अनुदानी दर पर रवी बीज के वृद्धि होने से किसानों ने चेवाड़ा कृषि कार्यालय के समीप किया बिरोध प्रदर्शन. वहीं किसानों ने जानकारी देते हुए बताएं कि ओटीपी आ जाने के बाद भी रवि फसल के बीज नहीं मिल पाती है जिससे हम किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तथा सोमवार को रवि फसल बीज अनुदानित दर से अत्यधिक रहने के कारण किसानों ने लेने से इनकार किया तथा जब कृषि पदाधिकारी से फोन पर बात करने पर उन्होंने बताया कि मसूर चना अलग-अलग अनुदानित दर पर है जिसको लेकर वृद्धि की गई है उन्होंने बताया कि सिर्फ मसूर बीज का अनुदानित दर अधिक है.

सोमवार को पांच सुत्री मांगों पर डटे रहे आंगनबाड़ी सेविका सहायिका केंद्रो पर चिपकाए गए नोटिस का नहीं हुआ असर. गौरतलब कि एक महीने से सेविका सहाय का अनिश्चित हड़ताल पर है वहीं रविवार को सीडीपीओ के निर्देश पर परिचारिका कौशल कुमार के द्वारा प्रखंड क्षेत्र के सभी आंगनबाड़ी पर आंगनबाड़ी केंद्रों को चालू करने के लिए नोटिस चिपकाया गया था वहीं आंगनबाड़ी सेविका सहायिका पांच सूत्री मांगों पर डांटे रहे तथा समेकित बाल विकास परियोजना कार्यालय के समीप प्रदर्शन भेजिए सेविका सहायिका ने काहे की जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक हम हड़ताल पर ही रहेंगे. वहीं सीडीपीओ से बात करने पर उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा जिले में सभी सेविका सहायिका का लेटर जारी कर दे दिया गया है बाकी जिले से विधि संवत कार्रवाई की जाएगी.

शेखोपुरसराय प्रखंड क्षेत्र के ई किसान भवन में अगले तीन दिनों से रबी फ़सल के लिए किसानों को बीज़ वितरण कराया जा रहा है ! लेकिन बीज़ वितरण के दौरान पँहेशा, मोहसीमपुर, खुड़िया आदि गाँवों के किसानों के द्वारा कृषि समन्यवयक रामपुकार के द्वारा बीज़ वितरण करने में अवैधता का आरोप लगाया है ! इस संबंध में जानकारी देते हुए मोहसीमपुर पुर के किसान अजय कुमार ने बताया की मोबाइल ओ टी पी की हेर फेर कर कृषि समन्यवयक चना वीज के जगह मसूर के बीज़ दिया जा रहा है ! वोही पँहेशा गाऊँ के रोहित कुमार, शीला देवी ने बताया की हम लोगों को समन्यवयक बरगला कर चना का बीज़ देने से कतरा रहें हैं ! और उनके द्वारा चिन्हित किसानों को साइड से सरकारी चना का बीज़ दिया जा रहा है ! जिसे लेकर सही किसानों को चना का बीज़ मिलने में काफी समस्या हो रही है !

