हजारीबाग:दीपक कुमार सिंह सदर हजारीबाग से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि आय में असमानता के मुख्य कारन है सरकार द्वारा बनाई जाने वाली निति। एक तरफ तो सरकार गरीबो और मध्यम वर्ग के परिवारों से टैक्स वसूलती है जबकि दूसरी तरफ अमीरो वर्गों का जो टैक्स होता है करोड़ो रुपये का उसमे सरकार उन्हें छुट देती है. इतना ही नही आमिर वर्ग के लोगो पर कोई क़ानूनी कार्रवाई नही की जाती है टैक्स नही भरने पर लेकिन अगर एक मध्यम वर्ग के व्यक्ति टैक्स नही भरता है तो उस पर क़ानूनी कार्रवाई की जाती है.

मोहम्मद मुजफ्फर हुसैन साथ में किसान अनिल प्रसाद हजारीबाग,झरनी से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की गर्मी शुरू हुआ नहीं की जलसंकट गहराने लगा और फसल बर्बाद होने लगी इसका कारण है की हमारे क्षेत्र में जलाशयों के स्रोतों का आभाव, सरकार जो भी चेक डैम बनवाती है या मंरेगा के तहत जो भी तालब और कुओ का निर्माण करती है बरसात बीत जाने के बाद तक तो कुछ दिन पानी रहता है पर गर्मी में पानी के स्रोत सूख जाते। इसके दोषी वे सरकार को मानते है और मांग करते है की सिचाई के साथ साथ पेयजल की भी वयवस्था की जाये।

मोहम्मद मुजफ्फर हुसैन साथ में रामचंद्र जी हजारीबाग से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की पंचायत चुनाव से ग्रामीण लोगो को काफी फायदे हुए ग्रामीण सरकारी योजनाओ का लाभ ले रहे है तथा ग्रामीण क्षेत्र में जो भी पथ निर्माण का कार्य नहीं हुआ है वह मुखिया के सहयोग से पूरा बन जाए.

मोहम्मद मुजफ्फर हुसैन हजारीबाग से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की आये दिन दुर्घटनाये होती रहती है जिनमे शिकार होने वाले अधिकांश युवा वर्ग है मोहम्मद इम्तियाज शाह जिनका हल ही में पतरातू में एक्सीडेंट हुआ था उनके पास एक पैकेट था जो पुलिस ने बरामद किया,परिजनों ने काफी मान-मनोउल से जब वो पैकेट माँगा तो पुलिस प्रशासन ने देने से इंकार कर दिया, थाना प्रभारी को बताने पर अनभिज्ञता जाहिर की गयी तो क्या पुलिस और अन्य प्रशसन जनता की सहूलियत के लिए है या फिर उन्हें परेशान करने के लिए.

हाज़रीबा से मजफ्फर हुसैन मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि उनके साथ एक महिला है जिनके पति का देहांत हो गया है और कुछ दिनो से उनका सम्बंद उनके देवर के साथ प्रेम प्रसंग का चल रहा हथा। और जब उसने अपने देवर से शादी के लिए कहा तो उसने मन कर दिया। फिर वह इस बात को ले कर थाने पहुंची और पुलिस को सारी बाते बताई। उनकी बातो को सुन कर पोलिस ने उस लड़के को बुला कर थाने में ही उन दोनो की शादी करवा दी। उस शादी में बहोत सारे गणमान्य नेता भी उपस्थित हुए और उन दोनो की शादी करवाए। इस तरह से यह एक उदाहरण है कि एक महिला ने अपने हक़ और अधिकार को लड़ कर लिया। महिला हिंसा के खिलाफ यह एक बहोत बड़ा कदम है एक महिला के द्वारा। मुजफ्फर जी उस महिला को इस प्रयास और सभी महिलाओ की तरफ से ये कदम बढ़ाने के लिए बहोत बहोत धन्यवाद देते है और उनके उज्जवल भविस्य की कामना करते है। और साथ ही साथ पुलिस ने जो काम कर के दिखाया है उसके लिए भी उन्हें बहोत बहोत धनयबाद देते है।

दीपक कुमार सिंह हजारीबाग से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ सुविधाओ की दयनीय स्थिथि है कही अस्पताल है तो डाक्टर की कमी है ,दवा नहीं है और और तो डाक्टर ही नहीं है अत:राजनितिक पार्टी और सम्बंधित नेता अपने घोषणा पात्र में ये जरुर शामिल करे की प्रखंड स्तर पर एक ऐसा अस्पताल होना चाहिए जो सभी स्वास्थ सुविधाओ से लैस हो साथ ही पंचायत स्तर पर भी ये सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।

दीपक कुमार सिंह हजारीबाग से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ सुविधाओ की दयनीय स्थिथि है कही अस्पताल है तो डाक्टर की कमी है ,दवा नहीं है और और तो डाक्टर ही नहीं है अत:राजनितिक पार्टी और सम्बंधित नेता अपने घोषणा पात्र में ये जरुर शामिल करे की प्रखंड स्तर पर एक ऐसा अस्पताल होना चाहिए जो सभी स्वास्थ सुविधाओ से लैस हो साथ ही पंचायत स्तर पर भी ये सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।

दीपक कुमार सिंह हजारीबाग से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ सुविधाओ की दयनीय स्थिथि है कही अस्पताल है तो डाक्टर की कमी है ,दवा नहीं है और और तो डाक्टर ही नहीं है अत:राजनितिक पार्टी और सम्बंधित नेता अपने घोषणा पात्र में ये जरुर शामिल करे की प्रखंड स्तर पर एक ऐसा अस्पताल होना चाहिए जो सभी स्वास्थ सुविधाओ से लैस हो साथ ही पंचायत स्तर पर भी ये सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।

जिला हजारीबाग,सदर से दीपक कुमार सिंह झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से कहते है वन अधिकार अधिनियम कानून के तहत जिस तरह झारखण्ड या दूसरे क्षेत्र में आदिवासियो को वन अधिकार नियम के तहत का वन अधिकार दिया गया है उसी तरह उस क्षेत्र में रहने वाले पिछड़ी जातियो को क्यूं नहीं अधिकार दिए जाते है ये भी आदवासी संस्कृति के अनुसार रहते है और उन्हें भी आदिवासियो कि तरह वैन अधिकार के नियम के तहत अधिकार मिलाने चाहिए। तभी वन अधिकार का उद्देश्य पूरा होगा।

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