Bokaro: Umesh Ujagar called from Uperghat, Bokaro to talk about the plight of the displaced people from Uperghat. He revealed that almost six hundred acres of land has been acquired by BTPS(Bokaro Thermal Power Station) from villagers twenty years back. Very few of the displaced has been rehabilitated leaving the rest exploited and helpless. He concluded saying that something positive needs to be dwelled out soon to rehabilitate the displaced form the region.

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बोकारो नवाडीह से जे एम् रंगीला जी ने झारखण्ड मोबाइल पर बताया कि सं डॉ.भीम राव आंबेडकर उत्थान के तत्वावधान में भेणद्र में आज जन्मदिवास मनाया जा रहा हैं. जानकारी देते हुए भेणद्र के मुखिया ने बताया की समारोह में डुमरी के प्रखंड के विकास पदाधिकारी सुन्दर कुमार साथ ही तोपचांची के अंचला पदाधिकारी चिंटू गोराय बुरु तथा अजसु पार्टी के केंद्रीय सचिव दामोदर प्रसाद महतो खासतौर पर उपस्थित रहेंगे साथ ही साथ रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया हैं.

बोकारो नवाडीह से लालचंद महतो ने झारखण्ड मोबाइल वाणी पर बताया की नवाडीह के सरिया प्रखंड के अंतर्गत जमुनिया नदी पर मुख्यमंत्री ग्राम स्वीकृत योजना के तहत बनने वाले पुल को लेकर बोकारो के कार्यपालक अभियंता वासुकी नाथ सिंह ने बैठक की एवं ग्रामोनो से पुल के बनाने हेतु जानकारी ली.राज्यपाल के सलाहर ने कर्यपालक अभयन्ता को बैठक एवं स्थल निरिक्षण के लिए भेजा था.बैठक के बाद अभियंता ने बताया की यह पुल जनउपयोगी हैं इस पुल के बन्ने के बाद बोकारो एवं धनबाद के बिच की दुरी कम होजाएगी साथ ही साथ राष्ट्रीय राज्यमार्ग २ एवं रेलवे स्टेशन की दुरी कम हो जाएगी साथ ही इससे कई ग्रामीण क्षेत्रो को यातायात की सुविधा प्राप्त होगी. इस मौके पर विधायक जगन्नाथ महतो भी उपस्थित थे.

बोकारो: नावाडीह, बोकारो से लालचंद महतो ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि विस्थापन के नाम सुनते ही ग्रामीणों की धड़कन तेज हो गया.उन्होंने बताया कि नावाडीह प्रखंड के ऊपरघाट स्थित पलामू पंचायत के राजस्व गाँव बडकी कोडी और छोटकी कोडी एक आदिवासी गाँव जहाँ पर सीसीएल ने २०० एकड़ जमीन कोयला खनन के लिए ग्रामीणों से वार्ता की है. जिसमे १ एकड़ जमीन वैसे जमीन भी शामिल है जिस पर विगत कई वर्षों से कृषि कार्य की जा रही है.यहाँ के ग्रामीणों ने यहाँ की जमीन को सीसीएल को न देने का फैसला किया है. इस सम्बन्ध पर ग्रामीणों को ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम रमेश से बात करने की आश्वासन दी गई है. ग्रामीण का कहना है कि हमे नौकरी नहीं चाहिए.

बोकारो: नावाडीह, बोकारो से लालचंद महतो झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड में ९ पंचायत है और सभी पंचायत उग्रवाद प्रभावित हैं. यह प्रखंड आज भी विकास से कोषों दूर है यहाँ पर बिजली, पानी,सड़क आदि की समस्या व्याप्त है.वे कहते हैं कि नावाडीह प्रखंड के ऊपरघाट के कई गाँव ऐसे हैं जहाँ पर सड़क नही है लोगो को आने-जाने में काफी परेशानी होती है.यहाँ पर सड़क की स्थिति ऐसी है की मोटरसाईंकिल चलाना तो दूर पैदल चलना मुस्किल होता है.यहाँ के आदिवासी लोगो का आज के इस आधुनिक युग में भी जंगल से प्राप्त कांद-मूल दिन का पहला भोजन होता है.वे कहते हैं कि इस क्षेत्र के लिए नेतागण विकास करने की बात तो करते है लेकिन विकास करते नही.

जे एम् रंगीला बोकारो नवाडीह से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर बताया की सरकार ने १९७२ में निजी कोयला खानों का राष्ट्रीयकरन के कारन कई लोगो की जमीन छिन ली गई. मगर इस घटना के ४१ साल के बाद भी विस्थापितों को किसी भी तरह की मुआवजा नहीं दिया गया.रंगीला जी ने बताया की तुरियों पंचायत के ग्रामीणों की ४३.६५ एकड़ रेयती जमींन तथा ११२ एकड़ गैर मजरुवा जमींन बीसीसीएल ने अधिग्रहण किया हैं. राष्ट्रीयकरण के पश्चात ग्रामीणों को को कंपनी की तरफ से किसी भी तरह का मुआवजा प्राप्त नहीं हुआ तो वहां के ग्रामीणों ने विस्थापित संघर्ष समिति की घोषणा कर १९८२ में सी सी एल क्षेत्र की कल्याणी तथा तारिणी परियोजना का विरोध किया और आज भी इसकी चिंगारी देखने को मिलती हैं. विस्थापित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष दुखन महतो जी से जे एम् रंगीला एवं वसुदेओ तुरी जी ने बात की और उन्होंने बताया की उनके गाव के सैकड़ो परिवार विस्थापित हुए हैं जिनको कम्पनी की तरफ से कोई मुआवजा प्राप्त नहीं हुआ हैं. दुखन महतो जी ने बताया की उनकी १५.८५ एकड़ जमीं अधिग्रहित की गए थी जो खता न.२२ में ३.९५ डिसमिल,खातानो ९ में २.९५ डिसमिल, खातान. ५ में ४.९५ डिसमिल,खातान.३४ में ४ एकड़ भूमि कम्पनी के द्वारा अधिग्रहित की गयी थी. विस्थापितों का आन्दोलन वर्षो से चला आ रह हैं मगर उन्हें हासिल कुछ भी नहीं हुआ हैं बस दर दर की ठोकर खाने को बेबस हैं.

चौरामण महतो बोकारो नवाडीह से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैः की आज विकाश का कोई भी कार्य बगैर रिश्वत दिए बगैर अधिकारी नहीं करते हैं जिस कारन विकाश के कार्यो में बाधा आती हैं. उन्हीने बताया की उनकी बस्ती की गली में बरसात के दिनों में कीचड़ के जमा होने के कारन लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं. इस सम्बन्ध में अधिकारीयों को लिखित सुचना दी गयी हैं मगर ग्रामीणों के द्वारा रिश्वत नही देने के कारन कार्य रुका हुआ हैं.

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