हाथीपांव से ग्रसित लोग दिव्यांगजन की श्रेणी में होंगे शामिल, जिंदगी होगी आसान - हाथीपांव के चार ग्रेड के मुताबिक होगा दिव्यांगता का निर्धारण

हरिमोहन सिंह अंतरास्ट्रीय क्रिकेट मैच खेलने के लिए इंडिया टीम में सेलेक्ट हुए

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मुंगेर प्रमंडल से अकेले नेशनल टेकनिकल ऑफिशियल के रूप में पुरुष टीम में चयनित हुए हैं

जिला भर में अब निक्षय मित्र के सहयोग से टीबी के मरीजों को डोर स्टेप सहायता मिल सकेगी, इसकी तैयारी की जा रही है। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के प्रति लोगों के बीच जनजागरूकता ला कर वर्ष 2025 तक टीबी को ख़तम करने का लक्ष्य पहले से ही निर्धारित है। इसके लिए इक्षुक व्यक्ति निक्षय मित्र के रूप में जुड़कर टीबी के मरीजों को सहायता पहुचायेंगे।

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- सर्दियों के मौसम में काफी बढ़ जाती है कोल्ड डायरिया की संभावना, हमेशा रहें सतर्

*नेशनल खो-खो चैंपियनशिप के लिए मुंगेर के खिलाड़ियों का हुआ चयन* पश्चिम बंगाल में आयोजित होने वाले 41 वीं जूनियर नेशनल खो-खो चैंपियनशिप (बालक एवं बालिका)2022-23 में भाग लेने वाली खो-खो एसोसिएशन ऑफ बिहार की बालक एवं बालिका टीम के चयन ट्रायल में भाग लेने के लिए मुंगेर जिला के जूनियर बालक एवं बालिका खो-खो खिलाड़ियों का चयन ट्रायल 9 दिसंबर 2022 को इंडोर स्टेडियम मुंगेर के प्रांगण में मुंगेर जिला खो-खो संघ की ओर से ली दिन से ली गई । जिसमें जिले के विभिन्न प्रखंडों के सरकारी व प्राइवेट स्कूल -कॉलेजों के सैकड़ों बालक एवं बालिका खो-खो खिलाड़ियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। सबों ने जमकर पसीना बहाया और अपना बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। ये जानकारी मुंगेर जिला खो- खो संघ के सेक्रेट्री हरिमोहन सिंह ने दी । उन्होंने बताया कि इस चयन ट्रायल के आधार पर बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करने वाले प्रतिभाशाली खो-खो बालक एवं बालिका खिलाड़ियों को नेशनल के चयन ट्रायल में भाग लेने के लिए चिन्हित कर लिया गया है । उनका खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया से रजिस्ट्रेशन एवं अन्य कागजात की जांच करने के तत्पश्यात खिलाड़ियों के नाम की घोषणा की जाएगी । रेफरी व चयनकर्ता के रूप में एनआईएस कोच जितेंद्र लाल श्रीवास्तव , मुंगेर जिला खो-खो संघ के सेक्रेट्री हरिमोहन सिंह, सीनियर नेशनल खिलाड़ी अंकित कुमार निशाद, नीतीश कुमार, अनुवृत्ति सिंह , महिला टीम कोच अंजलि कुमारी निभा रहे थे।

