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बिहार राज्य के नालंदा जिला के नूरसराय प्रखंड से संभु प्रसाद मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि मोबाइल से बच्चों को नुकसान होता है। आज कल के बच्चों को माता के द्वारा मोबइल पकड़ा दिया जाता है ताकि वे अपना काम आराम से करते रहें इससे बच्चें मोबाइल के आदि हो जाते है

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

बिहार राज्य के नालंदा जिला के नूरसराय प्रखंड से डॉक्टर संभु प्रसाद मोबाइल वाणी के माध्यम से मेरी आवाज मेरी पहचान के मंच पर चल रहे कार्यक्रम बचपन मनाओ बढ़ते जाओ पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त किया है। उन्होंने बताया की बच्चो को घर के काम में लगाने से उनका बौद्धिक विकास होता है। जैसे बच्चो को अपने माता पिता के कपड़ो को अलग करने से उनको कपड़ों के रंग एवं गिनती के साथ साथ कपड़े की गुणवत्ता की जानकारी मिलती है

बिहार राज्य के नालंदा जिले से शबनम कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शबनम कुमारी ने बचपन मनाओं बढ़ते जाओ कार्यक्रम की कहानी अपने शब्दों में सुनाया।

बिहार राज्य के नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड से सरिता कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सुधा कुमारी से साक्षात्कार लिया। सुधा कुमारी ने बताया कि इन्होने बचपन मनाओ बढ़ते जाओ कार्यक्रम में खिचड़ी के बारे में सुना खिचड़ी में पोषक तत्व भरपूर पाया जाता है.भारत के विभिन्न राज्यों में अलग- अलग तरीके से खिचड़ी बनाई जाती है।

बिहार राज्य के नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड से सरिता कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से पुष्पा कुमारी से साक्षात्कार लिया। पुष्पा कुमारी ने बताया कि बच्चों का स्वास्थ्य खेलने से अच्छा होता है।

बिहार राज्य के नालंदा जिले से रिंकू कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पुराने कपड़ों के साथ गुड्डा-गुड़िया बना कर ये बच्चों के साथ खेलती हैं। पैसे की बचत होती है और बच्चे कुछ न्य बनाना भी सीखते हैं

बिहार राज्य के नालंदा जिले से रिंकू कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि ये कागज का गेंद बना कर बच्चों के साथ खेलती हैं। इससे बच्चों को चोट नही लगती है और पुराने चीजें भी प्रयोग में आ जाती है

बिहार राज्य के नालंदा जिले से रिंकू कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है की छोटे छोटे सामान से खिलौना बना कर वो बचपन में होली के दिनों में पिचकारी बनाकर खेलते थे