सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हवेली खड़गपुर में परिवार नियोजन पखवाड़ा का शुभारंभ फीता काटकर किया गया यह पखवाड़ा 11 सितंबर से लेकर 26 सितंबर तक चलाया जाएगा।

बंध्याकरण ऑपरेशन करने से रोकने तथा परिजनों व कर्मी से दुर्व्यवहार मामले में 17 आशा कार्यकर्ताओं के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज

मिशन परिवार विकास अभियान- महिला बंध्याकरण, पुरुष नसबंदी सहित परिवार नियोजन के चार इंडिकेटर्स में मुंगेर राज्यभर में पहले स्थान पर - पिछले महीने 05 से 25 मार्च तक चला यह अभियान - आईयूसीडी में मुंगेर जिला राज्यभर में दूसरे पायदान पर, पहले स्थान पर खगड़िया

परिवार नियोजन में बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को किया गया सम्मानित - सम्मान समारोह में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सीएचओ सहित स्वास्थ्य कर्मियों को सिविल सर्जन, डीपीएम ने किया सम्मानित - परिवार नियोजन में जनवरी- दिसंबर 2022 के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने पर राज्य स्तर पर तीन कैटेगरी में मुंगेर को मिला अवार्ड

राज्य स्वास्थ्य समिति के संशोधित रिपोर्ट में महिला बंध्याकरण में एक बार फिर मुंगेर पूरे बिहार में अव्वल

मिशन परिवार विकास अभियान के तहत 14 नवंबर से 4 दिसंबर तक विशेष रूप से चलाये गए पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान ने तारापुर ने 150 प्रतिशत सफलता प्राप्त करते हुए जिले भर में पहला स्थान प्राप्त किया है। यहाँ पखवाड़ा के दौरान निर्धारित लख्य से 150 प्रतिशत ज्यादा पुरुष नसबंदी की गयी। वहीँ जमालपुर में 87.5 प्रतिशत और हवेली खड़गपुर में 52.94 प्रतिशत सफलता प्राप्त करते हुए जिले भर में दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया है