निमोनिया से बचाव के लिए संपूर्ण टीकाकरण के साथ सतर्कता भी है जरूरी - सर्दियों के मौसम में बढ़ जाती है निमोनिया संक्रमण की संभावना, बच्चों का रखें ख्याल - न्यूमो कॉकल वैक्सीन (पीसीवी) का टीकाकरण निमोनिया से बचाव के लिए है जरूरी मुंगेर, 23 नवंबर। सर्दियों के मौसम में निमोनिया से बचाव के लिए बच्चों का विशेष रूप से ख्याल रखना अति आवश्यक है। दरअसल, बच्चे और बुजुर्गों की रोग- प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है। जिसके कारण इस बीमारी की चपेट में बच्चे व बुजुर्गों के आने की संभावना सर्वाधिक रहती है। मालूम हो कि निमोनिया सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। यह बैक्टीरिया, वायरस और फंगल की वजह से फेफड़ों में संक्रमण से होता है। इस वजह से बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में काफी तकलीफ होती है। इस बीमारी से बचने का एकमात्र उपाय न्यूमोकॉकल वैक्सीन (पीसीवी) का टीकाकरण ही है। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में निः शुल्क उपलब्ध है पीसीवी का टीका : जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राजेश कुमार रौशन ने बताया कि निमोनिया के प्रारंभिक लक्षण सर्दी- खांसी जैसे हो सकते हैं। ज्यादातर कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग इससे जल्दी ग्रसित हो जाते हैं। जिन बच्चों को पीसीवी का टीका नहीं पड़ा है, उन बच्चों को इस बीमारी की चपेट में आने की संभावना अधिक रहती। इस बीमारी में मवाद वाली खांसी, तेज बुखार एवं सीने में दर्द समेत अन्य परेशानी होती है। इस बीमारी को टीकाकरण से रोका जा सकता है। इसलिए अपने बच्चों को संपूर्ण टीकाकरण के अंतर्गत स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध निःशुल्क पीसीवी का टीका निश्चित रूप से लगवाएं। उन्होंने बताया कि बच्चे को जन्म के पश्चात दो साल के अंदर सभी तरीके के पड़ने वाले टीके जरूर लगवाने चाहिए। इससे बच्चे की रोग- प्रतिरोधक क्षमता मजबूत तो होती ही है, इसके अलावा वह 12 से अधिक प्रकार की विभिन्न गंभीर बीमारियों से भी दूर रहता है। - जानें क्या है निमोनिया : उन्होंने बताया कि निमोनिया सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इसकी वजह से फेफड़ों में संक्रमण होता है। आम तौर पर यह बीमारी बुखार या जुखाम होने के बाद ही होता है। सर्दी के मौसम में बच्चों और बुजुर्गों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से यह बीमारी ज्यादा होती है। निमोनिया का प्रारम्भिक इलाज सीने का एक्स-रे करने के बाद क्लीनिकल तरीके से शुरू होता है। निमोनिया माइक्रो बैक्टीरिया वायरल, फंगल और पारासाइट की वजह से उत्पन्न संक्रमण की वजह से होता है। इसका संक्रमण सामुदायिक स्तर पर भी हो सकता है। - निमोनिया से बचाव के उपाय : ऐसे तो निमोनिया से बचाव का एक मात्र उपाय टीकाकरण हीं है। कुछ सावधानी बरतने के बाद काफी हद तक इसके संक्रमण से बचा जा सकता है। इसके लिए नवजात एवं छोटे बच्चों के रखरखाव, खान-पान एवं कपड़े पहनाने में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। सर्दी के मौसम में हमेशा बच्चों को गर्म कपड़े पहनाने एवं खाने-पीने में गर्म पदार्थो का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही वैसे लोगों के संपर्क से दूर रखने की आवश्यकता है, जिन्हें पहले से सांस संबंधी बीमारी हो। इसके साथ बुजुर्गों सहित अन्य लोगों को भी काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। - निमोनिया का यह है प्रारंभिक लक्षण : निमोनिया का प्रारंभिक लक्षण, बुखार के साथ पसीना एवं कंपकपी होना, अत्यधिक खांसी में गाढ़ा, पीला, भूरा या खून के अंश वाला बलगम आना, तेज-तेज और कम गहरी सांस लेने के साथ सांस का फूलना (जैसे कि सांस लेने के दौरान आवाज होना), होंठ या अंगुलियों के नाखून नीले दिखाई देना, बच्चों की परेशानी व उत्तेजना बढ़ जाना है।

*स्वर्गीय श्रीमती मीना काशी मुरारका की याद में "बैकुंठधाम" का मुंगेर में भूमिपूजन, राजन कुमार का अथक प्रयास* स्वर्गीय मीना काशी मुरारका की याद में बैकुंठधाम अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। नदी के तट पर हीरो राजन कुमार के अथक प्रयास और डॉ अनील काशी मुरारका के विज़न से और उनके सहयोग से बैकुंठधाम के निर्माण का भूमिपूजन किया गया। बाबा मुकेशानन्द महाराज जी के नेतृत्व में जगह को शुद्ध करते हुए भूमि पूजन किया जाएगा। जमीन दाता श्री लक्षण प्रसाद सिंह जी ने इस कार्य को नेक कार्य कहा है। वर्षो बाद समाज को एक बेहतर स्थल मिलने वाला है। श्री अरुण कुमार यादव जी ने इस कार्य की सराहना की। फ़िल्म एडिटर श्री चंदन यादव ने स्थल को पवित्र कराया। मशरूम लेडी बीना देवी ने दुलारी घाट को पवित्र भूमि बताया और वहां भूमि पूजन में सहयोग देकर हीरो राजन कुमार के अनोखे प्रयास की सराहना करती नज़र आईं। सभी ग्रामीण लोगों में उत्साह है। 60 हजार गांव वालों को इसका फायदा मिलेगा। मृत्यु को मोक्ष की प्राप्ति हो, इसके लिए बैकुंठधाम का निर्माण किया जा रहा है, जहां एक स्वर्गद्वार भी होगा। इस प्रोजेक्ट को अप्रैल 2023 या मई में पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि मशहूर समाज सेवक और अपने परोपकारी कार्यों के लिए माने जाने वाले फिल्म अभिनेता हीरो राजन कुमार टेटिया बंबर के धरती पुत्र है। बता दें कि ग्रामीणों को वहां से 50-60 किलोमीटर दूर दाह संस्कार के लिए ले जाया जाता है। लेकिन जब से आइकॉन राजन कुमार इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के लिए काम करते रहे, तो उनकी नजर इस व्यवस्था पर गई, और फिर उन्होंने अपनी बात डॉ. अनिल मुरारका से की। डॉ.अनिल मुरारका जी ने इस बात को स्वीकर किया कि वास्तव में उस गांव को शमशान भूमि की आवश्यकता है। अब इस शमशान भूमि का निर्माण शुरू होने जा रहा है। श्री लक्ष्मण प्रसाद सिंह द्वारा शमशान भूमि के लिए ज़मीन दान स्वरूप भेंट की गई है। यह शमशान भूमि नदी के तट पर स्थित है और रोड से कनेक्टेड है। गौरतलब है कि हीरो राजन कुमार डॉ. अनिल मुरारका के काफी करीबी माने जाते हैं। चार्ली चैपलिन के रूप में उन्होंने अनिल मुरारका के साथ कई शोज़ किए हैं।