उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से मोहम्मद इमरान ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत एक कृषि प्रधान देश होने के बावजूद महिलाओं को भूमि स्वामित्व का अधिकार देने में पीछे क्यों है, महिलाओं को उनका हक नहीं दिया जाता है। कानूनी रूप से या संसद भवन में महिलाओं के आरक्षण के लिए सभी प्रकार के कानून बनाए जाने के बावजूद पुरुष अधिकार नहीं देना चाहते हैं। लेकिन एक पुरुष प्रधान देश में महिलाओं के लिए अपने अधिकारों तक पहुँचना मुश्किल साबित हो रहा है। सेज स्टाम्प पेपर के नाम पर या भंडार में छूट पाने के लिए जमीन उनके नाम पर लिखी जाती है, लेकिन इसका स्वामित्व उनके परिवार के सदस्यों के पास रहता है। ऐसे में हमें जागरूक होने की जरूरत है और महिलाओं को भी अपने अधिकारों को समझने की जरूरत है, तभी हम महिलाओं को उनके अधिकार दे सकते हैं।

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मानवों द्वारा वृक्षों की कटाई के कारण जलवायु में परिवर्तन हो रहा है। इसी के कारण आज कल इतनी भीषण गर्मी पड़ रही है। गर्मी से मनुष्य के साथ जीव जंतु भी परेशान है। जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाना चाहिए।

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उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि भूमि हर जगह एक स्थायी संपत्ति मानी जाती है। किसी भी परिस्थिति में भूमि का उपयोग कर सकते है। कृषि प्रधान होने के नाते हमारा देश के पचास प्रतिशत लोग कृषि कार्य में जुटे है। जमीन हमारे पास है तो हमे सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। महिलाएं खेत में काम करती तो है पर उन्हें कृषक नहीं माना गया है। पितृ सत्ता होने के कारण सारा अधिकार पुरुष को दिया गया है। अब समाज को जागरूक होने की ज़रुरत है। महिलाओं में भी उनके अधिकारों के प्रति उनको जागरूक करना होगा। ताकि वो खुद अपने अधिकारों का रक्षा और इस्तेमाल करेंगी। जहाँ शिक्षा का स्तर ऊँचा है वहाँ पुरुष महिला साथ मिल कर काम करती है और समाज में आर्थिक रूप से उन्हें सशक्त माना जाता है। इसीलिए महिलाओं को भूमि अधिकार के बारे में बताना होगा।

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उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलाओं का भी जमीन पर अधिकार होना चाहिए। असमानताओं की बात है, तो कहीं न कहीं शुरुआत से चल रही अज्ञानता के कारण को समाप्त करने की आवश्यकता है, संपत्ति का अधिकार महिला और पुरुष दोनों को समान मिलना चाहिए। लड़का और लड़की में भेद भाव नहीं होना चाहिए।

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उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से विजय पाल चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बतया कि नारियों का सम्मान किया जाना चाहिए। भारत में नारियों को देवी का दर्जा दिया जाता है। लेकिन फिर भी उनके साथ उत्पीड़न किया जाता है जो की बहुत गलत है

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