सीखना है बहुत ज़रूरी, और बच्चे सबसे जल्दी चीज़ें सीखते है | इसीलिए उनके आसपास का माहौल अच्छा होना चाहिए | सुनिए इस कहानी को, और जानिये कहाँ से और किस तरह से बच्चे एक दुसरे से सीखते है |

बिहार राज्य के नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड से शम्भू प्रसाद ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जा सकती है

बिहार राज्य के नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड से शम्भू प्रसाद ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि इनको चुलबुली की कहानी और प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी।

बिहार राज्य के नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड से शम्भू प्रसाद ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कहानी सुनकर बच्चों के पालन-पोषण सम्बंधित अच्छी जानकारी मिली। साथ ही यह भी जाना कि बच्चों को हाव-भाव के माध्यम से भी सिखाना चाहिए

बिहार राज्य के नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड से रिंकू कुमारी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि इनको चुलबुली की कहानी बहुत अच्छी लगी। घर के बड़ों को देखकर बच्चे अच्छा-बुरा कार्य सीखते हैं.

साथियों, बच्चे बड़ों को देखकर ही काफी कुछ सीखते और समझते है | इसीलिए जिस माहौल में हम उन्हें ढालेंगे, बच्चे वैसे ही बनेंगे | ये कहानी भी इसी बात से प्रेरित है, इसे सुनियेगा ज़रूर |दोस्तों, इस कहानी से हमे ये सीखने मिलता है कि बच्चे बडों को देखकर बहुत कुछ सीखते हैं.. चलिए तो अब आप हमें बताएं कि आप बच्चों के सामने व्यवहार किस तरह से करते हैं? किन बातों का ध्यान रखते हैं? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

बिहार राज्य के नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड से प्रियंका कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि इन्होने "बचपन मनाओ बढ़ते जाओ " कार्यक्रम को सुना। जिसमे बताया गया था कि बदलते मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। मौसम के अनुकूल बच्चों को कपड़े पहनाने चाहिए

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

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