कंगारू मदर केयर तकनीक में मां के शरीर की गर्मी ही है नवजात के लिए रक्षक - कम वजनी व संक्रमण की आशंका वाले बच्चों के लिए जरूरी है केएमसी - केएमसी से शिशु के शरीर का बढ़ता है तापमान और वह सामान्य महसूस करता है मुंगेरजिला भर में इन दिनों ठंड का प्रभाव काफी बढ़ते जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों में न्यूनतम व अधिकतम तापमान में तेजी से गिरावट देखने को मिल सकती है। ऐसी परिस्थिति में स्वास्थ्य विभाग भी अपने स्तर से तैयारियां शुरू कर रहा है ताकि, लोगों को ठंड से बचाने के लिए जागरूक किया जा सके। ऐसे समय में नवजात बच्चों को हाईपोथर्मिया व निमोनिया का सबसे अधिक खतरा रहता है। सबसे अधिक परेशानी प्री-मैच्योर शिशुओं को होती है। नवजात शिशुओं में तय समय से पहले जन्म और जन्म के समय वजन का कम होना अक्सर देखा जाता है। ऐसे शिशु सामान्य शिशु की तुलना में ज्यादा कोमल और कमजोर होते और उन्हें कई तरह की बीमारियां होने का भी खतरा बना रहता है। ऐसे शिशुओं को गहन देखभाल की जरूरत होती है। जिसे कंगारू मदर केयर (केएमसी) विधि से किया जा सकता है। केएमसी तकनीक खासतौर से कम वजन के बच्चों और ऐसे बच्चे जिन्हें संक्रमण की आशंका होती, उन्हें दी जाती है। प्री-मैच्योर डिलेवरी के दौरान जन्म लेने वाले कमजोर बच्चों को इससे स्वस्थ्य रखा जा सकता है। छह महीने तक कर सकते हैं केएमसी : जिला के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आनंद शंकर शरण सिंह ने बताया कि कंगारू मदर केयर तकनीक में मां और नवजात के बीच स्किन-टू-स्किन कॉन्टैक्ट होता है। इसमें मां नवजात को अपने सीने से लगाकर रखती है। इस तरह के स्पर्श से मां और बच्चे के बीच का स्नेह बढ़ता है। एक दिन में मां या पिता या फिर दादा-दादी कम से कम 4 और ज्यादा से ज्यादा 12 घंटे तक नवजात को अपने सीने से लगाकर रख सकते हैं। इस दौरान बच्चों को सिर्फ डायपर के अलावा और कुछ नहीं पहनाया जाता है। केएमसी छह महीने तक कर सकते हैं। इसमें ढाई किलो से कम वजन और प्री-मैच्योर नवजात, जिनका वजन 1800 ग्राम से कम होता है। उसको रोजाना 8 घंटे (2-2 घंटे की सीटिंग) तक केएमसी चाहिए। प्री-मैच्योर नवजात की डिलीवरी के बाद उसका वजन 1800 ग्राम होता है। केएमसी देने से उसका वजन नॉर्मल बच्चे के बराबर यानी ढाई किलो का हो जाता है। गर्भ में ही मां की धड़कनों को पहचानने लगते हैं शिशु : उन्होंने बताया कि नवजात बच्चों को केएमसी की जरूरत होती है। जब नवजात जन्म लेता है उसके शरीर का तापमान 37 डिग्री होता है। जब नवजात जन्म लेने के दौरान बाहर आता है, तो उसके शरीर का तापमान अचानक कम हो जाता है। ये समय होता है जब उसके नाल काटने से पहले नवजात को मां के स्पर्श के लिए दिया जाता है। इससे उसके शरीर का तापमान बढ़ जाता और वो नॉर्मल फील करता है। ऐसा न करने से नवजात की जान जा सकती है। गर्भ से ही नवजात अपनी मां की आवाज और दिल की धड़कन को पहचानने लगता है। इसलिए इस केयर से नवजात खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करता है। मां के पास नवजात के रहने से स्किन-टू-स्किन कॉन्टैक्ट से ब्रेस्ट में दूध भी ज्यादा आता है। मां आसानी से उसे फीड करा सकती है।

