झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला से टेक नारायण प्रसाद कुशवाहा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि कई इलाकों में कई दिनों से बारिश नहीं हुयी है जिसके कारण धान की बालियां सुख रही हैं। इस समय पानी की आवश्यकता थी लेकिन सही समय में पानी नहीं आने के कारण खेतों में दरार आ रही है और धान की बालियां सुख रही हैं

बिहार राज्य के सुपौल जिला मरौना प्रखंड से महादेव यादव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कोशी नदी में पानी सही सलामत बह रहा है। मौसम के कारण किसानो को परेशानी हो रही है धुप होता है तो ज्यादा धुप होता है पानी आता है तो पानी भर जाता है। जिन किसानों का फसल बर्बाद हुआ है उनके फसल बर्बादी का मुआवजा दिया जाए

बिहार राज्य के जिला नालंदा के नगरनौसा प्रखंड से सोभा देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अस्मिता कुमारी से हुई। अस्मिता कुमारी यह बताना चाहती है कि पानी को गर्म करके पीना चाहिए। टंकी से पानी निकाल कर थोड़ा देर रुक कर पीना चाहिए। ताकि गन्दगी निचे बैठ जाए । पानी को छान कर ही पीना चाहिए। ज्यादा ठंडा और गर्म पानी नहीं पीना चाहिए। बरसात के मौसम में मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के नूरसराय प्रखंड से शम्भू प्रसाद ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि नल जल योजना ध्वस्त निकला। धरातल पर योजना का लाभ नहीं पहुँचा। जगह जगह पाइप फटा हुआ है जिससे अशुद्ध जल पीने को लोग विवश है। इसीलिए पानी उबाल कर पिये। लोगों की ही गलती के कारण पर्यावरण बिगड़ा है। वन पशु भटक रहे है और लोगों पर हमला कर रहे है। गर्मी हो या बरसात का मौसम ,लोगों को अपना बचाव खुद करना चाहिए।

उत्तर प्रदेश राज्य के गाजीपुर जिला से उपेंद्र कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गाजीपुर से जनपद सहित अन्य क्षेत्रों में अब धीरे-धीरे भीषण गर्मी से लोगों को निजात मिल रही है और ठंड अपनी दस्तक धीरे-धीरे बनाना शुरू कर दी है यैसे में लोगों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही अपने आस-पास के लोगों में भी ऐसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। बदलते मौसम में अक्सर लोगों को सर्दी, वायरल बुखार आदि जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?

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