झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से सुमंत कुमार ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत उन विकासशील देशों में से है, जिनकी जनसंख्या का एक बड़ा भाग कृषि पर निर्भर है। इसी कारण दुनिया के नक्शे पर भारत को कृषि प्रधान देश माना जाता है।भारत के कई राज्यों में धान की खेती की जाती है और उन्ही में से एक है झारखण्ड राज्य,जहाँ पर धान की खेती अधिकतम मात्रा में की जाती है।धान की खेती इस राज्य में कई पीढ़ियों से की जा रही है। परन्तु दिनों दिन धान की खेती में गिरावट आ रही है।इसका मुख्य कारण है खाद, बीज और कीटनाशक पदार्थ। दुकानदार किसान भाइयों को लुभावने वायदे कर गुणवत्ता विहीन खाद, बीज और कीटनाशक दवा ,पावडर आदि थमा देते हैं। जिससे कई बार इन असरहीन कीटनाशकों की छिड़काव कराने की वजह से किसानों की फसलें जलकर नष्ट हो जाती हैं। इससे अन्नदाताओं को बेहद नुकसान उठाना पड़ता है।धान का पैदावार प्रभावित होता है।

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से सुषमा कुमारी जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि धान की खेती के लिए पानी की सर्वाधिक आवश्यकता है। धान की अच्छी उपज लेने हेतु खेत में हमेशा पानी भरा रहना आवश्यक नहीं है।गंदगी ,बांध या प्रदूषित जल से सिंचाई नहीं करना चाहिए।अन्यथा फसल पर गहरा प्रभवा पड़ता है।धान कि खेती पर समय समय पर अलग -अलग बीज को बोया जाना चाहिए । ताकि खेत की मिट्टी का उर्वरक हमेशा अधिक बना रहे और धान का फसल अच्छा हो। मिट्टी के अनुसार कम रासायनिक खाद का उपयोग किया जाना चाहिए। ताकि इस रासायनिक पदर्थ से मिट्टी की उर्वरक क्षमता को ना खींच सके और फसल का नुकसान न हो। खर-पतवार तथा सुखी लकड़ियों को जलाकर मिट्टी में खाद के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए । समय के अनुसार धान का बीज बोया जाना चाहिए। इस प्रकार के विधियों का प्रयोग करने से, धान के फसल की पैदावार क्षमता अधिक होती है। फसल अच्छा होता है।

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झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से अमर आनंद जी ने झारखण्ड वाणी के माध्यम से बच्चों पर आधरित कविता की प्रस्तुति दी और इस कविता के माध्यम से वें बताना चाहतें है ,कि आज की शिक्षा ऐसी हो गई है की छोटे -छोटे बच्चों के उनके वजन से भी अधिक किताबों से भरा बस्ता लेकर विद्यालय जाना पड़ा रहा है।इस का कारण स्कूल प्रशासन है। आपने लाभ के कारण छोटे -छोटे बच्चों को किताबों से भरा बस्ता दे रही है। इनके जिम्मेदार शिक्षक भी है। वें कहते है की छोटे -छोटे बच्चों का दर्द समझा जाए और इन बस्तों को कम किया जाए।

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिलें से नरेश कुमार ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि आगजनी की घटना लोगों के द्वारा लपरवाही करने पर भी होती है। देखा जाता है कि अधिकांश आगजनी की घटनाएं शार्ट सर्किट के कारण होती हैं। ऐसे में आग की ज्यादातर दुर्घटनाएं असावधानी के कारण होती हैं। खलिहान में फसल का ढेर बिजली की लाइन के समीप व उसके नीचे होना खतरनाक है।इसके अतिरिक्त फसलों में आग लगने की बहुत सी दुर्घटनाएं बीड़ी की चिंगारी गिरने या बीड़ी या सिगरेट सुलगाने के बाद माचिस की जलती तीली असावधानी पूर्वक फेंकने से भी होती है।आगजनी की घटना तीन कारणों से होती है।ज्वलनशील पदर्थ, गर्म हवा और ईंधन जब तक इन तीनो चीजों का समवेश नहीं होता है, तब तक आगजनी की घटना नहीं होती है। अतः लोगो को इससे सावधनी बरतनी चाहिए। आगजनी की घटना होने पर अग्निशमन अधिकारियों को जानकरी देनी चाहिए और लोगो को सजग करना चाहिए। सरकार को भी आगजनी की घटना में लोगों के हुए नुकसान को राहत कोष से सुविधा मुहैया करना चाहिए।

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से सुषमा कुमारी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताया की बढ़ती गर्मी के कारण अप्रिय घटनाएँ घटती हुई देखि जाती है।इसका मुख्य कारण बढ़ती गर्मी है।जिससे की जंगलो में अगलगी की घटना घटती है।बढ़ती गर्मी के कारण नदी नाले सूख जाते है।जिस कारण पानी रिसाव के जगह आग का रिसाव होने लगता है।जिससे लोगों में डर होने लगता है।गर्मी के दिनों में पानी का स्तर भी कफी निचे चला जाता है ,और पानी गंदा आने लगता है जिससे लोगो के मन में गंभीर बिमारियों को लेकर डर होने लगता है।जिस करण महिलाओं को दूर -दूर से पानी लेन जाना पड़ता है।गर्मी के मौसम में खेतों में पानी कि सिंचाई नहीं होती है।इसका मुख्य कारण कुआँ तालाबों का सूख जाना है।जिससे किसानों को खेती पर असर पड़ता है।गर्मी के दिनों में आगजनी की घटना से बचने के लिए हमे आग और माचिस कि तीली का प्रयोगखेत खलिहान ,जंगलो वन संपदा आदि जगहों पर नहीं करना चाहिए। बच्चों के शरारत से भी आगजनी की घटना घटती है।इन पर भी अभिभावकों को ध्यान देने की जरुरत है,क्योंकि बच्चों न समझी के कारण जगंलो ,घास फूस से बने घर में अगलगी की घटना घट जाती है ,और लोगों को गंभीर समस्याओं से गुजरना पड़ता है। इस विषय पर सरकार को विशेस रूप से ध्यान देने की जरूरत है ,और वन विभाग को जंगल की नियमित जांच करनी चाहिए।

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झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से सुमंत कुमार जी ने भारत के नागरिक पर आधारित कविता की प्रस्तुति दी। इस कविता के माध्यम से बताया की पेड़ मैं लगाऊँगा नहीं,मौसम मुझको साफ़ चाहिये।शिकायत मैं करूँगा नहीं,कार्रवाई तुरंत चाहिये।बिना लिए कुछ काम न करूँ,पर भ्रष्टाचार का अंत चाहिये।घर-बाहर कूड़ा फेकूं,शहर मुझे साफ चाहिये।काम करूँ न धेले भर का,वेतन लल्लनटाॅप चाहिये।एक नेता कुछ बोल गया सो मुफ्त में पंद्रह लाख चाहिये।लाचारों वाले लाभ उठायें,फिर भी ऊँची साख चाहिये।लोन मिले बिल्कुल सस्ता,बचत पर ब्याज बढ़ा चाहिये।धर्म के नाम रेवडियां खाएँ,पर देश धर्मनिरपेक्ष चाहिये।जाती के नाम पर वोट दे,अपराध मुक्त राज्य चाहिए।टैक्स न मैं दूं धेलेभर का,विकास मे पूरी रफ्तार चाहिए ।मैं भारत का नागरिक हूँ,मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिए। ,

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