डेंगू से मुक्ति के लिए दो दिनों तक चले ड्राई रन के बाद दिखने लगा सकारात्मक प्रभाव - बुखार से पीड़ित 94 लोगों की डेंगू जांच में 6 लोग पाए गए डेंगू संक्रमित - डेंगू मरीजों की संख्या शून्य होने तक शहर में जारी रहेगी फोकल फॉगिंग, स्ट्रीट फॉगिंग और लार्वा को मारने के लिए टोमीफोर्स का छिड़काव मुंगेर, 14 नवंबर। मुंगेर को डेंगू के डंक से मुक्ति दिलाने के लिए जिलाधिकारी नवीन कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग, मुंगेर नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के द्वारा घर घर जाकर शुक्रवार को चलाए गए सघन निरीक्षण अभियान, शनिवार और रविवार को चलाए गए ड्राई रन का अब सकारात्मक प्रभाव दिखने लगा है । मालूम हो कि मुंगेर के डेंगू प्रभावित 12 हॉट स्पॉट एरिया में 6 टीम गठित कर सघन निरीक्षण अभियान चलाया गया । इस दौरान विभिन्न घरों के विभिन्न बर्तनों, स्थानों पर पिछले कई दिनों से जमा पानी पाया गया जिसमें डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर के लार्वा मौजूद थे। तत्काल निरीक्षण टीम के सदस्यों के द्वारा जमा पानी को पलटकर उसमें लार्वा को मारने वाली दवा का छिड़काव किया गया और लोगों से उस बर्तन को 24 घंटे के लिए पूरी तरह से सूखा करने की अपील की गई। डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉ अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि लगातार तीन दिनों तक सघन निरीक्षण अभियान और इस दौरान लोगों से ड्राई डे मनाने की अपील का अब सकारात्मक प्रभाव अब दिखने लगा है। पिछले दिन बुखार से पीड़ित 94 लोगों की डेंगू जांच की गयी । इनमें से 28 व्यक्ति डेंगू की वन जांच में पॉजिटिव पाए गए वहीं इन सभी लोगों की एलिजा टेस्ट करवाने पर 6 लोग डेंगू की बीमारी से पीड़ित पाए गए। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के क्रम में लोगों से विभिन्न बर्तनों में पानी जमा करने के बारे में जब बात की गई तो उन्होंने अपनी परेशानी साझा करते हुए बताया कि विभिन्न बर्तनों, गैलन सहित अन्य जगहों पर पानी जमा करना हमलोगों की मजबूरी है। मुंगेर में पानी की बहुत ही ज्यादा किल्लत है। कई कई दिनों तक हमलोगों को पानी नसीब नहीं होता है। इस परेशानी से बचने के लिए हमलोग अपने घरों में विभिन्न बर्तनों में पानी जमा करके रखते हैं ताकि ऐन मौके पर कोई परेशानी नहीं हो। - डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या शून्य होने तक शहर में जारी रहेगी फोकल फॉगिंग, स्ट्रीट फॉगिंग और लार्वा को मारने के लिए टोमीफोर्स का छिड़काव : उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों तक चले ड्राई रन के बाद डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या में आई कमी राहत देने वाली है। यदि इसी तरह से डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी होती रही तो उम्मीद करते हैं कि बहुत ही जल्द मुंगेर डेंगू के संक्रमण से मुक्त हो जाएगा। बावजूद इसके जिला में डेंगू मरीजों की संख्या शून्य होने तक स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा मरीजों के घरों सहित आसपास के 50 घर या 500 मीटर के रेडियस में फोकल फॉगिंग जारी रहेगी । इसके साथ ही नगर निगम क्षेत्र के नालों में भी डेंगू के लार्वा को मारने के लिए टोमीफोर्स दवा का छिड़काव जारी रहेगा ।

