उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से विशाल पांडेय , की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सुधाकर जी से हुई। सुधाकर जी यह बताना चाहते है कि गर्मी का मौसम चल रहा है, गर्मी के मौसम में बारिश न होने से फसल चक्र को लाभ नहीं मिल रहा है, इसलिए हम सभी किसानों को गर्मी को ध्यान में रखते हुए फसल चक्र पर काम करना चाहिए। इस समय, खेत में एक गड्ढा बनाया जाना चाहिए और सूखी घास, गोबर, सब्जी के छिलकों को इतिहास को ढकना चाहिए ताकि इसे हटाया जा सके। उन्हें स्वदेशी खाद के साथ काम करने में सक्षम होना चाहिए और फिर खेतों में लौकी के बीज जैसी सब्जियों का उत्पादन करना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से विजय पाल चौधरी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि मौसम में बदलाव के साथ, बीमारियां बढ़ रही हैं। लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं क्योंकि बदलते मौसम में ऐसा ही हो रहा है। भोजन से लेकर तेज धूप और गर्मी तक सावधानी बरतनी चाहिए तापमान में उतार-चढ़ाव दूषित पानी की शिकायतें गर्मी से क्षतिग्रस्त भोजन अन्य सामग्रियों का उपयोग पीने के पानी जैसी सुरक्षा के बिना धूप में बाहर न निकलें, कुछ बुजुर्गों को दोपहर में बाहर नहीं जाना चाहिए, कुछ लोगों को बिना मुंह ढके घूमते देखा जाता है और उन्हें पानी भी पीना चाहिए।

जलवायु परिवर्तन मुख्य रूप से मनुष्यों के कारण होता है। समानांतर जलवायु परिवर्तन कई वर्षों से धीरे-धीरे हो रहा है, लेकिन आज मनुष्यों द्वारा पेड़ों की कटाई और वनों की कटाई के कारण, जो कि जलवायु परिवर्तन बहुत प्रभावित कर रहा है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से विजय पाल चौधरी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि नहर में पानी की कमी के कारण किसान परेशान हैं। गाँव की पंचायत अधर में है क्योंकि इस समय धारा में पानी नहीं है, हालाँकि किसानों को अब पानी की आवश्यकता है क्योंकि नर्सरी लगभग लोगों का प्यार बन गया है, अगर किसानों को नहरों में पानी मिल जाए तो वे धान लगा सकते हैं, लेकिन इस समय नहर में पानी नहीं है

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से अरविन्द श्रीवास्तव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बातना चाहते है कि आजकल जलवायु परिवर्तन बहुत तेजी से हो रहा है। यह तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि इसकी हर इकाई में जो हरे-भरे पेड़ हैं, उन्हें काटा जा रहा है और बहुत बड़ी मात्रा में काटा जा रहा है, जिन्हें सरकार द्वारा ही काटा जा रहा है , जिससे ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ जाता है। बता दें कि इस साल जलवायु परिवर्तन से परेशान गर्मी से परेशान पूरे भारत को प्राकृतिक कारणों से अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। जिन संसाधनों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है, जो घर बनाए जा रहे हैं, जो बहुमंजिला इमारतें बन रही हैं, और जो जल संचयन कहीं दिखाई नहीं दे रहा है।अगर तालाब नहीं होंगे तो पानी का भंडारण नहीं होगा, तो बारिश की संभावना कम होगी। और बस्ती जिले में कुछ स्थानों पर देखा गया है कि कई स्थानों पर जल स्तर भी नीचे चला गया है क्योंकि हम तराई क्षेत्र हैं, इसलिए अब पानी की ज्यादा कमी नहीं है, लेकिन अगर स्थिति रही तो पानी की कमी हो जायेगा।

इस भीषण गर्मी से बचना है तो इन बातों का हमेशा ध्यान रखना है। नियमित रूप से पानी पीना, भोजन में पौष्टिक तत्व और ठंडी चीज़ों को शामिल करना और हल्का भोजन करना। अगर आपने इस भीषण गर्मी से बचने के लिए कोई खास तरीका अपनाया है या फिर अपने भोजन में किसी तरह की कोई खास चीजें शामिल की हैं, जिससे कि इस भीषण गर्मी में कुछ राहत मिल सके, तो अपने ये उपाय सभी के साथ जरूर बांटें।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से विजय पाल चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि वनों के क्षेत्र में कमी के कारण वर्षा की मात्रा कम हो रही है। वनो की सहायता से ही वातावरण अनुकूल होता है और वर्षा होती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से विजय पाल चौधरी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि गर्मी बहुत बढ़ गया है। तापमान चालीस से पैंतालीस डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। इसे बनाया जाता है और वातावरण पूरी तरह से गर्म होता है, जिससे लोग सांस के माध्यम से फेफड़ों में जाने से बीमार हो रहे हैं। नमी की कमी के कारण, गर्मियों के मौसम में छोटी-छोटी चिंगारी भी आग का कारण बन रही हैं। वहाँ मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड ने वातावरण को खराब कर दिया है और गर्मी की लहर में व्यक्तियों के स्वास्थ्य में बहुत बड़ा बदलाव ला रहा है। यह सब लोगों को परेशान कर रहा है, इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता जा रहा है और इस गर्मी के कारण लोग परेशान हो रहे हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोहम्मद इमरान ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि लगातार तेज पड़ रही गर्मी में विद्युत कटौती भी अपने चरम पर है जिससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोहम्मद इमरान ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि धूप की तपिस और उमस से किसानों के पसीने छूट गए है। किसानों को अपने धान की नर्सरी की सिंचाई में दिक्कत आ रही हैं। तेज धूप के कारण हर 24 घंटे बाद किसानों को अपने धान की नर्सरी की सिंचाई करना पड़ रहा है।