बरबीघा/ प्रख्यात स्त्री रोग विशेषज्ञ/ डॉ प्रेमलता का निधन / शेखपुरा जिले के तथा बरबीघा नगर परिषद के अंतर्गत कुरौनी निवासी डॉक्टर मुनेश्वर प्रसाद सिंह की पत्नी डॉ प्रेमलता जी का, 72वें वर्ष में बरबीघा स्थित अपने आवास पर निधन हो गया. बता दे कि वह कुछ महीनो से बीमार अवस्था में चल रही थी. गौरतलब है कि कई दशकों से  मशहूर स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में जिले की हजारों महिलाओं मरीजों की सेवा कर चुकी डॉक्टर प्रेमलता का खबर सुनकर बरबीघा वासी शोक की लहर दौड़ पड़ी. बताते चले कि डॉक्टर प्रेमलता रोटरी क्लब शेखपुरा के पूर्व जिला अध्यक्ष सह चिकित्सक तथा कुरैनी गांव निवासी डॉक्टर मुनेसर सिंह की धर्मपत्नी थी. बरबीघा शहर में उनका अपना एक निजी नर्सिंग होम कई वर्षों से कार्यरत था. उनके निधन पर जिले के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने, तथा रोटरी क्लब के चिकित्सकों ने गहरी शोक संवेदना प्रकट की. डॉ प्रेमलता की मौत के बाद उनके आवास पर अंतिम दर्शन करने वालों की भीड़ उमड पड़ी थी. बता दे की बरबीघा के मशहूर फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर आनंद जय किशन पूर्व जिला अध्यक्ष अध्यक्ष डॉक्टर किरण देवी, डॉ दिव्या ज्योति, नीमी निवासी शिक्षक जय नंदन सिंह. अनामा पंचायत मुखिया अभिमन्यु कुमार, राजकमल उर्फ लाला जी ने गहरी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि डॉ प्रेमलता का जाना हमारे लिए तथा शेखपुरा और बरबीघा वासीयो  के लिए अपूरणीय छती है. उन्होंने बताया कि पूरे बिहार में अपनी एक अलग पहचान रखने वाली नारी सशक्तिकरण की प्रतिमूर्ति चिकित्सा जगत की देवी समाजसेवी और हम सब के मार्गदर्शन श्रद्धये डॉ प्रेमलता जी परमधाम चली गई. परमात्मा उन्हें परम शांति प्रदान करें यही प्रार्थना है.

बरबीघा।। बरबीघा प्रखंड अंतर्गत तेउस पंचायत के वर्तमान मुखिया सिंकु कुमारी एवं उनके पति शिवपूजन राम के साथ गांव के हीं एक लोगों के द्वारा गाली-गालौज करते हुए जान से मार देने की धमकी देने का मामला प्रकाश में आया है। मामले के लेकर मुखिया ने जयराम थाना को आवेदन देकर उचित कानूनी कार्यवाही करने की गुहार लगाई है। दिए गए आवेदन में मुखिया ने कहा है कि बुधवार की दोपहर करीब बारह बजे गांव के हीं दुअनमा टोला के सुरेन्द्र सिंह के पुत्र मुरारी कुमार के द्वारा मेरे पति के मोबाइल पर फोन करके पशु शेड का रुपया क्यों नहीं निकालते हो कहकर गाली गलौज किया एवं जान से मारने की धमकी दिया। मुखिया ने यह भी बताया कि उतना पर भी उसका मन नहीं भरा तो उसी दिन शाम करीब साढ़े पांच बजे घर पर आकर मेरे पति को गाली गलौज करते हुए मारपीट करने लगा। और कहा कि यह बात तुमने दूसरे को क्यों बताया। जब हल्ला गुल्ला सुनकर मैं घर से बाहर निकली तो मेरे साथ भी गाली गलौज करते हुए कहा कि तुम्हारे जैसा मुखिया हम रोज पैदा करते हैं। साथ हीं कहा कि कभी भी तुमको और तुम्हारे पति को जान मार देंगे। मुखिया ने बताया कि मेरे पति पेशे से शिक्षक हैं और हमेशा घर से बाहर हीं रहते हैं। यदि इनके साथ किसी तरह की घटना होती है तो इसका जिम्मेदार मुरारी कुमार होगा। मुखिया ने कहा कि मुरारी कुमार के द्वारा हमेशा पैसों की मांग किया जाता है।