नगर निकाय अभ्यर्थी एसोसिएशन के द्वारा संसदीय, प्रमंडलीय, जिला एवं नगर निगम मुख्यालय मुंगेर में मेडिकल कॉलेज स्थापित कराने के लिए "चाय पर चर्चा" अभियान की शुरुआत कर दिया गया है। नगर निकाय अभ्यर्थी एसोसिएशन के संयोजक संजय केशरी ने 2 नंबर गुमटी के जीतेन्द्र चाय दुकान में चाय पर चर्चा अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि मुंगेर मुख्यालय के नयागांव-चुरम्बा डम्पिंग ग्राउंड मुंगेर मेडिकल कॉलेज के लिए सर्वोपयुक्त स्थान है जहां ना तो जमीन अधिग्रहण की समस्या है, ना तो वह जल-जमाव या बाढ़ आप्लावित या दलदली भूमि है और ना ही मुआवजा का कोई लफड़ा है। इसके अलावा नयागांव-चुरम्बा डम्पिंग ग्राउंड राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग और जिला की सड़कों से बेहतर कनेक्टिविटी है। श्री केशरी ने कहा कि मुंगेर मुख्यालय में मेडिकल कॉलेज स्थापित होने से सभी रोगों के विशेषज्ञ डॉक्टर उपस्थित रहेंगे जिससे रेफर होकर बेमौत मरने की नौबत नहीं आएगी और पूरा क्षेत्र मेडिकल हब के रूप में विकसित हो सकेगा। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश महासचिव रामकुमार सिंह ने कहा कि जब सरकार का नीतिगत निर्णय है कि मुख्यालय में ही मेडिकल कॉलेज स्थापित होना है तो फिर मुंगेर के साथ साजिश बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज के लिए चाय पर चर्चा कार्यक्रम में सुनील कुमार सिंह, सत्यनारायण साह, जीतेन्द्र बिंद, रुपेश बिंद, अमर गुप्ता, कन्हैया गुप्ता, सचिन राऊत, टुनटुन मंडल, बिनोद राऊत, राजकुमार बिंद, अजय सिन्हा, अभिषेक आनंद, आमिर मांझी, चन्दन बिंद, राजू ठाकुर एवं केशव केशरी सहित अनेकों लोग शामिल थे।

डेंगू के डंक से मुक्ति दिलाने को स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम ने घर - घर जाकर लोगों को किया जागरूक - स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम ने मुंगेरवासियों से की 24 घंटे के लिए ड्राई डे मनाने की अपील - जागरूकता रथ से लोगों से अपने घरों और आसपास जमा पानी को पूरी तरह से सुखाने को लेकर की जा रही है अपील मुंगेर, 11 नवंबर। मुंगेर को डेंगू के डंक से मुक्ति दिलाने के लिए शुक्रवार की अहले सुबह स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम ने विभिन्न घरों में जाकर निरीक्षण करते हुए लोगों को जागरूक किया । इस दौरान एक घर में पानी के बाल्टी वाले गमले में पिछले कई दिनों से पानी जमा था। इसकी जांच करने के बाद उसमें डेंगू फैलाने वाले एडीस मच्छर का लार्वा पाया गया। इसी तरह दूसरे घर में बाल्टी में पिछले कई दिनों से जमा पानी में भी डेंगू का लार्वा पाया गया। तत्काल ही टीम के सदस्यों के द्वारा पानी को बदलते हुए घर के आसपास नालियों एवम अन्य स्थानों पर भी जमा पानी पर डेंगू के लार्वा मारने वाले टोमीफोर्स दवा का छिड़काव किया गया। इस अवसर पर जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉ अरविंद कुमार सिंह, जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजी, नगर निगम के उप नगर आयुक्त विनय कुमार, वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर संजय कुमार विश्वकर्मा, वेक्टर बोर्न डिजीज कंसल्टेंट पंकज कुमार प्रणव, जिला स्वास्थ्य समिति के एपीडिमियोलोजिस्ट प्रेम रंजन दुबे सहित स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। पानी के सही उपयोग और रखरखाव के तरीकों में परिवर्तन लाकर काफी हद तक डेंगू पर पा सकते हैं नियंत्रण : डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉ अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को निरीक्षण के दौरान देखा गया कि घर में बोरिंग होने के बावजूद लोग अनावश्यक रूप से विभिन्न बर्तनों में पानी जमा कर रखे हुए हैं जिसमें डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर के लार्वा मौजूद थे। लोग अपने घरों के गमला, फ्रिज, कूलर सहित अन्य बर्तनों, बेकार की चीजों, पुराने सामान, टायर इत्यादि