कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

पंजी 2 में प्लॉट चढ़ाने के नाम पर घूस लेते सीआई और अमीन को एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया है, रांची एसीबी की टीम ने मंगलवार को अंगना अंचल के की कुलदीप साहू और प्राइवेट अमीन प्रभु पवन को गिरफ्तार किया है। वादी मनोज मुंडा की शिकायत पर एसीबी ने यह कार्रवाई की है ,मनोज मुंडा ने ऐसीबी से शिकायत कर कहा था कि 26 एकड़ 52 डिसमिल जमीन जिसका पंजी -।। में प्लॉट चढ़ाने के लिए 16 सितंबर 2023 को ऑनलाइन आवेदन अनगड़ा अंचल में दिया गया था. प्रति डिसमिल के हिसाब से सिआई ने मांगा खर्चा ,सिआई कुलदीप साहू अनगड़ा अंचल से काम के लिए मन मनोज मिलते रहे तो कुलदीप साहू के द्वारा बोला गया की एक हजार रुपएया प्रति डिसमिल के हिसाब से खर्चा लगता है, ऐसा करो कि जो जरूरी प्लॉट है उसी का काम करवा लो इस पर दो प्लॉट ऑनलाइन चढ़ाने के बारे में बोलने पर सिआई ने 800 प्रति डिसमिल के हिसाब से एक लाख चालीस हजार होता है तो तुम एक लाख रुपया दे दो कुछ समय चाहिए तो दे रहे हैं, और 20 से 25 हजार में काम नहीं होगा, जबकि मनोज मुंडा रिश्वत देखकर काम नहीं करना चाहते थे. इसके बाद इसकी शिकायत मनोज मुंडा ने एसीबी से किया, एसीबी ने मामले का सत्यापन कराया और सत्यापन में घूस मांगे जाने की बात सही पाई गई, इसके बाद एसीबी ने मंगलवार को कुलदीप साहू और प्राइवेट अमीन प्रभु पाहन को घूस लेते गिरफ्तार कर लिया।

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एडीआर संस्था ने अपनी एक और रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में राजनीतिक पार्टियों की कमाई और खर्च का उल्लेख है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे राजनीतिक पार्टियां अपने विस्तार और सत्ता में बने रहने के लिए बड़े पैमाने पर खर्च करती हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के सबसे बड़े सत्ता धारी दल ने बीते वित्तीय वर्ष में बेहिसाब कमाई की और इसी तरह खर्च भी किया। इस रिपोर्ट में 6 पार्टियों की आय और व्यय के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआई एम और बीएसपी और एनपीईपी शामिल हैं। दोस्तों, *---- आपको क्या लगता है, कि चुनाव लडने पर केवल राजनीतिक दलों की महत्ता कितनी जरूरी है, या फिर आम आदमी की भूमिका भी इसमें होनी चाहिए? *---- चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई खर्च की सीमा के दायेंरें में राजनीतिक दलों को भी लाना चाहिए? *---- सक्रिय लोकतंत्र में आम जनता को केवल वोट देने तक ही क्यों महदूद रखा जाए?

*बगैर किसी सूचना के मांडर में विकास कार्यों में शिलापट्ट में अपना नाम इस्तेमाल किये जाने पर सांसद सुदर्शन भगत ने जताया कड़ा एतराज, कहा ओछी राजनीति की जा रही है.* *लोहरदगा सांसद सुदर्शन भगत ने मांडर में बगैर किसी सूचना के शिलान्यास कार्यक्रमों के शिलापट्ट में अपना नाम अंकित किये जाने पर कड़ा एतराज जताया है और इसे ओछी राजनीति करार दिया है. उन्होंने कहा है कि विकास कार्यों का श्रेय लेने की होड़ में उनके नाम का प्रयोग किया जाना उचित नहीं है. क्षेत्र में विकास के कुछेक कार्यों के शिलान्यास कार्यक्रमों में प्रोटोकॉल के अनुसार सांसद को सूचना देने की अनिवार्यता होती है. लेकिन ओछी राजनीति के तहत इसका अनुपालन नहीं किया जाना और उसे शिलापट्ट तक ही सीमित रखने की गलत परंपरा की शुरुआत की जा रही है. सांसद ने कहा है कि भाजपा कार्यकर्ताओं से उन्हें सूचना मिली कि मांडर में शनिवार को मांडर रेफ़रल अस्पताल परिसर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व कनभीठा में पुल निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया. जिसके शिलापट्ट में मेरा नाम अंकित किया गया है. लेकिन संबधित विभाग द्वारा मुझे इस शिलान्यास कार्यक्रम की किसी प्रकार की विधिवत सूचना नहीं दी गयी है. सूचना मिली होती तो मैं व्यक्तिगत रूप से या फिर मेरा कोई स्थानीय प्रतिनिधि वहां पर जरूर उपस्थित रहता. लेकिन ऐसा नहीं हुआ सिर्फ शिलापट्ट में सांसद का नाम अंकित कर खानापूर्ति कर दी गयी. जिससे यह स्पष्ट प्रतीत हो रहा है कि मांडर में ऐसे कार्यक्रमों से भाजपा कार्यकर्ताओं को दूर रखने व विकास कार्यों का अकेले ही श्रेय लेने की ओछी राजनीति की जा रही है.

गिरिडीह// तिसरी में अंचल कर्मचारी राम नरेश चौधरी को एसीबी की टीम ने 5 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।

तमाम गैर सरकारी रिपोर्टों के अनुसार इस समय देश में बेरोजगारी की दर अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं सरकारें हर छोटी मोटी भर्ती प्रक्रिया में सफल हुए उम्मीदवारों को नियुक्त पत्र देने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को भी आमंत्रित कर रही हैं, जिससे की बताया जा सके कि युवाओं को रोजगार उनकी पार्टी की सरकार होने की वजह से मिल रहा है।

लातेहार जिला परिषद के सदस्य विनोद उरांव ने उपायुक्त को बताया कि जिले में आदिवासियों के लिए संचालित कई विकास कार्य योजनाओं में कल्याण विभाग में प्रभारी कनीय अभियंता के पद पर कार्यरत मनीष कुमार एवं बड़ा बाबू सत्यदेव पासवान अनियमितता में संलिप्त हैं बिचौलियों की मिली भगत से योजनाएं बर्बादी के साथ-साथ भारी मात्रा में सरकारी राशि की बंदरबाट की जा रही है, लेकिन पूर्व में कई बार शिकायत किए जाने और जिला परिषद की बैठक में मामला उठाए जाने के बाद भी अब तक इस पर संज्ञान नहीं लिया गया है जिससे विभाग व विचौलीया के आरोपी कार्मिकों का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है।

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