आरोग्य दिवस पर गर्भवतियों की प्रसव पूर्व जांच से जिलाभर में सुरक्षित मातृत्व को मिल रही गति - गर्भवती महिलाओं को चिकित्सीय सलाह के अनुसार लेनी चाहिए आयरन व कैल्सियम की दवा - गर्भवती महिलाओं को प्रोटिनयुक्त आहार का सेवन जरूर करना चाहिए मुंगेर, 21 नवम्बर। जिला भर में सुरक्षित प्रसव को लेकर स्वास्थ्य विभाग अपनी ओर से पूरी तरह से सुदृढ़ है। अब जरूरत है गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों के जागरूक होने की। इसके लिए लोगों को समझना होगा कि सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के लिए प्रसव पूर्व प्रबंधन बहुत जरूरी है। इसमें जांच से लेकर सरकारी अस्पतालों में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। सदर अस्पताल के साथ- साथ अनुमंडल और पीएचसी स्तर के सरकारी अस्पतालों में भी वैसी ही तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं । आरोग्य दिवस के दिन बुधवार और शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्र में भी गर्भवती माता की जांच की जा रही है। जिससे सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा मिले। यहां पर प्रसव पूर्व जांच से लेकर प्रसव कराने तक की बेहतर व्यवस्था है। सुरक्षित मातृत्व के लिए एएनसी जांच कराना अत्यंत आवश्यक है। एएनसी जांच का मकसद मातृ- शिशु मृत्यु दर में कमी लाना होता है। हालांकि, एएनसी जांच के लिए प्रत्येक माह की 9वीं व 21 वीं तिथि को शिविर लगाया जाता है। लेकिन, सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाएं एएनसी जांच के लिए कभी भी चिकित्सकों से संपर्क कर सकती हैं। गर्भधारण से लेकर 12वें सप्ताह तक पहली जांच जरूरी : एसीएमओ डॉ. आनंद शंकर शरण सिंह ने बताया कि सुरक्षित मातृत्व को लेकर सदर अस्पताल में बेहतर व्यवस्था उपलब्ध है। गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व चार जांच होती है। पहली जांच गर्भधारण से लेकर 12वें सप्ताह तक, दूसरी जांच गर्भधारण के 14 वें से लेकर 26वें सप्ताह तक, तीसरी जांच गर्भधारण के 28वें से 34वें सप्ताह तक और आखिरी जांच 36वें सप्ताह से लेकर प्रसव होने के पहले तक कराई जाती है। इसे एएनसी जांच कहते हैं। इस जांच के दौरान गर्भवती महिलाओं को जो भी सलाह दी जाती उस पर अमल करने की जरूरत है। इससे सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा मिलता है । इसके अलावा महिलाओं को अपने खानपान पर भी विशेष ध्यान रखना होगा ताकि वो एनीमिया की चपेट में आने से बचें । इसके लिए गर्भवती महिलाओं को आयरन और कैल्सियम की दवा भी चिकित्सीय सलाह के अनुसार लेनी चाहिए। एएनसी जांच के दौरान आयरन और कैल्सियम की गोली कब लेनी है, इसकी सलाह डॉक्टर से अवश्य ले लें। डॉक्टर जैसी सलाह दें, उसका पालन करें। प्रसव को लेकर आवश्यक तैयारी जरूरी : उन्होंने बताया कि प्रसव का समय नजदीक आए तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे कि सबसे पहले एम्बुलेंस या फिर किसी गाड़ी वाले का नंबर को पास में रखें। अगर दर्द शुरू हो तो तुरंत गाड़ी वाले को फोन कर बुलाएं। इसके अलावा दो- तीन ऐसे लोगों को तैयार रखें, जो कि जरूरत पड़ने पर रक्तदान कर सकें। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को प्रोटीनयुक्त आहार का जरूर सेवन करना चाहिए। दूध, अंडा, मछली, मांस के साथ हरी सब्जियों का भरपूर सेवन करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को एक साथ दो जान की परवाह करनी पड़ती है। पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार लेने से दोनों का ध्यान रखा जाता है। जो गर्भवती महिलाएं मांसाहार का सेवन नहीं करती हैं, उन्हें दूध, हरी सब्जियों और फल के सेवन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। परिवार नियोजन सुविधाओं के लाभार्थियों को दी जाती है प्रोत्साहन राशि : जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजी ने बताया कि सभी एएनएम् एवं आशा को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार नियोजन की सभी सुविधाओं का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों को सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि की भी जानकारी प्रदान की गयी है। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में पुरुष नसबंदी का लाभ उठाने पर लाभार्थी को ₹3000/- व उत्प्रेरक को ₹400/- रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है । महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को ₹2000/- व उत्प्रेरक को ₹300/-, प्रसव उपरांत बंध्याकरण पर लाभार्थी को ₹3000/- व उत्प्रेरक को ₹400/-, प्रसव उपरांत कॉपर-टी लगाने पर लाभार्थी को ₹300/- व उत्प्रेरक को ₹150/-, गर्भपात उपरांत कॉपर-टी लगाने पर लाभार्थी को ₹300/- व उत्प्रेरक को ₹150/-, गर्भनिरोधक सूई (अंतरा) का लाभ उठाने पर लाभार्थी को ₹100/- व उत्प्रेरक को ₹100/- की सहायता राशि प्रदान की जाती है।