में जमा पानी को नहीं बदलते हैं। इससे वहां डेंगू ही नहीं अन्य संक्रामक बीमारियों को फैलाने वाले मच्छर पनपते हैं और लोगों को अपना शिकार बनाते । इसके साथ ही लोग अपने घरों में मच्छरदानी का भी नियमित इस्तेमाल नहीं करते हैं जिसकी वजह से डेंगू का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। लोगों से अपने घरों के बर्तनों और आसपास के गड्ढों में जमा पानी को पूरी तरह से सूखा करने की अपील – आम लोगों से अपील करते हुए उन्होंने अगले 24 घंटे के लिए ड्राई डे मनाते हुए अपने घरों के विभिन्न बर्तनों और आसपास के गड्ढों में जमा पानी को पूरी तरह से सूखा करने की बात कही । ताकि डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर के लार्वा को एक साथ समाप्त किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से मच्छर दानी का नियमित इस्तेमाल करने, पूरी तरह ढके हुए कपड़े पहनने और अपने घरों के आसपास किसी भी प्रकार कि गंदगी जमा नहीं करने की अपील की ताकि आने वाले कुछ दिनों में मुंगेर को पूरी तरह से डेंगू के संक्रमण से मुक्त किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग और मुंगेर नगर निगम की संयुक्त टीम बनाकर घर घर निरीक्षण कर जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश -- : जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजी ने बताया कि मुंगेर जिला में डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पिछले दिनों जिलाधिकारी कि अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग और मुंगेर नगर निगम की संयुक्त बैठक हुई थी । इसमें जिलाधिकारी नवीन कुमार और मुंगेर नगर निगम के नगर आयुक्त धनकराज निपकर ने डेंगू के बढ़ते संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग और मुंगेर नगर निगम की संयुक्त टीम बनाकर घर घर जाकर निरीक्षण करते हुए जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया था । इसी को ध्यान में रखते हुए घर घर निरीक्षण के साथ साथ ई. रिक्शा जागरूकता रथ के माध्यम से शहर की सभी प्रमुख सड़कों और गलियों में लोगों को डेंगू के संक्रमण से बचने के उपाय के बारे में जानकारी देते हुए जागरूक किया जा रहा है। पानी को एक बर्तन में 24 घंटा से अधिक देर तक जमा नहीं होने दें-- उन्होंने बताया कि मुंगेर में बढ़ते डेंगू के प्रकोप को देखते हुए अब यह आवश्यक है कि सभी लोग पानी को सुरक्षित रखने और पानी के उपयोग पर विशेष रूप से ध्यान दें और किसी भी प्रकार के पानी को एक बर्तन में 24 घंटा से अधिक देर तक जमा नहीं होने दें। इसके साथ ही अगले 24 घंटा तक घर के सभी बर्तन सहित अन्य स्थानों पर जमा पानी को सूखा कर बिलकुल ड्राई डे के रूप में मनाएं । ताकि आने वाले कुछ समय में मुंगेर डेंगू के संक्रमण से पूरी तरह से सुरक्षित हो सके।

महिला बंध्याकरण की तुलना में काफी आसान और सुरक्षित है पुरुष नसबंदी " अब पुरुष भी निभायेंगे जिम्मेदारी, परिवार नियोजन अपनाकर दिखाएंगे अपनी भागीदारी " की थीम पर 14 से परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा - 14 से 20 नवंबर तक दंपति संपर्क सप्ताह - 21 नवंबर से 04 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी सेवा पखवाड़ा मुंगेर, अब पुरुष भी निभायेंगे जिम्मेदारी, परिवार नियोजन अपनाकर दिखाएंगे अपनी भागीदारी " की थीम पर मिशन परिवार विकास अभियान के तहत 14 नवंबर से 04 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जाएगा । इस दौरान 14 से 20 नवंबर