मुजफ्फरपुर : कोरोना का प्रकोप जिस तरह लोगों को अपने आगोश में ले रहा है, ठीक उसी तरह इससे निजात पाने के लिए पूरे विश्व में इस बीमारी के खात्में के लिए टीके और दवाओं पर शोध हो रहे हैं। यह सर्वज्ञात है कि किसी भी बीमारी से लड़ने में मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मुख्य भूमिका निभाती है। ऐसे में अपने देश में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति देशवासियों के लिए वरदान से कम नहीं है। इसकी दो मुख्य वजहें हैं एक तो कि इस पर ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने पड़ते दूसरी कि यह कि यह अपना काम तेजी से बिना किसी साइड इफेक्ट के करती है। ऑडियो क्लिक कर हर प्रकार की छोटी बड़ी खबरें सुनें।

खांसने या छींकने से होता है कोरोना, सुरक्षित रुप से लपेटे डेड बॉडी से नहीं मुजफ्फरपुर : एसकेएमसी हॉस्पिटल में मंगलवार को हुई कोरोना से मौत पर उनके परिजनों की बेरुखी का मामला प्रकाश में आया है। जिसमें परिवार वालों ने शव को लेने से इंकार कर दिया था। बाद में अस्पताल प्रशासन ने राज्य स्वास्थ्य समिति के गाईडलाइन के अनुसार शव का अंतिम संस्कार किया। इस संबंध में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राज्य स्वास्थ्य समिति ने शवों के निस्तारण पर दिशा-निर्देश भी दिए थे, जिसमें कुछ खास मानकों को ध्यान में रखकर शवों का अंतिम संस्कार की जानकारी दी थी। इस प्रक्रिया में शवों से कोरोना फैलने की संभावना बिल्कुल नगण्य है। ऑडियो क्लिक कर हर प्रकार की छोटी बड़ी खबरें सुनें।

मुजफ्फरपुर : कोरोना का प्रकोप जिस तरह लोगों को अपने आगोश में ले रहा है, ठीक उसी तरह इससे निजात पाने के लिए पूरे विश्व में इस बीमारी के खात्में के लिए टीके और दवाओं पर शोध हो रहे हैं। यह सर्वज्ञात है कि किसी भी बीमारी से लड़ने में मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मुख्य भूमिका निभाती है। ऐसे में अपने देश में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति देशवासियों के लिए वरदान से कम नहीं है। इसकी दो मुख्य वजहें हैं एक तो कि इस पर ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने पड़ते दूसरी कि यह कि यह अपना काम तेजी से बिना किसी साइड इफेक्ट के करती है। ऑडियो क्लिक कर हर प्रकार की छोटी बड़ी खबरें सुनें।