जिला दुमका काठीकुंड से जीतेन्दर भगत झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि उनके प्रखंड में बाल मजदूरी करवाई जा रही है,जिससे बच्चे स्कुल नहीं जा कर काम करने जाते हैं,और यह भी बताते हैं कि उनके प्रखंड में ध्न्यापारी गाँव है जन्हा कोयला का खदान है अगर कोई कंपनी जा कर चेक करे तो कोयला काफी मात्रा में निकल सकता है जिससे उस इलाके की गरीबी दूर हो सकती है,सरकार को बाल मजदूरी रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।

दुमका,काठीकुंड से अवनीश कुमार झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी दे रहे है की लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनितिक पार्टियों ने अपने घोषणा पत्र में विभिन्न मुद्दों को रखा है पर इससे किसी को कुछ मिलने वाला नहीं है साथ ही पंचायतो को हक़ दिलाने के लिए किसी राजनितिक पार्टि ने इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया है.

जिला दुमका काठीकुंड से अवनीश कुमार झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि महिला को जागरूक होना होगा,महिलाओ को समझ्ना होगा की उनके लिए बहुत सरे कानून हैं जो की महिला को सही दिशा में ले जा सकते हैं और हिंसा से भी बचा सकते है,महिला आयोग के पास जा कर,समाज में अपनी बात रख कर वो अपनी समस्या को बता सकती है,और इससे वो आगे बढ़ सकती है महिला को चुप नहीं बैठना होगा हिंसा के खिलाफ लड़ाई लड़ना होगा।

दुमका,काठीकुंड से अवनीश कुमार झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी दे रहे है की आये दिन महिलाओ पर हो रही घरेलु हिंसा की खबर आ रही है इसके संधर्भ में महिलाओ को ही जागरूक होना होगा,उन्हें इसके लिए बनाये गए कानून को समझना होगा जो की उन्हें सही दिशा में ले जा सकते है महिला इसके विरोध में किसी भी संघठन अधिकारी के पास,महिला आयोग के पास,थाणे में कम्प्लेन दर्ज करा सकती है कहने का मतलब है की महिला को ही आगे आना होगा जागरूक होना होगा लड़ाई लड़ना होगा,ना की चुप बैठना होगा।

दुमका,काठीकुंड से अवनीश कुमार झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी दे रहे है की लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनितिक पार्टियों ने अपने घोषणा पत्र में विभिन्न मुद्दों को रखा है पर इससे किसी को कुछ मिलने वाला नहीं है साथ ही पंचायतो को हक़ दिलाने के लिए किसी राजनितिक पार्टि ने इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया है.

Transcript Unavailable.

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जिला दुमका के काठीकुंड प्रखंड से जीतेन्द्र भगत ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रो में लड़का और लड़की में भेद भाव किया जाता है।सरकार द्वारा यह नर लगाया जाता है की लड़का कड़की सब एक समान लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ और ही देखा जाता है।अभी भी लड़कियो को बोझ समझा जाता है।बेटे को अभी भी महान और बेटियो को बोझ समझा जाता है।अत:ग्रामीण क्षेत्रो में इस भेद भाव को ख़त्म करने की आवश्यकता है।

दुमका,काठीकुंद से लखन पाल झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी दे रहे है काठीकुंड में नन बैंकिंग कंपनियों के कारण एजेंट है परेशान काठीकुंड में 15 से 20 नन कंपनिया है कल आसंमानी में सीनियर के समक्ष एजेंट बैठक कर रहे है क्योंकि सीनियर का कहना है की नन कंपनिया पैसा लेकर भाग गए.ताल-मेल कर कंपनी से पैसा निकलवाने की कोशिश की जा रही है.