मांगे पूरी नहीं होने पर दैनिक रेल यात्री संघ ने सांसद चिराग पासवान का पूतला जलाया। शेखपुरा ।। सिरारी अटल चौक पर दैनिक रेल यात्री संघ सहित कई लोगों ने सांसद चिराग पासवान का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा नेता व दैनिक रेल यात्री संघ के अध्यक्ष रंजीत कुमार सिंह उर्फ बुद्धन भाई के अगुवाई में हुए पुतला दहन कार्यक्रम में दर्जनों लोग शामिल हुए। मौके पर मौजूद लोगों ने सांसद के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। पुतला दहन कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे भाजपा नेता रंजीत कुमार सिंह उर्फ बुद्धन भाई ने कहा कि सांसद चिराग पासवान दस सालों से शेखपुरा विधानसभा के जनता को ठगने का काम किया है। आज तक इनके द्वारा एक भी काम नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि दैनिक रेल यात्री संघ के द्वारा कई बार सांसद से शेखपुरा रेलवे स्टेशन पर हमसफ़र एक्सप्रेस व जसीडीह पूणे एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव करने,सिरारी रेलवे स्टेशन पर कामाख्या एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव और आरक्षण काउंटर खोलने, शेखपुरा से लखीसराय पांच बजे सुबह पहुंचने वाली ट्रेन चलाने का मांग किया गया था। लेकिन इनके द्वारा आज तक कोई काम नहीं किया गया। यहां तक कि दस सालों में इन्होंने किसी भी गांव में नाली, गली,आहर, पैन, पोखरा या स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कोई काम नहीं किया है। सिर्फ मोदी जी के नाम पर चुनाव जितते आ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा सांसद कोई भी काम का नहीं है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस पुतला दहन से भी सरकार शेखपुरा जिला के शेखपुरा विधानसभा के जनता की मांग को पूरा नहीं करती है‌। तो 20 मार्च को सिरारी रेलवे स्टेशन पर सांसद चंदन सिंह, राज्यसभा सांसद शंभू शरण पटेल और सांसद चिराग पासवान का संयुक्त पुतला जलाया जाएगा।

स्कूल से एक साथ 6 शिक्षकों के स्थानांतरण किए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश, बीडीओ को सौंपा ज्ञापन।

CRISIL के अनुसार 2022-23 में किसान को MSP देने में सरकार पर ₹21,000 करोड़ का अतिरिक्त भार आता, जो कुल बजट का मात्र 0.4% है। जिस देश में ₹14 लाख करोड़ के बैंक लोन माफ कर दिए गए हों, ₹1.8 लाख करोड़ कॉर्पोरेट टैक्स में छूट दी गई हो, वहां किसान पर थोड़ा सा खर्च भी इनकी आंखों को क्यों खटक रहा है? आप इस पर क्या सोचते है ? इस मसले को सुनने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

देश के किसान एक बार फिर नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले साल नवंबर 2020 में किसानों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के रद्द करने के लिए दिल्ली में प्रदर्शन किया था और इसके बाद अगले साल 19 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए थे, हालांकि इस दौरान करीब सात सौ किसानों की मौत हो चुकी थी। उस समय सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने और उन्हें जल्दी पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा अब तक नहीं हआ है। और यही वजह है कि किसान एक बार फिर नाराज़ हैं।

बरबीघा नगर के थाना के सामने लाला बाबू चौक पर एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया । यह धरना मंगलवार को यह एक दिवसीय न्यायिक जन संघर्ष मोर्चा के बैनर तले दिया गया। इस धरना में मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कन्हैया कुमार बादल उपस्थित हुए।उन्होंने कहा कि बरबीघा की अपेक्षा की गई है। अनुमंडल बनने का वादा पूरा नहीं किया गया है। इसी मांग को लेकर एक दिवसीय धरना दिया गया है । साथ ही साथ उन्होंने कहा कि यहां यूरिया की कालाबाजारी खुलेआम हो रही है। किसानों का जमीन बगैर मुआवजा दिए हुए रेलवे के द्वारा निर्माण कार्य शुरू,अस्पताल में अल्ट्रासाउंड चालू करने के लिए धरना का आयोजन किया गया है। उन्होंने धरना को संबोधित करते हुए कहा कि लाल बाबू और श्री बाबू की धरती पर जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा दुखद है। यहां के विधायक और सांसद जनता से जुड़े हुए नहीं है। जनता के दुख दर्द से उनका कोई काम नहीं है। इस वजह से यहां की जनता काफी परेशान है।इस दौरान संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष धर्म उदय, विष्णु देव आर्य, विशेश्वर महतो, अंजनी सिंह, विपुल इत्यादि की भी भागीदारी रही।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

चेवाड़ा (शेखपुरा)बरबीघा के नारायणपुर मौजा में जमीन अधिग्रहण के मुआवजा की मांग को लेकर अनिश्चितकालिन धरना पर बैठे किसानों को समर्थन में भाकपा माले एवं अखिल भारतीय किसान महासभा ने दिया समर्थन इस दौरान अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव कमलेश मानव, अध्यक्ष रामकृपाल सिंह, किसान नेता राजेश कुमार राय, विशेश्वर महतो और भाकपा माले जिला सचिव विजय कुमार विजय, माले नेता कमलेश प्रसाद, धीरज कुमार भाग लिए.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

