पूज्य तपस्वी श्री जगजीवन जी महाराज ज्योति सरस्वती शिशु विद्या मंदिर पेटरवार में कंप्यूटर लैब एवं वाटर कूलर टैंक का विधिवत उद्घाटन कोलकाता से आये अतिथियों एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन व फीता काट कर किया गया.  मुख्य अतिथियों में साध्वी दर्शना बाई सती जी, कलकत्ता के दाता शरद भाई खारा के सौजन्य से अच्छी तकनिकी शिक्षा के लिए दस कंप्यूटर सेट हरिश्चन्द्र दलिचंद वोरा की स्मृति में एवं कलकत्ता के दिनेश भाई मेहता के सौजन्य से बच्चों के शीतल जल के लिए दो वाटर कूलर टैंक  मातु मैनाबेन एवं जशवंत राय मेहता की स्मृति में प्रदान किया गया. साथ में कलकत्ता के रितेश भाई शाह, पियूष भाई वाजा, जयस भाई वसानी सम्मिलित रहे.  इस अवसर पर साध्वी दर्शनाबाई सतीजी का आशीर्वचन भैया -बहनों को प्राप्त हुआ. विद्यालय के अध्यक्ष शशिभूषण गुरु व प्राचार्य नवीन कुमार ने दाताओं का आभार प्रकट करते हुए कंप्यूटर एवं वाटर कूलर विद्यालय के लिए उपयोगी बताया.  इस अवसर पर विद्यालय के संरक्षक शांति लाल जैन, उपाध्यक्ष रविकांत सिंगला, सचिव  संजय कुमार सिन्हा, कोषाध्यक्ष नागेश्वर कुमार, सदस्य रथलाल महतो एवं नेहा साव आचार्यजी, दीदीजी एवं विद्यालय के भैया -बहन उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन संजय सिन्हा ने किया.

नासिक में रहने वाली मयूरी धूमल, जो पानी, स्वच्छता और जेंडर के विषय पर काम करती हैं, कहती हैं कि नासिक के त्र्यंबकेश्वर और इगतपुरी तालुका में स्थिति सबसे खराब है। इन गांवों की महिलाओं को पानी के लिए हर साल औसतन 1800 किमी पैदल चला पड़ता है, जबकि हर साल औसतन 22 टन वज़न बोझ अपने सिर पर ढोती हैं। और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

हमारी सूखती नदियां, घटता जल स्तर, खत्म होते जंगल और इसी वजह से बदलता मौसम शायद ही कभी चुनाव का मुद्दा बनता है। शायद ही हमारे नागरिकों को इससे फर्क पड़ता है। सोच कर देखिए कि अगर आपके गांव, कस्बे या शहर के नक्शे में से वहां बहने वाली नदी, तालाब, पेड़ हटा दिये जाएं तो वहां क्या बचेगा। क्या वह मरुस्थल नहीं हो जाएगा... जहां जीवन नहीं होता। अगर ऐसा है तो क्यों नहीं नागरिक कभी नदियों-जंगलों को बचाने की कवायद को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते। ऐसे मुद्दे राजनीति का मुद्दा नहीं बनते क्योंकि हम नागरिक इनके प्रति गंभीर नहीं हैं, जी हां, यह नागरिकों का ही धर्म है क्योंकि हमारे इसी समाज से निकले नेता हमारी बात करते हैं।

जल ही जीवन है। यह पंक्तियाँ हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। आज के समय में जब दुनिया शुद्ध जल की कमी से जूझ रही है, यह पंक्तियाँ और सार्थक हो जाती हैं। भारत में जल संकट लगातार गहराता जा रहा है। कई राज्य हैं जो भूजल की कमी के चरम बिंदु को पार कर चुके हैं। हर साल 22 मार्च के दिन विश्व जल दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमारे जीवन में जल के महत्व और उसके संरक्षण को समर्पित है।इस विश्व जल दिवस पर पानी की बर्बादी को रोके और जल को प्रदूषित होने से बचाये। मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से आप सभी को विश्व जल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में लाभार्थी रोहित से साक्षात्कार लिया गया है जो जल संरक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है।

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साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में हम आपको बता रहे है कि बरसात के पानी को कैसे संरक्षित कर भूजल को बढ़ाने में हम अपना योगदान दे सकते है। आप हमें बताइए गर्मियों में आप पानी की कौन से दिक्कतों से जूझते हैं... एवं आपके क्षेत्र में भूजल कि क्या स्थिति है....

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पेयजल व स्वच्छता विभाग के जल जीवन मिशन अंतर्गत पेटरवार - कसमार जलापूर्ति योजना में छूटे ग्रामों व टोलो में वितरण पाइप का विस्तारीकरण एवं गृह संयोजन कार्य का शिलान्यास प्रखंड के उतासारा गांव में गोमिया विधायक लंबोदर महतो ने पूजा अर्चना करके व नारियल फोड़ कर किया. उक्त योजना का निर्माण साढ़े चार करोड़ रुपए की लागत से की जाएगी

बेरमो कोयलांचल में फुसरो, कथारा,चपरी कई अन्य जगहों पर बिना आईएसआई मार्का और खाध विभाग से लाइसेंस लिए पानी का जाल और कूल जार का पानी लोगों की सेहत का दुश्मन बनता जा रहा है।