उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली , की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अनिल चौधरी से हुई। अनिल चौधरी यह बताना चाहते है कि घर में जैसे भाई बहन होती है तो जितना अधिकार भाई का होता है उसी तरह बहन का भी अधिकार होना चाहिए। अगर महिला अपने पति के साथ शादी के बाद रह रही है और वह अपने घर में अधिकार चाहती है तो उनको जरूर मिलेगा। जमीन पर बेटा और बेटी दोनों का अधिकार होना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से प्रशांत श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से शुभम श्रीवास्तव से हुई। शुभम श्रीवास्तव यह बताना चाहते है कि भारतवर्ष में महिला और पुरुष को संविधान ने बराबरी का अधिकार दिया है। संविधानिक अधिकारों को उपलब्ध कराने हेतु अलग अलग क्षेत्रों में सम्बंधित अधिनियम भी बनाए गए है। जबकि इनका लाभ महिलाओं तक पहुंचाने के लिए एक युवा प्रशासक को यह जानकारी रखना जरूरी है कि महिलाओं के महत्वपूर्ण सिविल कानून के नियम क्या क्या है और इनका क्रियान्वयन किस प्रकार किया जा सकता है। जैसे की महिलाओं का श्रमिक अधिकार यह बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है , न्यूनतम मजदूरी के अधिनियम 1948 के अंतर्गत हर काम करने वाली महिला या पुरुष को इतना वेतन दिया जाना चाहिए जितना सरकार ने तय किया है। लेकिन एसा नहीं हो पाता है। यदि कोई व्यक्ति मजदूरी के कारण न्यूनतम वेतन से कम पर काम करने को भी राज़ी हो तो ठेकेदार या उक्त कंपनी को काम पर लगाने वाले व्यक्ति को यह बाध्य करे की वह न्यूनतम वेतन से पैसे कम नहीं दें। महिलाएँ जो दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करती हैं ,जो बागान या कारखाने जैसे कि बीड़ी कारखाने में काम करती हैं ,जो कृषि में काम करती हैं उन्हें न्यूनतम मजदूरी भी दी जानी चाहिए, इसलिए चौदह से अठारह वर्ष की आयु के व्यक्ति के लिए एक अलग न्यूनतम मजदूरी होगी।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रामप्रकाश से हुई। रामप्रकाश यह बताना चाहते है कि जिस तरह से पिताजी के मरने के बाद उनके बेटों को हक़ मिलता है उसी तरह महिला को भी उतना ही हक़ मिलना चाहिए। महिला और पुरुष दोनों को समान अधिकार मिलना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहम्मद जुनैद रजा से हुई। मोहम्मद जुनैद रजा यह बताते है कि महिलाओं को जमीन पर अधिकार मिलना चाहिए। महिला और पुरुष में समानता होना चाहिए। महिला और पुरुष का समान सम्मान होना चाहिए। दोनों में भेद भाव नहीं होना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से प्रशांत श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सौरभ से हुई। ये बताते है कि पहले के समय में महिलाओं के पास कोई अधिकार नहीं था। महिलाओं के साथ बुरा व्यवहार होता था। महिलाओं को शिक्षा का अधिकार ,वोट देने का अधिकार नहीं था। पर्दा के पीछे रहना पड़ता था ,बाल विवाह की समस्या थी। उनके साथ बहुत अत्याचार होता था। लेकिन जब से संविधान बना है तब से महिलाएं सुरक्षित है और उन्हें कई अधिकार दिया गया है। समाज में महिलाएँ को पुरुष के बराबर का दर्जा दिया गया है। हर एक क्षेत्र में उन्हें पुरुषों के सामान आँका गया है। शिक्षा का अधिकार भी दिया गया है। वहीं अभी संसद में बिल भी पास हुआ है जिसके तहत महिलाओं को 33 प्रतिशत का आरक्षण संसद में मिला है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से प्रशांत श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अरुण कुमार से हुई। ये बताते है कि पुरुष की अपेक्षा महिलाओं के पास कम अधिकार है। इस कारण महिलाएँ अपमानित होती है। अधिकार नहीं रहने से वो अयोग्य महसूस करती है। महिलाओं को उनका अधिकार देना बहुत ज़रूरी है। आज के समय में सरकार महिला के अधिकार के प्रति सचेत है। कुछ न कुछ नियम सरकार लाती है जिससे महिलाओं के सम्मान की रक्षा हो सके।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से रमजान अली ने मोबाइल वाणी के माध्यम से हुसैन अली से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि पहले की तुलना में अब महिलाओं को ज्यादा सम्मान मिलता है। साथ ही उन्होंने बताया कि पिता के संपत्ति में महिला को भी अधिकार मिलना चाहिए।

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