तक जिला भर में दंपति संपर्क सप्ताह मनाया जाएगा। इसके तहत आगामी 14 - 15 नवंबर तक स्वास्थ्य मेला आयोजित करने के साथ मीडिया ब्रीफिंग, सारथी (ई. रिक्शा) जागरूकता रथ का परिचालन एवम दंपति सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद 21 नवंबर से 04 दिसंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के तहत पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन जिला भर के सभी अस्पतालों और प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर किया जायेगा। मालूम हो कि प्रत्येक महीने 21 तारीख को उपलब्ध दिशा निर्देश के अनुसार जिला के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सभी क्रियाशील हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया जाता है। महिला बंध्याकरण की तुलना में काफी आसान और सुरक्षित है पुरुष नसबंदी : जिला के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ) डॉ आनंद शंकर शरण सिंह ने बताया कि पुरुष नसबंदी महिला बंध्याकरण की तुलना में काफी आसान और सुरक्षित है । यह प्रक्रिया बिना चीरा और टांके के मात्र आधा घंटा से भी कम समय में पूरा हो जाता है। इसके बाद लाभार्थी आराम से अपने घर जा सकते हैं। जिला के सभी सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा पूरी तरह से निःशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि महिला पर घर के साथ - साथ बच्चों की भी जिम्मेदारी होती है। बंध्याकरण होने के बाद उन्हें आवश्यक आराम भी नहीं मिल पाता है। ऐसी परिस्थिति में पुरुषों की भी नैतिक और पारिवारिक जिम्मेदारी बनती है कि वो पुरुष नसबंदी के लिए आगे आएं। महिला बंध्याकरण की तुलना में पुरुष नसबंदी करवाने पर मिलती है अधिक प्रोत्साहन राशि : जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजी ने बताया कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि भी रखी गई है। नसबंदी करवाने पर पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपया मिलता है वहीं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 400 रुपया मिलता है। वहीं महिला बंध्याकरण करवाने पर महिला लाभार्थी को 2000 रुपया और प्रेरक को 300 रुपया की प्रोत्साहन राशि मिलती है। उन्होंने बताया कि एनएसवी विधि के द्वारा किए जाने वाले पुरुष नसबंदी में न तो चीरा लगता है, न टांका लगता है और न ही पुरुष की पौरुष क्षमता में कमी या कमजोरी होती है। यह सरल ऑपरेशन, दक्ष सर्जन के द्वारा मात्र 10 मिनट में कर दिया जाता है। ऑपरेशन के दो दिनों के बाद से लाभार्थी सामान्य कार्य एवम सात दिनों के बाद भारी काम कर सकते हैं। पिछले दो मिशन परिवार विकास अभियान में पुरुष नसबंदी में मुंगेर ने पूरे बिहार में प्राप्त किया लगातार दूसरा स्थान : जिला सामुदायिक उत्प्रेरक (डीसीएम ) निखिल राज ने बताया कि 11 से 31 जुलाई और 12 से 24 सितंबर तक मिशन परिवार विकास अभियान के तहत चले परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के दौरान दोनों बार मुंगेर जिला ने राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। पहली बार 11 से 31 जुलाई तक चले परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के दौरान मुंगेर जिला ने निर्धारित लक्ष्य 55 की तुलना में 52 लोगों की पुरुष नसबंदी करवाकर पूरे बिहार में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। वहीं दूसरी बार 12 से 24 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के दौरान