Transcript Unavailable.
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से नीतू सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि । पुरुषों की तुलना में महिलाओं को बहुत कम अधिकार हैं। भूमि और प्रकृति संसाधनों के समान अधिकारों के बिना लैंगिक समानता हासिल नहीं की जा सकती है, आज भी हमारा समाज पुरुष प्रधान है। इसके अलावा, अपने पिता या पति की पहचान करना बहुत महत्वपूर्ण है, पति या पिता के नाम के बिना, महिला समाज एक महिला को स्वीकार नहीं करता है।
उत्तप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि महिलाओं का जमीनी हक़ के लिए सरकार ने भी कानून बनाया है। पहले महिला की शादी नहीं होती थी तब तक पैतृक संपत्ति का अधिकार था। शादी के बाद महिला का जमीन पर न मायके में रहता था न ही ससुराल में। पति की मृत्यु हो जाने के बाद पत्नी को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था। पर अब ऐसा नहीं है। अब महिला को भी जमीन का अधिकार है। अब पति की मृत्यु के बाद पत्नी का भी बराबर हक होगा। ऐसे होने पर महिला आर्थिक रूप से मज़बूत है। कृषि योग्य भूमि बना रही है और जमीन रहने पर व्यापार का भी द्वार खुला हुआ है। जो महिला जागरूक नहीं है ,वो ही अपने अधिकार का इस्तेमाल सही से नहीं कर पाती है
Transcript Unavailable.
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से अरविन्द श्रीवास्तव , मोबाइल वाणी के अम्ध्यम से यह बताना चाहते है कि बहुत महत्वपूर्ण है कि समाज भूमि पर महिलाओं के अधिकारों से कैसे लाभान्वित हो सकता है। भारतीय समाज में महिलाओं के प्रति हमेशा दो प्रकार का दृष्टिकोण रहा है, पहला पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक सम्मान देना है। जबकि दूसरा पक्ष कहता है कि भारतीय समाज में पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम सम्मान और अधिकार है जिसके कारण एक पितृसत्तात्मक समाज होने के नाते, सदियों से यह हमेशा से रहा है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम महत्व दिया जाता है। हमारे समाज का रवैया ऐसा बना हुआ है कि महिलाएं हमेशा घर, परिवार या बच्चों की देखभाल से परे नहीं सोचती हैं। इसके परिणामस्वरूप देश और समाज को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है, जबकि यह देखा जाता है कि महिलाएं कृषि क्षेत्र में काम करती हैं, लेकिन कोई भी उन्हें कभी भी किसान के रूप में स्वीकार नहीं करता है। यही कारण है कि महिलाओं को हमेशा कमजोर माना गया है और उन्हें आर्थिक दृष्टि से भी बहुत कमजोर माना जाता है क्योंकि अगर कोई इस पर गौर करे तो अगर घर में पुरुष और महिलाएँ रहते हैं, तो सबसे पहले, पुरुष से लेकर महिलाएँ, अगर किसी कारण से कोई घटना होती है, तो परिवार में महिलाओं की देखभाल करने वाला कोई नहीं होता है। जिनके लिए आज के समय में महिलाओं का सशक्त होना बहुत आवश्यक है, महिलाओं को पुरुषों का आधा माना जाता है, लेकिन अधिकारों के मामले में देखा जाए तो पुरुष महिलाओं से बेहतर हैं।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि भीषण गर्मी में जितना हो सके उतना पानी पीएँ। पानी जीवन है समय-समय पर बहुत सारा पानी पीएँ और मौसमी फल जैसे खीरे, खरबूजे आदि का सेवन करें। अगर आपके शरीर में पानी की कमी हो, तो आपको समस्या हो सकती है
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि भीषण गर्मी जारी है। सुबह जब देखा गया तो बादल छाए हुए थे और पूर्वी हवा तेजी से चल रही थी और गर्मी से कुछ राहत मिली लेकिन बारिश नहीं हुई। ऐसा लगता है कि गर्मी अभी जारी रहेगी और जब तक बारिश अच्छी नहीं होगी, गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है।