लहरपुर नगर के छावनी पुलिया स्थित बेग हॉस्पिटल में शुक्रवार को एक बच्चे की मौत हो गई थी। परिजनों ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था। इस खबर को अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। शनिवार को डिप्टी सीएमओ ने जांच कर अस्पताल को बंद करने के आदेश दे दिए। वहीं, बच्चे की मौत के मामले की जांच शुरू हो गई है। बेग हॉस्पिटल में शुक्रवार को हरगांव के प्यारापुर कोरैया गांव निवासी अमर सिंह के पुत्र अक्षत (7) की मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप था कि मृतक बच्चे को अस्पताल संचालक वेंटिलेटर पर रखकर वसूली करते रहे। सूचना पर स्थानीय पुलिस और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक ने जांच की।

महमूदाबाद कोतवाली क्षेत्र में मंगलवार रात ट्रक का पीछा करते हुए एक बाइक सवार को ट्रक ने रौंद दिया। फिर बाइक ट्रक में फंसकर करीब डेढ़ किमी दूर तक घिसती चली गई। दुर्घटना को अंजाम देने के बाद ट्रक को चालक समेत पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। रामपुर मथुरा मार्ग पर टैंपो स्टैंड के निकट एक ट्रक ने पिकअप को टक्कर मार दी। पिकअप नहर कॉलोनी निवासी शुभम वर्मा (26) की थी। ट्रक पिकअप को टक्कर मारकर भागने लगा। इसी दौरान शुभम बाइक से ट्रक का पीछा करते हुए रामकुंड चौराहे पर आ गया। पैंतेपुर मोड़ पर उसने ट्रक के आगे बाइक लगा दी। वह बाइक से उतर भी नहीं पाया था कि चालक ने ट्रक आगे बढ़ा दी। हादसे में शुभम ट्रक के नीचे आ गया।

झरेखापुर कोतवाली देहात क्षेत्र में मंगलवार को एक युवक का शव संदिग्ध हालात में गन्ने के खेत में पड़ा मिला। परिजनों ने बेटे की हत्या की आशंका जताई है। पुलिस ने पिता-पुत्री पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। शाहपुर निवासी अंकित (18) का शव रिखौना रोड पर स्थित एक गन्ने के खेत में पड़ा मिला। पिता सुनील ने बताया कि अंकित सोमवार को घर से लापता हो गया था। पुलिस को सूचना दी गई। परिजनों ने बताया कि दलावल निवासी शालिनी ने अंकित को बुलाया था। बाद में शालिनी ने अंकित के घरवालों को बताया कि अंकित ने फांसी लगा ली है। पुलिस ने देर शाम शालिनी को हिरासत में लेकर पूछताछ की।

मछरेहटा थाना क्षेत्र में मजदूर की हत्या से नाराज परिजनों ने मंगलवार को प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि पुलिस ने जबरन सिर्फ एक ही युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मौके पर पहुंची पुलिस के काफी समझाने के बाद परिजनों ने प्रदर्शन तो समाप्त किया लेकिन अंतिम संस्कार नहीं किया। गांव भदेभर के मजरा बेहड़ा निवासी पृथ्वीपाल (39) सोमवार दोपहर खेत से घर खाना खाने के लिए आ रहा था। इसी दौरान गांव के सुंदरलाल ने धारदार हथियार से पृथ्वीपाल की हत्या कर दी थी। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही उसका शव गांव पहुंचा, परिजन आक्रोशित हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन ने जबर्दस्ती तहरीर में एक ही व्यक्ति का नाम लिखवाया है। सूचना पाकर सीओ मिश्रिख, एसओ व पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। परिजन तहरीर में दो नाम जोड़ने पर अड़े थे।

खैराबाद स्थित धनीपुर की एमबी फ्लोर मिल में रिमोट से हो रही बिजली की चोरी का मामला पकड़ में आने के बाद अब बड़े उपभोक्ताओं के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। मंगलवार को सिनेमाहाल व एक शोरूम में चेकिंग की गई। हालांकि यहां सब कुछ सामान्य मिला। अधिशासी अभियंता दिलीप कुमार गुप्ता व विजिलेंस की टीम ने नैपालापुर इलाके में चल रहे एचसीएम सिनेमाहाल की जांच की। बिजली आपूर्ति को लेकर खंभे पर लगे मीटर को चेक किया। उसके बाद अंदर लगे मीटर से रीडिंग का मिलान किया। इसके बाद महिंद्रा शोरूम में जांच की। इन दोनों स्थानों पर विजिलेंस टीम ने करीब दो घंटे तक चेकिंग की। अधिशासी अभियंता ने बताया इस दौरान सबकुछ सामान्य मिला है।

सीतामढ़ी से दीपक पटेल जानकारी के मुताबिक आपको बताते चले सुप्पी थाना क्षेत्र में शांतिपूर्ण विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिदिन चलाए जा रहे हैं वहां जांच अभियान जांच के दौरान एक आदमी के काटी गई है ₹500 की चलन अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें धन्यवाद

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गांधी जयंति के ठीक एक दिन बाद घटे एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में सरकारी जांच एजेंसी ईड़ी ने देश के एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान ‘न्यूजक्लिक’ पर कार्रवाई करते हुए संस्थान से जुड़े कई लोगों के घरों में छापेमारी की, इस छापेमारी के बाद न्यूजक्लिक के प्रमोटर और उनके सीए को गिरफ्तार कर लिया गया, इसके अलावा संस्थान के कई लोगों को पूछताछ के लिए भी बुलाया गया। दो गिरफ्तारियों और तमाम लोगों से पूछताछ के अलावा करीब पचास लोगों के लैपटॉप और फोन जब्त कर लिये। ऐसा मान भी लिया जाए कि न्यूजक्लिक ने ऐसा किया है तो फिर सरकार को भी तो चीन के साथ अपने संबंधों को खत्म कर देना चाहिए, क्योंकि चीन सीमा से लेकर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता ही रहता है, रही बात केवल फंड प्राप्त करने की तो सरकार ने कोविड के दौरान बनाए गये पीएम केयर फंड में चीन की तमाम कंपनियों से फंड प्राप्त किया। पीएम केयर में फंड देने के बाद वे सभी कंपनिया भारत में व्यापार कर रही हैं। और उनमें से ज्यादातर कंपनिया लगातार अपने व्यापार में बढ़ोत्तरी कर रही है? ऐसे में क्या सरकार को भी चीन समर्थक माना जाएगा? अगर हां तो फिर सरकार को भी इस्तीफा दे देना चाहिए, और जांच एजेंसियों को पीएम केयरफंड के नाम पर पैसा पाने वाले लोगों की भी जांच करनी चाहिए? इस मुद्दे के पक्ष या विपक्ष में अपनी राय जरूर रिकॉर्ड करें .