बिहार में कृषि चिंताजनक स्थिति में / पूरे बिहार की मिट्टी में पोषक तत्वों का चरण सामान्य रूप से है. मगर मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण समेत अन्य स्थान की मिट्टी अत्यधिक क्षारीय और अम्लीय हो गई है इससे  किसी चीज की खेती करना संभव नहीं... बिहार के किसानों के लिए चिंताजनक खबर है. राज्य की मिट्टी के उर्वरता तेजी से घटती जा रही है. फसलों के लिए जरूरी नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश जिंक जैसे पोषक तत्वों की भारी कमी है कृषि जानकारी की माने तो रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के बेदर्दी और जरूरत से अधिक उपयोग की वजह से मिट्टी की सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है. अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो पंजाब हरियाणा जैसे राज्यों की तरह हमारे खेतों भी हालतहो जाएगी.खेती की जमीन बंजर या कम पैदावार देने वाली हो जाएगी. बिहार सरकार ने किसी के समग्र विकास के लिए कृषि रोड मैप बनाकर बड़ी पहल की. तीसरा रोड मैप जारी है चौथ को लगाने की कवायद चल रही है. इसके सार्थक परिणाम भी सामने आए हैं राज्य में खदान समिति फलों और सब्जियों के प्रति वर्ष रिकार्ड उपज रही है मगर मिट्टी की गुणवत्ता को बरकरार रखने की चुनौती सामने आई है. राज्य की मिट्टी में बहुमूल्य पोषक तत्वों के प्रमुख नाइट्रोजन की मात्रा 60 फ़ीसदी, फास्फोरस की मात्रा 45 फ़ीसदी, पोटाश में 28 फ़ीसदी, जिंक में 42 फ़ीसदी, बोरोंन में 18 और सल्फर में 24 फ़ीसदी की कमी हो गई है. वैसे यह स्थिति लगभग पूरे देश में है. इसका खुलासा हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी मुदा की सेहत संबंधित रिपोर्ट भी की गई है. बिहार की मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी ज्यादा पाई गई है. करीम 90 फ़ीसदी क्षेत्र की मिट्टी में इसकी कमी है. मिट्टी के आत्म मानी जाने वाली वैज्ञानिक कार्बन की 40 फ़ीसदी कमी हो गई है. इसका सीधा कर सभी तरह के फसलों की गुणवत्ता पर पड़ रही है इन जिलों में खेती पर ज्यादा असर.. बताते चले कि पूरे बिहार की मिट्टी में पोषक तत्वों का छरण सामान्य रूप से है. मगर मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण समिति अन्य जिलों स्थान पर मिट्टी अत्यधिक छरिये और अम्लीय हो गई है. हालांकि विभाग के स्तर पर इसका तेजी से उपचार किया जा रहा है संभावना है कि कुछ समय बाद यह सब कुछ ठीक हो जाएगी अगर मिट्टी की सेहत को लेकर अभी से सचेत नहीं हुई तो कई जिलों में ऐसी स्थिति हो जाएगी हो जाएगी. एक रिपोर्ट के मुताबिक 15 फ़ीसदी  मृदा की सेहत बेहद खराब हो गई है. सब और किसी विश्वविद्यालय की मृदा  विज्ञान विशेषज्ञ डॉक्टर सुनील कुमार  ने का कहना है की मिट्टी में 17 से ज्यादा पोषक तत्व होते हैं जो पौधों को संक्षिप्त विकास के लिए जरूरी है. इसमें नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश समेत 6 बेहद प्रमुख पोषक तत्वों की उचित मात्रा मिट्टी में बनाए रखने की जरूरत है इसकी कमी से बिहार में मिट्टी की उर्वरता शक्ति कम हो रही है

