बेटों की चाह में बार-बार अबॉर्शन कराने से महिलाओं की सेक्शुअल और रिप्रोडक्टिव लाइफ पर भी बुरा असर पड़ता है। उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ भी खराब होने लगती है। कई मनोवैज्ञानिको के अनुसार ऐसी महिलाएं लंबे समय के लिए डिप्रेशन, एंजायटी का शिकार हो जाती हैं। खुद को दोषी मानने लगती हैं। कुछ भी गलत होने पर गर्भपात से उसे जोड़कर देखने लगती हैं, जिससे अंधविश्वास को भी बढ़ावा मिलता है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि * -------आखिर हमारा समाज महिला के जन्म को क्यों नहीं स्वीकार पाता है ? * -------भ्रूण हत्या और दहेज़ प्रथा के आपको क्या सम्बन्ध नज़र आता है ?

दहेज में परिवार की बचत और आय का एक बड़ा हिस्सा खर्च होता है. वर्ष 2007 में ग्रामीण भारत में कुल दहेज वार्षिक घरेलू आय का 14 फीसदी था। दहेज की समस्या को प्रथा न समझकर, समस्या के रूप में देखा जाना जरूरी है ताकि इसे खत्म किया जा सके। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आपके क्या विचार है ? *----- आने वाली लोकसभा चुनाव में दहेज प्रथा क्या आपके लिए मुद्दा बन सकता है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

चकिया में पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर डीएसपी के नेतृत्व में पिपरा व कल्याणपुर पुलिस ने घेराबंदी के साथ छापेमारी कर हथियार के साथ दो अपराधियों को गिरफ्तार किया है। वहीं पिपरा पुलिस ने एसडीपीओ के नेतृत्व में दहेज़ हत्या के एक फरार अभियुक्त को उसके घर से छापामारी कर गिरफ्तार किया है।गिरफ्तार अपराधी कल्याणपुर थाना के कल्याणपुर सिनेमा हॉल रोड का सचिन कुमार, इसके पास से पुलिस ने एक देशी कट्टा व दो जिन्दा कारतूस बरामद किया, दूसरा अपराधी पिपरा थाना क्षेत्र के के गौरे गांव का पांडु कुमार पिता रामजनम भगत है, इसके पास से पुलिस ने एक देशी कट्टा व दो जिन्दा कारतूस बरामद किया है। वही दहेज़ हत्या कांड का फरार अभियुक्त पिपरा थाना क्षेत्र के गौरे गांव का मदन पंडित को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इसे गुप्त सुचना पर घर की घेराबंदी कर गिरफ्तार किया।

भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

तुरकौलिया में फंदे से लटकी महिला का शव बरामद। तुरकौलिया के जयसिंहपुर चीवटही गांव के कुंदन यादव की है पत्नी मामले में मृतक महिला के भाई ने दहेज में 10 लाख रूपया नही देने पर हत्या करने का लगाया आरोप। सुगौली भरगावा के लालाबाबू यादव ने कहा, उसकी बहन को ससुराल वालो ने फंदा में टांगकर किया है हत्या।

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मेरी भी आवाज़ सुनो कार्यक्रम के अंतर्गत इस कड़ी में महिलाओं के लिए संपत्ति और भूमि पर अधिकार के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।महिलाओं के लिए संपत्ति और भूमि पर अधिकार महिलाओं के अधिकार पर चर्चा की गयी है । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

चिरैया थाना क्षेत्र के शीतलपट्टी गांव में महज एक बुलेट के लिए ससुराल वालों ने गला में फंदा डालकर एक विवाहिता की हत्या कर दी है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतका विरमा देवी उक्त गांव निवासी जयकिशुन साह की पत्नी थी।