मुंगेर जिला ने निर्धारित लक्ष्य 55 से अधिक 76 लोगों की पुरुष नसबंदी करवाकर पूरे बिहार में लगातार दूसरी बार दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इस बार पूरे मुंगेर में कुल 105 लोगों की पुरुष नसबंदी करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें से 15 लोगों का एमसीएच, डीएच और एसडीएच में और शेष 90 लोगों की प्रत्येक प्रखंड 10 लोगों के हिसाब से सभी 9 प्रखंड में कुल 90 लोगों की पुरुष नसबंदी करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

समय पर कैंसर की पहचान होने से इसका इलाज आसानी से सम्भव -जिला के स्वास्थ्य केंद्रों में हुई निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श सप्ताह की शुरुआत - 07 से 14 नवंबर तक स्वास्थ्य केंद्रों में हो रही है संभावित कैंसर मरीजों की जांच - समय पर जांच व इलाज कराने से कैंसर मुक्त हो सकते हैं मरीज : एनसीडीओ - शरीर का कोई भी भाग हो सकता है कैंसर का शिकार - कैंसर से सुरक्षित रहने के लिए संतुलित खान-पान आवश्यक मुंगेर, 08 नवंबर। जिला के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर 07 से 14 नवंबर तक कैंसर रोग परामर्श सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान गैर संचारी रोगों की जांच के लिए आए सभी लोगों के कैंसर की संभावित लक्षणों की जांच करने के साथ ही चिकित्सकों द्वारा इससे सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक परामर्श भी दिया जा रहा है। मालूम हो कि कैंसर जैसी भयावह बीमारी भी अब लाइलाज नहीं है। समय पर इसकी पहचान होने पर इसका बेहतर इलाज किया जा सकता है। इसके लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों में संचालित गैर संचारी रोग (एनसीडी) क्लीनिक में लोग कैंसर की जांच करा सकते हैं। जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर उसे बेहतर चिकित्सा के लिए उत्कृष्ट मेडिकल अस्पताल भेजा जाएगा, जहां लोग निःशुल्क अपना कैंसर का इलाज करवा सकते हैं। सदर अस्पताल परिसर में 07 से 14 नवंबर तक आयोजित है निःशुल्क कैंसर जांच एवम परामर्श सप्ताह : मंगलवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित एनसीडी क्लीनिक के सामने आयोजित निःशुल्क कैंसर जांच और परामर्श शिविर में गैर संचारी रोगों के इलाज के लिए उपस्थित लोगों की कैंसर स्क्रीनिंग करते हुए जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (एनसीडीओ) डॉ. के. रंजन के द्वारा निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श सप्ताह की शुरुआत की गई। इस दौरान उपस्थित लोगों के मुँह, सर्वाइकल आदि की जांच करते हुए उन्हें कैंसर से सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक खान-पान का ध्यान रखने की सलाह दी गई। मौके पर जिला गैर संचारी रोग अधिकारी डॉ. के. रंजन साथ फिजियोथेरेपिस्ट नितिन आनंद, साईकोलोजिस्ट और राखी मुखर्जी उपस्थित थी। शरीर का कोई भी भाग हो सकता है कैंसर का शिकार : जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. के. रंजन ने बताया कि शरीर का कोई भी भाग कैंसर का शिकार हो सकता है। सामान्यतः लोग मुँह का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर या महिला वर्ग स्तन कैंसर के शिकार हो जाते हैं। शरीर के किसी भी अंग में सूजन का होना, गांठ या कड़ापन पाया जाना, तिल/मस्से के आकार या रंग में परिवर्तन, शरीर के किसी घाव का न भरना, लगातार बुखार और वजन में कमी होना, मूत्र विसर्जन में कठिनाई होना या