मिशन परिवार विकास अभियान- जागरूकता रथ से माइकिंग कर लोगों को परिवार नियोजन खासकर पुरुष नसबंदी के प्रति जागरूक किया जाएगा -14 से 20 नवंबर तक चलने वाले दंपति संपर्क सप्ताह को ले जिलाधिकारी ने जागरूकता रथ को दिखाई हरी झंडी - अब पुरुष भी निभायेंगे जिम्मेदारी, परिवार नियोजन अपनाकर दिखाएंगे अपनी भागीदारी की थीम पर मनाया जाएगा पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मुंगेर, 15 नवंबर। मिशन परिवार विकास अभियान के तहत 14 से 20 नवंबर तक दंपति संपर्क सप्ताह चलेगा । इस दौरान लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने के लिए जिला में जागरूकता रथ का संचालन किया जाएगा । मंगलवार को जिलाधिकारी नवीन कुमार, सिविल सर्जन डॉ पीएम सहाय, एसीएमओ डॉ आनंद शंकर शरण सिंह, डीपीएम नसीम रजी सहित कई अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रथ को रवाना किया। इस अवसर पर जिला सामुदायिक उत्प्रेरक निखिल राज, जिला डाटा सहायक सुशील कुमार, पीसीआई से तस्नीम रजी सहित कई पदाधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। सारथी जागरूकता रथ के माध्यम से मंगलवार से 20 नवंबर तक चलने वाले दंपति संपर्क सप्ताह के दौरान जिला के सभी प्रखंडों में माइकिंग कर लोगों को परिवार नियोजन खासकर पुरुष नसबंदी के प्रति जागरूक किया जाएगा। पिछले दो परिवार नियोजन पखवाड़ा के दौरान मुंगेर जिला ने बेहतर प्रदर्शन किया-डीएम जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाते हुए जिलाधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि मिशन परिवार विकास अभियान के अंतर्गत चलाए गए पिछले दो परिवार नियोजन पखवाड़ा के दौरान मुंगेर जिला ने बेहतर प्रदर्शन किया है। बावजूद इसके अभी तक अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं हो पाई है। पिछले दिनों चलाए गए पखवाड़ा के दौरान बरसात और त्यौहारों का मौसम होने के कारण अपेक्षित सफलता प्राप्त करने में परेशानी हुई थी लेकिन अब मौसम और अन्य परिस्थितियां पहले से बेहतर और परिवार नियोजन अभियान के लिए ज्यादा अनुकूल है। इस दौरान 3 और 2 से अधिक बच्चों की माताओं को परिवार नियोजन के स्थाई उपाय अपनाने और 1 बच्चों की माताओं को दो बच्चों में सही अंतर रखने के लिए परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों को अपनाने के लिए जागरूक किया जाएगा। दो और तीन बच्चों के पिता को पुरुष नसबंदी करवाने के लिए प्रेरित किया जाएगा - इसके साथ ही एक बच्चे के पिता को परिवार नियोजन के अस्थाई उपाय के रूप में कंडोम इस्तेमाल करने और दो और तीन बच्चों के पिता को पुरुष नसबंदी करवाने के लिए प्रेरित करते हुए इसके लिए आवश्यक साधन उपलब्ध कराए जाएंगे । उन्होंने बताया कि जिला भर के सभी अस्पतालों और प्राथमिक - सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर परिवार नियोजन के स्थाई साधन के रूप में महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी और अस्थाई साधन के रूप में गर्भनिरोधक गोली और इंजेक्शन के साथ- साथ कॉपर टी लगवाने की सुविधा उपलब्ध हैं। इसी तरह पुरुषों के लिए भी कंडोम उपलब्ध हैं । " अब पुरुष भी निभायेंगे जिम्मेदारी, परिवार नियोजन अपनाकर दिखाएंगे अपनी भागीदारी " की थीम पर 14 नवंबर से 4 दिसंबर तक मनाया जा रहा है परिवार नियोजन पखवाड़ा : जिला सामुदायिक उत्प्रेरक निखिल राज ने बताया कि इस बार 14 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलने वाले परिवार नियोजन पखवाड़ा को पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के रूप में मनाया जा रहा है। इस बार " अब पुरुष भी निभायेंगे जिम्मेदारी, परिवार नियोजन अपनाकर दिखाएंगे अपनी भागीदारी " की थीम को ध्यान में रखते हुए पुरुष नसबंदी पर फोकस किया जाना है।