चेवाड़ा शेखपुरा 16 जनवरी को जन समस्याओं को लेकर बरबीघा में लाल बाबू चौक (थाना चौक) के पास दिया जाएगा एक दिवसीय धरना राष्ट्रीय जन आंदोलन के उपाध्यक्ष धर्म उदय कुमार ने रविवार को जानकारी देते हुए.उन्होंने बताया कि इस आंदोलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष कन्हैया कुमार बादल उपस्थित रहेंगे,जिसमें यह धरना प्रदर्शन विभिन्न मुद्दों को लेकर किया जाएगा.प्रमुख मुद्दा जैसे बरबीघा को अनुमंडल बनाया जाए. खाद की कालाबाजारी के खिलाफ .अस्पताल में अल्ट्रासाउंड अभिलंब चालू किया जाने कि मांग| . इत्यादि चीजों के लेकर या धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

एक सामान्य समझ है कि कानून और व्यवस्था जनता की भलाई के लिए बनाई जाती है और उम्मीद की जाती है कि जनता उनका पालन करेगी, और इनको तोड़ने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके उलट भारतीय न्याय संहिता में किये गये हालिया बदलाव जनता के विरोध में राज्य और पुलिस को ज्यादा अधिकार देते हैं, जिससे आभाष होता है कि सरकार की नजर में हर मसले पर दोषी और पुलिस और कानून पूरी तरह से सही हैं।

दनियावा-शेखपुरा रेल लाइन बिछाने के कार्य में बरबीघा अंचल के नारायणपुर मौजा के किसानों को भूमि के बदले सरकारी उचित मुआवजा न मिलने का विरोध जारी है। एक तरफ प्रशासन द्वारा जहां किसानों के भूमि का मुआवजा देने में लापरवाही की जा रही है। मंगलवार को भी लगातार चौथे दिन नारायणपुर में चल रहे रेलवे कार्य के विरोध में चार दिन से किसान समियाना तंबू लगाकर शांतिपूर्वक दिन रात धरने पर बैठे हैं। इस कपकपाती ठंड में जहां आम लोग शाम ढलने से पहले अपने घरों में दुबके जा रहे हैं। वहीं ठिठुरन भरे रात में भी किसान के अलावा सेवन कर धरने पर डटे हुए हैं। दिन हो या रात मुआवजे को लेकर आंदोलन कर रहे महिला, पुरुष और बुजुर्ग किसानों के हौसले को देख प्रशासन का हौसला धीरे-धीरे टूटता दिख रहा है। कुछ दिन पूर्व किसानों से बातचीत करने पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा पहुंचे थे। जहां उन्होंने किसानों को समझाने का भी प्रयास किया। लेकिन किसान बिना सही मुआवजे के धरने से हटने को तैयार नहीं हुए। अब धरने पर बैठे बुजुर्ग किसान दरोगी महतो, शिव दानी महतो, राजेंद्र प्रसाद, सुरेश पंडित सहित कई महिला किसानों ने बताया की प्रशासन द्वारा बीच-बीच में डराने धमकाने का भी प्रयास किया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि प्रशासन के आदेश पर मंगलवार दोपहर को वहां से चलंत शौचालय हटा लिया गया। बाद में अधिकारियों द्वारा लाठी-डंडे से पीटने की स्थिति बनाते हुए डराया धमकाया गया। किसानों ने कहा कि लोकतंत्र में शांति पूर्वक धरने के बावजूद अगर प्रशासन द्वारा सख्ती की गई तो वह लोग आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। इधर रेलवे के द्वारा अधिगृहीत भूमि के आसपास के खेतों में काम कर रहे किसानों को भी हड़काया जा रहा है। उनके खेतों में लगे फसलों को नुकसान हो रहा है।ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

यह भावनाओं के आहत होने का दौर है पता नहीं चलता कब किसकी कौन सी भावना आहत हो जाए। इन खिलाड़ियों के ऐसा करने के पीछे का कारण एक बाहुबली नेता के सहयोगी का एक खेल संघ के अध्यक्ष पद पर चुना जाना। इससे पहले वह नेता ही बीते दशक भर से इस संघ को चला रहा था, उस पर नाबालिगों के यौन शौषण के आरोप हैं, पुलिस इसकी जांच कर रही है लेकिन इस जांच के क्या नतीजे होंगे उसको क्या सजा मिलेगी यह सब सरकार की मर्जी पर निर्भर करता है । *------दोस्तों आपको क्या लगता है क्या हमारे देश के पहलवान जो यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं वे अपनी जगह पर ठीक हैं या उनमें कुछ है जो उन्हें गलत साबित करता है, उन्हें किसी के हाथ का खिलौना बनाता है। हो सकता है कि आप इन दोनों में से किसी एक विचार से सहमत हों। वह विचार चाहे जो भी हो उसे कहिए, बोलिए, हमें बताइए, क्योंकि एक महान लोकतंत्र के लिए लोगों का बोलना ज़रूरी है