उस दौरान रक्त निकलना, 03 सप्ताह के अधिक खांसी होना या आवाज में परिवर्तन आना, मुँह में अधिक समय तक छाला या पैच का होना जो ठीक नहीं हो रहा हो, 4-6 सप्ताह या उससे ज्यादा समय तक पतला दस्त का होना, महिलाओं में स्तन के आकार में परिवर्तन या रक्त का रिसाव, रजोनिवृत्ति के बाद भी रक्तस्राव का होना इत्यादि कैंसर के सामान्य लक्षण हैं। अगर किसी व्यक्ति को शरीर में ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच करवानी चाहिए। समय पर कैंसर की पहचान होने से इसका इलाज आसानी से सम्भव है। कैंसर के मरीजों को मुफ्त इलाज के लिए भेजा जाता है पटना : एनसीडी अधिकारी ने बताया कि समय पर कैंसर की पहचान होने के बाद व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाता है। मुंगेर या आसपास के जिलों में कैंसर के मरीज मिलने पर उसे बेहतर इलाज के लिए पटना भेजा जाता है। जहां इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स, पीएमसीएच व महावीर कैंसर अस्पताल में मरीजों की आवश्यक जांच के साथ बेहतर उपचार उपलब्ध कराया जाता है। कैंसर से बचाव के लिए सन्तुलित खान-पान जरूरी- एनसीडी विभाग में कार्यरत राखी मुखर्जी ने बताया कि वर्तमान समय में बाजार में पाए जा रहे अधिकतर खाद्य पदार्थ केमिकल्स के मिश्रण से बने होते हैं जिसका अधिक इस्तेमाल कैंसर को बढ़ावा देने का काम करता है। इसके साथ ही बहुत से लोग धूम्रपान व तम्बाकू का अत्यधिक सेवन करते जो मुँह कैंसर का कारण है। डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में भारत में कैंसर मरीजों की संख्या लगभग 25 लाख से ज्यादा है। नेशनल हेल्थ प्रोफाइल रिपोर्ट- 2019 के अनुसार हर साल करीब 70 हजार लोगों की मौत कैंसर की वजह से होती है। जिनमें से 80 प्रतिशत मौतें लोगों के उदासीन रवैये के कारण होती है। कैंसर से बचाव के लिए लोगों को संतुलित खान-पान का सेवन करना चाहिए। जिसमें ताजे फल व हरी सब्जियां मुख्य रूप से शामिल हैं। इनमें मौजूद विटामिन व मिनिरल्स कैंसर की आशंका को कम करने में सहायक होता हैं। इसके अलावा नियमित व्यायाम और शरीर का सन्तुलित वजन भी कैंसर होने से बचाए रखने में सहायक होता है।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस -अल्बेंडाजोल के सेवन का मुख्य उद्देश्य बच्चों और किशोर - किशोरियों को एनीमिया से मुक्ति दिलाना है -आदर्श मध्य विद्यालय बेकापुर मुंगेर के बच्चों को अल्बेंडाजोल की टैब्लेट खिलाकर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का हुआ शुभारंभ - मॉप अप दिवस 11 नवंबर को होगा -जिला भर के सभी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को खिलाई गई अल्बेंडाजोल की गोली मुंगेर, आदर्श मध्य विद्यालय बेकापुर मुंगेर के बच्चों को अल्बेंडाजोल की टैबलेट खिलाकर डीडीसी संजय कुमार सिंह, सिविल सर्जन डॉ पीएम सहाय, शिक्षा विभाग के डीपीओ विनय कुमार सिन्हा सहित कई पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन किया । इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आनंद शंकर शरण सिंह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार रौशन, जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजी, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक निखिल राज सहित यूनिसेफ, यूएनडीपी, पीसीआई, सीफार के जिला प्रतिनिधि उपस्थित थे। अल्बेंडाजोल के सेवन से बच्चे और किशोर- किशोरी पूरी तरह से स्वस्थ्य और सुरक्षित रह सकेंगे - कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए