महिलाओं की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी और उसके सहारे में परिवारों के आर्थिक हालात सुधारने की तमाम कहानियां हैं जो अलग-अलग संस्थानों में लिखी गई हैं, अब समय की मांग है कि महिलाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए इसमें नए कामों को शामिल किया जाए जिससे की ज्यादातर महिलाएं इसका लाभ ले सकें। दोस्तों आपको क्या लगता है कि मनरेगा के जरिए महिलाओँ के जीवन में क्या बदलाव आए हैं। क्या आपको भी लगता है कि और अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए ?

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

पश्चिम चंपारक मोबाइल वानी के सभी श्रोताओं को नमस्कार आप सुन रहे हैं कि मैं आशुतोष कुमार कुशवाहा हूँ जो माधवानी ब्लॉक से हैं मजदूरों को मनरेगा के तहत काम नहीं मिला । विलय के कारण मनरेगा पर निर्भर सभी लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । उन्हें मनरेगा से कोई काम नहीं मिल रहा है , न ही उन्हें रोजगार मिल रहा है । इसलिए , आपको अपनी आजीविका के लिए रोजगार नहीं मिलने के कारण बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ।

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

बेरोजगार लोगों को नही मिल रही है रोजगार.... चहेतों के नाम पर हो रही है कागजी भुगतान... और मजदूर हो रहे है पलायन....

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