उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोहम्मद इमरान ,मोबाइल वाणी के माध्यम से सरिगुण मिश्रा से बातचीत कर रहे है। ये कहती है कि घर में जिम्मेदारी पुरुषों का रहता है। महिलाओं को खान पान ,खर्च की जिम्मेदारी मिलनी चाहिए। महिलाओं को जमीनी अधिकार मिलनी चाहिए। सरकार से अपेक्षाएँ है कि वो महँगाई के साथ महिलाओं पर ध्यान दें

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से दिनेश कुमार चौधरी से हुई। दिनेश कुमार चौधरी यह बताना चाहते है कि अगर महिलाओं को उनका अधिकार चाहिए तो उनको शिक्षित होना पड़ेगा। इसके लिए उनके अभिभावक को उनके शिक्षा के लिए कदम उठाना पड़ेगा।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से रमजान अली ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अरमान से बातचीत किया। बातचीत के दौरान अरमान ने बताया कि पुरुषों की तरह महिलाओं को भी एक समान अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं के अधिकार में कई बाधाएं है, जैसे जागरूकता की कमी और समाज में शिक्षा की कमी का होना।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से मोहम्मद इमरान की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से तबस्सुम बानो से हुई। तबस्सुम बानो यह बताना चाहती है कि महिलाओं को भूमि का अधिकार मिलना चाहिए। जिस तरह से भाइयों को जमीन पर अधिकार मिल रहा है उसी तरह बहनों को भी मिलना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से प्रशांत ने मोबाइल वाणी के माध्यम से हर्षित श्रीवास्तव से बातचीत किया। बातचीत के दौरान हर्षित श्रीवास्तव ने बताया कि महिलाओं के अधिकार दुनिया भर के समाजों में मान्यता प्राप्त प्रत्येक महिला या लड़की का जन्मसिद्ध अधिकार है। यह महिला अधिकार आंदोलन और बीसवीं शताब्दी के नारीवादी आंदोलन का अधिकार रहा है, कई देशों में यह महिलाओं के अधिकारों और आंतरिक रूप से समाज में उनके स्थान को मजबूत करने के लिए किया गया है। कई देशों में व्यापक मानवाधिकार दावे ऐतिहासिक और पारंपरिक पूर्वाग्रहों में निहित हैं जो पुरुषों और लड़कों पर महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का समर्थन करते हैं। महिलाओं के अधिकारों, यौन हिंसा से स्वतंत्रता और समाज में उनके लिए पूर्ण न्याय के संबंध में उनके हर विभाग में ईमानदारी और स्वायत्तता रही है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सलाम हुसैन से हुई। सलाम हुसैन यह बताना चाहते है कि पिता के मृत्यु के बाद जिस तरह से जमीन पर बेटा को हक़ मिलता है उसी प्रकार बेटी को भी जमीन में हक़ मिलना चाहिए। महिला और पुरुष दोनों को समान अधिकार मिलना चाहिए। शादी से पहले महिला का जमीन पर हक़ होता है लेकिन शादी के बाद उनका नाम जमीन से हटवा देते है। तो महिलाओं को जमीन पर अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं का जमीन पर अधिकार नहीं होने का कारण उनका अशिक्षित होना भी है । महिलाएं नहीं समझ पाती है कि जमीन पर उनका भी हक़ होना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोहम्मद इमरान ,मोबाइल वाणी के माध्यम से रामकृष्ण मौर्या से बात रहे है ,ये कहते है कि जब महिलाओं और पुरुषों को सामान अधिकार मिलना है ,कानून भी यही कहता है तब भी महिलाओं को उनका हक़ अधिकार नहीं मिल रहा है। यह इसीलिए होता है क्योंकि देश में पहले से चली आ रही प्रथा के कारण लोग महिलाओं को अधिकार नहीं देना चाहते हैं। आज सभी जगह महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिलना चाहिए क्योंकि माँ पिता की सेवा लड़कियाँ ही अधिक करती है । महिलाओं को अपने अधिकार प्राप्त करने के लिए आगे आना होगा और आवाज़ उठाना होगा

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से प्रशांत श्रीवास्तव ,मोबाइल वाणी के माध्यम से सुमन से बात रहे है ,ये कहती है कि सभी महिलाओं को मानवाधिकारों का अधिकार है। हिंसा मुक्त रहने का अधिकार ,शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के उत्तम प्राप्त करने योग्य मानक का आनंद लेने का अधिकार ,शिक्षित होने का अधिकार ,संपत्ति का मालिक होने का अधिकार ,वोट देने का अधिकार और सामान वेतन पाने का अधिकार शामिल है। लेकिन दुनियाभर में कई महिलाओं और लड़कियों को अभी भी लिंग के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है। लैंगिक असमानताएं कई है ,जिससे महिलाएं गुज़रती है। व्यक्तियों के पास मानव अधिकार है जो विभिन्न तरीकों से सुरक्षा प्रदान करते है। कई अधिकार मिलने के बाद भी महिलाएं अभी भी भेदभाव की शिकार है। भेदभाव के मानकों की सूची बहुत लम्बी है

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से बृजभान चौधरी ,बृजभान चौधरी यह बताना चाहते है कि शादी से पहले महिला का जमीन पर अधिकार होता है लेकिन शादी के बाद महिला के नाम से नहीं हो पाता है क्योंकि कई लोगों के पास अधिक धन होता और कई लोगों के पास कम धन होता है। उनका कहना है की महिला को कुछ प्रतिशत जमीन का हिस्सा मिलना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोहम्मद इमरान ,मोबाइल वाणी के माध्यम से अमित द्विवेदी से बातचीत कर रहे है। ये बताते है कि महिलाओं को अभी तक अधिकार ना मिलने का सबसे बड़ा कारण पुरुष समाज का समान्त वादी होना सबसे बड़ा कारण रहा है।सामंतवादी के कारण पुरुषों को आगे बढ़ाया गया , उन्हें परिवार का मुखिया बनाया गया और महिलाओं का आर्थिक और सामाजिक शोषण होते रहा। पर अब कानून बदल रहा है , महिलाओं को भूमि सम्बन्धी अधिकार दिलवाने के प्रयास किया जा रहा है । अब महिलाओं में जागरूकता भी बढ़ी है। शिक्षा प्राप्त कर अब महिलाएं देश में आगे बढ़ रही है ,कई क्षेत्रों में अच्छा मुकाम हासिल कर रही है। महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए पुरुषों को आगे आना चाहिए। महिलाओं को आज़ादी दें और उनपर भरोसा रखे। पुरुषों को समांतिवादी विचारधारा से बाहर आने की ज़रुरत है