उप विकास आयुक्त (डीडीसी) संजय कुमार सिंह ने बताया कि कोई भी विकास तभी स्थायित्व प्राप्त कर सकता है, जिसमें आप पूरी तरह से स्वस्थ्य और सुरक्षित रहते हैं। इसके बिना कोई भी विकास स्थायित्व को प्राप्त नहीं कर सकता है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग के द्वारा शिक्षा और आईसीडीएस के सहयोग से 1 से 19 आयु वर्ग के सभी बच्चों और किशोर - किशोरियों को कृमि से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से अल्बेंडाजोल की टैबलेट खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ताकि सभी बच्चे और किशोर किशोरी पूरी तरह से स्वस्थ्य और सुरक्षित रह सकें । कृमि से मुक्ति के लिए बच्चों को अल्बेंडाजोल टैबलेट का सेवन करना चाहिए- कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ. पीएम सहाय ने बताया कि कृमि से मुक्ति के लिए बच्चों को अल्बेंडाजोल टैबलेट का सेवन करना चाहिए। इस दवा के सेवन का मुख्य उद्देश्य बच्चों और किशोर - किशोरियों को एनीमिया से मुक्ति दिलाना है। इसकी कमी से बच्चों में इंटेस्टाइनल ओब्सट्रक्शन की परेशानी भी देखने को मिली है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सभी को कृमि से मुक्ति दिलाने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार रौशन, जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजी, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आनंद शंकर शरण सिंह, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक निखिल राज सहित कई लोगों ने भी संबोधित किया । उन्होंने बताया कि आगामी 11 नवंबर को मॉप अप दिवस के दिन भी शेष बचे बच्चों और किशोर - किशोरियों को कृमि मुक्ति के लिए अल्बेंडाजोल कि टैबलेट्स खिलाई जाएगी।

किसान भाई से लिया गया विचार और विपिन कुमार के द्वारा प्रसारित किया गया यह विचार को विस्तार पूर्वक सुनने के लिए मुंगेर की आवाज़ का टोल फ्री नंबर 092787 01369 पर कॉल करें जिले का हर छोटी बड़ी खबर को सुने और तीन नंबर का बटन दबाकर आप अपनी समस्या यह प्रतिक्रिया रिकॉर्ड करें धन्यवाद

भक्ति जागरण मंच का पंचायत समिति सदस्य ने किया उद्घाटन बुधवार की देर रात प्रखंड के चंदनिया गांव में छठ पूजा समिति द्वारा आयोजित भक्ति जागरण कार्यक्रम का उद्घाटन कुसमार पंचायत के पंचायत समिति सदस्य निलेश कुमार के द्वारा फीता काटकर किया गया। भक्ति जागरण मंच उद्घाटन के दौरान उनके साथ कुसमार पंचायत के वार्ड सदस्य अरुण कुमार सिंह, झिकुली पंचायत के वार्ड सदस्य पल्लव पासवान, मुन्ना यादव, शंकर दास व अन्य मौजूद थे। मंच उद्घाटन के बाद ग्रामीणों को संबोधित करते हुए पंचायत समिति सदस्य निलेश कुमार ने कहा कि भक्ति जागरण से लोगों मे भक्ति भावना जागृत होती है। आज के भागदौड़ भरी इस जिंदगी में इस तरह का सांस्कृतिक कार्यक्रम होना अनिवार्य है। सांस्कृतिक कार्यक्रम से नई ऊर्जा का संचार होता है।कार्यक्रम का आयोजन नवयुवक संघ चंदनिया ने किया। उद्घाटन समारोह के उपरांत नवयुवक संघ चंदनिया के युवाओं ने पंचायत समिति सदस्य को चुनरी भेंट कर एवं माला पहनाकर स्वागत किया। भक्ति जागरण कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से की गईं। इस मौके पर चंदनिया गांव के युवा बृजेश कुमार धर्मेंद्र शर्मा गुलशन कुमार विजय पासवान शंकर पासवान सहित नवयुवक संघ चंदनिया के दर्जनों युवा उपस्थित थे।

मैजिक वाहन व बाइक की आमने-सामने की टक्कर में घटनास्थल पर ही युवक की हुई मौत