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि झारखंड में सब्जियों की खेती के अपार संभावनाएं हैं। जिससे लोगों में व्याप्त बेरोजगारी की समस्या को हल किया जा सकता है। तोपचांची प्रखंड के खैस्मी,रामाकोण्डा एवम जीतपुर के पंचायत में उमेश महतो,सुन्दर लाल महतो, शंकर रवानी एवम मोहम्मद खुरुष आदि जैसे कुछ ग्रामीणों ने अपने और दूसरे के जमीनों में खेती करना शुरू किया।पहले उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता था। लेकिन आज वे सब्जियाँ बेच कर संतोषजनक आय प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही युवाओं को प्रेरित भी कर रहे हैं। इच्छुक व्यक्तियों को वैज्ञानिक तरीकों से सब्जियों की खेती करने के नियम भी बताते हैं। झारखंड राज्य में खरीफ एवं रबी दोनों फसलों का उत्पादन किया जा सकता है। जिससे किसानो को उचित मूल्य भी प्राप्त होगी।
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झारखण्ड राज्य के धनबाद जिलें से जेएम रंगीला ने झारखण्ड मोबाइल वाणी पर यह बताया की आगजनी की घटनाओं के रोकथाम हेतु लोगों को जागरूक होने की जरुरत है।वें बताते है की आगजनी की विस्तारित रूप से पड़ताल करने पर हमे ये जानकारी प्राप्त होती है की गर्मी के मौसम में आगजनी कि घटना अधिकतर कुछ ऐसे कारणों से होते है ,जैसे कि शॉर्ट सर्किट ,बच्चों के द्वारा खेतों में लगया गया आग , लोगों की न समझी ,आदि कारणों से आगजनी की घटनएं घटती है।हम लोगों की न समझी के कारण जंगल वन संपदा आदि प्रभवित होती है।कुछ करण यह भी है की वन विभाग के अधिकारी भी अपने करतूत छिपाने के लिए भी जानबूझकर आगजनी की घटना को अंजाम देतें है,और यह भी देखा गया है की बारतियों के द्वारा पटाखे छोड़ने पर भी आगजनी की घटना घटती है।इस कारण खेतों में आग लग जाती है ,घरों में अगलगी की घटना हो जाती है। जिससे कि लोगों को काफी नुकसान सहना पड़ता है।इस लिए हमे आगजनी के घटनाओं की रोकथाम के लिए जागरूक होने की जरुरत है।
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झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला से जेएम रंगीला जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि दामोदर नदी पश्चिम बंगाल तथा झारखंड में बहने वाली एक नदी है।दामोदर नदी पलामू जिले से निकलकर हजारीबाग, गिरीडीह, धनबाद होते हुए बंगाल में प्रवेश करती है।वर्षों से दामोदर नदी झारखण्ड के लोगों के लिए वरदान था। परन्तु प्रदूषण के कारण दामोदर नदी विषाक्त होती जा रही है।दामोदर नदी के प्रदूषण का खामियाजा पूरा झारखण्ड भुगत रहा है।सरकार के द्वारा स्वतंत्र भारत की प्रथम बहुद्देशीय परियोजना का विस्तार झारखण्ड और प.बंगाल में किया गया।संयुक्त राज्य अमेरिका की टेनेसी घाटी परियोजना, (1933) के आधार पर 1948 में इसका विकास किया गया.1948 से “DVC” दामोदर वैली कोपेरेशन की शुरुआत हुई.दामोदर नदी छोटानागपुर की पहाड़ियों से निकलकर प.बंगाल में हुगली नदी से मिल जाती है।इस परियोजना पर तिलैया, कोनार, मैथन, पंचेत बाँध बनाए गए.बोकारो, दुर्गापुर, चंद्र्पुआ, पतरातू में ताप बिजली गृहों का निर्माण किया गया। इस कारण दामोदर नदी कि निर्मल धार में इन कंपनीओं का विषैला पदार्थ प्रवाहित कर दिया गया।जिस कारण दामोदर नदी का जल प्रदूषित हो कर विषाक्त हो गई । लोग दामोदर नदी से पानी नहीं लें पा रहे है।क्योंकि हानिकारक विषैला पदार्थ मिल जाने से कई बड़ी -बड़ी बीमारियां से लोग ग्रसित हो रहे हैं, और कई लोंगो की जाने भी इस दूषित पानी को पिने और नहने से चली जा रही है।
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झारखंड राज्य के धनबाद ज़िला प्रखंड बाघमारा से बीरबल महतो जी झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से कहते हैं, कि विद्यालय का अर्थ ज्ञान का घर है, जहाँ बच्चे जा कर ज्ञान प्राप्त कर अपना भविष्य तय करते हैं। साक्षरता के तहत 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए 15 से 20 बच्चों की संख्या पर एक विद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया था। परन्तु वर्तमान सरकार कम बच्चों वाले विद्यालयों का विलय करना चाहते हैं। यह उचित नहीं है क्योंकि यदि विद्यालय विलय हो जाता है तो कई बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। साथ ही अभिभावकों को भी अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। अधिकांश बच्चे जो ग़रीब परिवार से होते हैं वही सरकारी विद्यालय में पढ़ने जाते हैं। यदि विद्यालय विलय होता यही तो बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों पर भी बुरा असर पड़ेगा। सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय अनुचित है। अतः सभी को एक साथ मिल कर विद्यालय विलय पर रोक लगाना चाहिए।
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