• माहवारी में साफ-सफाई का रखें विशेष ख्याल • समुचित पोषण से मिलेगी रक्तअल्पता से सुरक्षा पटना - कोरोना संकट अभी तक पूरी तरह टला नहीं है बल्कि कई जिलों और राज्यों में अल्प अवधि के लिए पुनः लॉकडाउन लागू कर दिया गया है. लॉकडाउन की वजह से लोगों को घरों से बाहर निकलने में दिक्कत हो रही है और कई चीजों की आपूर्ति प्रभावित हुई है । हालांकि इस समस्या को धीरे – धीरे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है| ऑडियो पर क्लिक कर सुनें विस्तृत जानकारी। श्रोताओं 8800984861पर मिस कॉल कर स्वास्थ्य, पोषण कोविड 19 और जिले की हर छोटी बड़ी खबर सुने और 3 नंबर का बटन दबा कर अपनी समस्या या प्रतिक्रिया भी साझा करे। यदि आप समार्टफोन उपयोगकर्ता है! तो मोबाईल वाणी एप्प् प्ले स्टोर से डाउनलोड कर जिले से संबंधित हर छोटी बड़ी खबर को एप्प् पर सुने और लाल वाली माइक बटन दबा कर अपनी समस्या या प्रतिक्रिया भी रिकार्ड करे। धन्यवाद

मुजफ्फरपुर : कोरोना का प्रकोप जिस तरह लोगों को अपने आगोश में ले रहा है, ठीक उसी तरह इससे निजात पाने के लिए पूरे विश्व में इस बीमारी के खात्में के लिए टीके और दवाओं पर शोध हो रहे हैं। यह सर्वज्ञात है कि किसी भी बीमारी से लड़ने में मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मुख्य भूमिका निभाती है। ऐसे में अपने देश में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति देशवासियों के लिए वरदान से कम नहीं है। इसकी दो मुख्य वजहें हैं एक तो कि इस पर ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने पड़ते दूसरी कि यह कि यह अपना काम तेजी से बिना किसी साइड इफेक्ट के करती है। ऑडियो क्लिक कर हर प्रकार की छोटी बड़ी खबरें सुनें।

खांसने या छींकने से होता है कोरोना, सुरक्षित रुप से लपेटे डेड बॉडी से नहीं मुजफ्फरपुर : एसकेएमसी हॉस्पिटल में मंगलवार को हुई कोरोना से मौत पर उनके परिजनों की बेरुखी का मामला प्रकाश में आया है। जिसमें परिवार वालों ने शव को लेने से इंकार कर दिया था। बाद में अस्पताल प्रशासन ने राज्य स्वास्थ्य समिति के गाईडलाइन के अनुसार शव का अंतिम संस्कार किया। इस संबंध में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राज्य स्वास्थ्य समिति ने शवों के निस्तारण पर दिशा-निर्देश भी दिए थे, जिसमें कुछ खास मानकों को ध्यान में रखकर शवों का अंतिम संस्कार की जानकारी दी थी। इस प्रक्रिया में शवों से कोरोना फैलने की संभावना बिल्कुल नगण्य है। ऑडियो क्लिक कर हर प्रकार की छोटी बड़ी खबरें सुनें।

मुजफ्फरपुर : कोरोना का प्रकोप जिस तरह लोगों को अपने आगोश में ले रहा है, ठीक उसी तरह इससे निजात पाने के लिए पूरे विश्व में इस बीमारी के खात्में के लिए टीके और दवाओं पर शोध हो रहे हैं। यह सर्वज्ञात है कि किसी भी बीमारी से लड़ने में मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मुख्य भूमिका निभाती है। ऐसे में अपने देश में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति देशवासियों के लिए वरदान से कम नहीं है। इसकी दो मुख्य वजहें हैं एक तो कि इस पर ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने पड़ते दूसरी कि यह कि यह अपना काम तेजी से बिना किसी साइड इफेक्ट के करती है। ऑडियो क्लिक कर हर प्रकार की छोटी बड़ी खबरें सुनें।

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दोस्तों , कोरोना काल में ऐसी कई सारी बाते है जिससे हमारी गर्भवती महिलायें जूझ रहीं है। चाहे वो स्तनपान कराने की समस्या हो या बच्चों को पौष्टिक भोजन संबंधी। इन सारी बातों का जबाब जानने के लिए इस ऑडियो पर क्लिक करें।

लॉक डाउन के दौरान स्कूली व आंगनबाड़ी बच्चों को मिलने वाले पोषण मध्यां भोजन के लिए सूखा राशन व ईंधन आदि की रक़म नकद राशि के रूप में लाभार्थियों को देने का निर्णय लिया गया। वहीं आंगनबाड़ी साहिकाओं द्वारा घर घर जा कर गर्भवती महिलाओं व बच्चों तक लाभ पहुँचाने का निर्देश दिया गया है। कई क्षेत्रों में यह सुविधाएँ से लाभार्थी वंचित रह जा रहे है। क्या नामांकित बच्चों को यह लाभ मिल रहा है ?अगर नहीं ,तो क्या कारण है जो बच्चें अपने अधिकारों से वंचित रह जा रहे है ?इन योजनाओं से जुड़ी अन्य बातों को सुनने के लिए क्लिक करे ऑडियो पर...

स्कूलों की ऑनलाइन कक्षाओं की नियमित‍ता को लेकर अभिभावकों द्वारा उठाई गई चिंताओं के बाद मंत्रालय ने दिशा- निर्देश तैयार किए हैं. महामारी के बाद बच्चे ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं. इस दौरान बच्चे स्क्रीन में ज्यादा समय लगा रहे हैं. ऐसे में मांग थी कि क्लास टीच‍िंग से ऑनलाइन शिक्षण के लिए एक शिफ्ट जरूरी है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।