बीपीएससी ने शिक्षक भर्ती परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों को मेगा इवेंट कराकर गांधी मैदान में सीएम नीतीश कुमार के हाथों 1.20 हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिलवा दिया, लेकिन अब कई असफल छात्रा और शिक्षक संगठन भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं. कई जगहों पर इन अभ्यर्थियों की शिकायत सही भी पाई जा रही है. जिसके बाद ऐसे अभ्यर्थियों के नियुक्तिपत्र पर तत्काल रोक लगाते हुए शिक्षा विभाग ने नोटिस भी जारी कर दिया है. शिक्षा विभाग के इस कदम से फर्जीवाड़ा कर नियुक्ति पत्र लेने वाले अभ्यर्थियों में हड़कंप मच गया है. फर्जी शिक्षकों में हड़कंप खबरों के मुताबिक मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण जिले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. मुजफ्फरपुर में 100 सफल शिक्षकों के नियुक्ति पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी गई है. जबकि पश्चिम चंपारण में 30 शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगाई गई है. मुजफ्फरपुर जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से 100 नवनियुक्त शिक्षकों की सूची जारी की गयी है और इसमें लिखा गया है कि अध्यापक नियुक्ति परीक्षा 2023 के प्रमाण पत्र सत्यापन के क्रम में प्रथम दृष्टया संदेहास्पद प्रमाण पत्र वाले अभ्यर्थियों की औपबंधिक नियुक्ति पत्र रोकी गयी है. सैकड़ों नवनियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक वहीं, पश्चिम चंपारण में 30 नव नियुक्ति शिक्षकों की सूची जारी की गयी है. इस सूची के साथ ही ये जानकारी दी गई है कि प्रमाणपत्र सत्यापन के क्रम में त्रुटि रहने के कारण काउंसलिंग पत्र रद्द कर दिया गया है. अगर ऐसे अभ्यर्थियों को किसी तरह की कोई आपत्ति है, तो वे 5 नवंबर तक कार्यालय आकर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं. बता दें कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दो नवंबर को नवनियुक्त 1 लाख 20 हजार शिक्षकों को पटना के गांधी मैदान में नियुव्ति पत्र सौंपा था. जारी की गई सूची दो महीने के अंदर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर बिहार सरकार ने रोजगार देने का नया इतिहास रच दिया, लेकिन इस इतिहास रचने के साथ ही नियुक्ति में गडबड़ी की शिकायतें भी बड़े पैमाने पर सामने आई. ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या सरकार की ओर से फेयर परीक्षा कराकर रोजगार देने का दावा हवा हो रहा है क्योंकि जिस तरह से मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण में सफल शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगाई गई है. उससे कुछ यही कहानी सामने आ रही है.हालांकि इतने बड़े पैमाने पर लोकसभा चुनाव से पहले भर्ती के कई मायने हैं.

Transcript Unavailable.

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शेखपुरा में शुक्रवार की देर रात आए भूकंप से डोलती रही धरती, नेपाल रहा भूकंप का केंद्र शुक्रवार की देर रात बिहार में पटना समेत 11 जिलों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है। भूकंप का केंद्र नेपाल में 10 किलोमीटर जमीन के नीचे था भूकंप के बाद पटना समेत कई जिलों के लोग अपने घर के बाहर निकल आए। हालांकि, अभी तक किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं मिली है।भूकंप के दौरान धरती करीब एक मिनट तक धरती हिलती रही। कई बार आफ्टर शॉक्स भी महसूस किए गए। जिन जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए उनमें पटना, आरा, दरभंगा, गया, वैशाली, खगड़िया, सिवान, बेतिया, बक्सर, नालंदा, नवादा शामिल है शेखपुरा जिले के आसपास के हिस्सों को भूकंप के संंबंध में संवेदनशील माना जाता है। शेखपुरा जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस होते ही लोग डर के मारे अपने घर से बाहर निकल आए। देर रात आए भूकंप के झटकों से लोग दहशत में दिखे। हालांकि, राहत की बात यह है कि अबतक शेखपुरा जिले में जान माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।दरअसल, जब भूकंप आया तो ज्यादातर लोग खाना खाकर सोने की तैयारी में थे. ऐसे में ज्यादातर लोगों को और कई जिलों में इसे आसानी से महसूस किया गया. कहीं पंखा हिलते दिखा तो कहीं घरों से बाहर आकर लोग एक-दूसरे से भूकंप के बारे में पूछने लगे। कुछ देर के लिए तो लोगों में हड़कंप मच गया। वही देश के कई हिस्सों से ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिसमें कहीं पंखा हिलता दिख रहा है तो कहीं झूमर हिल रहे हैं।