कोरोना महामारी के कारण बहुत से लोगो को अपनी नौकरी को छोड़ कर अपने राज्य वापस आना पड़ा. कई लोगो को उम्मीद थी कि उनके राज्य की सरकारें उनके लिए राहत सामग्री या वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएंगी और कई राज्यों कराया भी . फिर भी बहुत से लोगो को मदद नहीं मिल पाईं . आखिर बिहार सरकार द्वारा 1000 रु. किसे दिया जाएगा ? जानने के लिए क्लिक करें

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साथियों, हक़ की बात कार्यक्रम के जरिये आज सुनते हैं आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रवासी श्रमिकों, फेरीवालों एवं किसानो के व्यवसाय के लिए लोन के बारे में। विस्तारपूर्वक जानकरी के लिए ऑडियो में क्लिक करें

• स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइलाइंस जारी कर की अपील • संक्रमण की रोकथाम संबंधी सावधानियों को नज़रअंदाज़ करना घातक पटना, 26 जून: कोरोना संक्रमण को लेकर बहुत एहतियात बरते जाने की जरूरत है. सावधानी से जुड़े नियमों का सही तरीके से पालन कर इसकी रोकथाम की जा सकती है. कोविड 19 संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा हुआ है. कई जगहों में लोग नियमों की अनदेखी कर रहें हैं जो पूरे समुदाय के लिए खतरा है. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, ने कोरोना से बचाव के लिए गाइडलाइन की है, जिसमें कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए 15 विशेष वचनों या प्रतिज्ञाओं के पालन करने की अपील की गयी है. विस्तृत रिपोर्ट सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। श्रोताओं 8800984861 पर मिस कॉल कर स्वास्थ्य, पोषण कोविड 19 और जिले की हर छोटी बड़ी खबर सुने और 3 नंबर का बटन दबा कर अपनी समस्या या प्रतिक्रिया भी साझा करे। यदि आप समार्टफोन उपयोगकर्ता है! तो मोबाईल वाणी एप्प् प्ले स्टोर से डाउनलोड कर जिले से संबंधित हर छोटी बड़ी खबर को एप्प् पर सुने और लाल वाली माइक बटन दबा कर अपनी समस्या या प्रतिक्रिया भी रिकार्ड करे। धन्यवाद

रफ़ी की डायरी कार्यक्रम में आप सुनेंगे की किस तरह पूरा भारत देश कोरोना का रोना रो रहा है। खबर को विस्तार पूर्वक सुनने के लिए ऑडियो पर करें क्लिक शुक्रिया,धन्यवाद।

कोरोना महामारी और उसके बाद सम्पूर्ण भारत में ताला बंदी संगठित व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए कहर बरपा रही है, प्रवासी श्रमिक जो देश के नागरिक भी हैं अपने आँखों में उम्मीद लिए अपनों से मिलने की आस में थके हारे घर पहुँच तो गए लेकिन पहुँचने के बाद भी परेशानी पीछा नहीं छोडती नज़र आई। आप में से बहुत से शर्मिक ऐसे होंगे जिन्हें अपने घर पर ही 14 दिनों के लिए कोरनटाईन में रहने का सलाह दिया होगा और आपके लिए भी राशन कार्ड और खाद्यान्न मिलना सुनिश्चित होना चाहिए, लेकिन क्या सच में आप को इन सभी सुविधाओं का लाभ मिला? क्या अब तक आपको मनरेगा में काम मिला और राशन उपलब्ध कराया गया या राशन की दुकान से आपने राशन प्राप्त किया? काम और राशन न मिलने की मुख्य वजह क्या रही हैं? हम यह भी जानते हैं की आपको इनके इसके अलावा और भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रह रहा होगा तो इन परेशानियों को अपने आप तक न रखें , मोबाइल वाणी पर साझा करें, 3 नम्बर दबाकर रिकॉर्ड करें

एक तरफ राज्यों और केंद्र ने काम के घण्टे और काम बढ़ाने की योजना को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है क्या हम मज़दूर अब मजबूर हैं 12 घन्टे काम करने के लिए? तो क्या हम मज़दूर श्रम के बढ़ते घन्टों से पूँजी बनाने के इस चक्र में सरकार और कंपनियों की इन आर्थिक नीतियोँ के साथ हैं?

झारखण्ड राज्य के गिरिडीह ज़िला से सर्वेश तिवारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गिरिडीह झारखंड से सर्वेश तिवारी बताते हैं कि झारखंड के निवासियों के विभिन्न राज्यों में फंसे लोगों को गृह जिलों में लाने की प्रक्रिया तेजी से प्रारंभ कर दी गई है। जिसमें विभिन्न जिलों द्वारा समीपवर्ती राज्यों में फंसे अप्रवासी मजदूरों/ व्यक्तियों/विद्यार्थियों को लाने हेतु सड़क मार्ग से लाने की तैयारियां जोर शोर से की जा रही है।इस संबंध में गिरिडीह के उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी के द्वारा जानकारी दी गई कि कोविड 19 के बढ़ते प्रसार को देखते हुए देशव्यापी बंदी के दौरान सचिव,गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्राप्त निर्देश के आलोक में बिहार में फंसे हुए मजदूरों/ विद्यार्थियों एवं अन्य लोगों को बसों के माध्यम से गिरिडीह लाना है।उक्त अप्रवासी मजदूरों एवं व्यक्तियों को पटना,बिहार राज्य से गिरिडीह जिला लाने हेतु श्री बसंत कुमार, जिला परियोजना पदाधिकारी, डी आर डी ए को नियुक्त किया गया है।

झारखण्ड राज्य के गिरिडीह ज़िला से सर्वेश तिवारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गिरिडीह झारखंड से सर्वेश तिवारी बताते हैं कि राजस्थान के कोटा से राज्य के छात्र छात्राओं को लेकर दूसरी ट्रेन यहां पहुंची।इससे पहले शनिवार को तेलंगाना से बारह सौ प्रवासी श्रमिकों को लेकर ट्रेन रांची पहुंची थी।दस जिलों धनबाद,गिरिडीह,बोकारो आदि के 954 छात्र छात्राएं सोमवार को सकुशल अपने अपने घरों को पहुंच गए।ट्रेन के धनबाद आने के बाद सभी की स्क्रीनिंग की गई।स्टेशन के मुख्य द्वार पर पहुंचते ही छात्र छात्राओं की खुशी का ठिकाना ना रहा।इन सभी छात्र छात्राओं को अपने गृह जिलों के प्रखंडों में स्थित उनके घरों में होम कवारें टा ई न कर दिया गया।