बिहार राज्य के नालंदा जिला के नगरनौसा प्रखंड के कछियांवां प्रखंड से शोभा देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रोहित कुमार से बातचीत किया। बातचीत के दौरान रोहित ने बताया कि जल में अवांछनीय गैसीय पदार्थ या ठोस पदार्थों का मिलना ही जल प्रदूषण कहलाता है। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर

दोस्तों, हमारे आपके बीच ऐसी महिलाओं के बहुत से उदाहरण हैं, पर उन पर गौर नहीं किया जाता. अगर आपने गौर किया है तो हमें जरूर बताएं. साथ ही वे महिलाएं आगे आएं जो घंटों पानी भरने और ढोने का काम करती हैं. उनका अपना अनुभव कैसा है? वे अपने जीवन के बारे में क्या सोचती हैं? क्या इस काम के कारण उनका जीवन नरक बन रहा है? क्या वे परिवार में पानी की आपूर्ति के चक्कर में अपना आत्मसम्मान खो रही हैं? क्या कभी ऐसा कोई वाक्या हुआ जहां पानी के बदले उनसे बदसलूकी की गई हो, रास्ते में किसी तरह की दुर्घटना हुई हो या फिर किसी तरह के अपशब्द अपमान सहना पडा?

बिहार राज्य के नवादा जिला ने नूरसराय प्रखंड से शम्भू प्रसाद ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मोबाइल वाणी पर पानी के बारे में जो बताया जा रहा है कि महिलाएं दूर से ढो कर लाती हैं। तो अभी तो सभी गांव में नल जल योजना चलाया जा रहा है। लेकिन अभी भी कई ऐसे गांव है जाना इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। कही योजना के तहत टंकी तो बी ैथा दिया गया है लेकिन पानी का सप्लाई शुरू नहीं किया गया है

दोस्तों, राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट के अनुसार एक महिला अभी भी 2.5 किमी तक पैदल चलकर जाती हैं ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अपने परिवार के लिए पीने का पानी लाने में औसतन दिन में 3-4 घंटे खर्च करती हैं, यानि अपने पूरे जीवन काल में 20 लाख घंटों से भी ज्यादा. क्या आपको ये बातें पता है ?और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें.

बिहार राज्य के जिला नालंदा से शम्भू प्रसाद , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि हर जगह पानी की समस्या हो रही है। सरकार की नल जल योजना के कारण लोगों को पानी मिला है। लेकिन कई जगह पानी का पाइप फटने के कारण पानी दूषित हो रहे है। लोग दूषित पानी पीने को मजबूर है। स्कूलों में भी जल की समस्या के कारण बच्चे बीमार पड़ रहे है।

बिहार राज्य के जिला नालन्दा से शम्भू प्रसाद , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि हर जगह बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे है। कई बच्चे कुपोषण के कारण मर जाते है। प्रत्येक वार्ड और पंचायत नल जल योजना चलाई गई। सभी जगह का पाइप फट जाने के कारण लोग और बच्चे दूषित पानी पीने को मजबूर है। पाइप में नाली का गन्दा पानी नल में जाने लगा है।

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के नूरसराय ज़िला से शम्भू प्रसाद ,मोबाइल वाणी के माध्यम से स्कूल में नल जल योजना के तहत सही से नहीं हुआ। या तो पानी पाइप स्कूल तक गया ही नहीं या बीच में पाइप फट जाने से बच्चे गन्दा पानी पी रहे है। वार्ड पांच में नल जल योजना के तहत पानी का पाइप फट गया है ,जिससे लोगों को गन्दा पानी मिल रहा है। शिकायत करने पर कार्यवाही नहीं की गई

दोस्तों, मोबाइलवाणी के अभियान क्योंकि जिंदगी जरूरी है में इस बार हम इसी मसले पर बात कर रहे हैं, जहां आपका अनुभव और राय दोनों बहुत जरूरी हैं. इसलिए हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में बच्चों को साफ पानी किस तरह से उपलब्ध हो रहा है? क्या इसमें पंचायत, आंगनबाडी केन्द्र आदि मदद कर रहे हैं?आप अपने परिवार में बच्चों को साफ पानी कैसे उपलब्ध करवाते हैं? अगर गर्मियों में बच्चों को दूषित पानी के कारण पेचिस, दस्त, उल्टी और पेट संबंधी बीमारियां होती हैं, तो ऐसे में आप क्या करते हैं? क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से बच्चों का इलाज संभव है या फिर इलाज के लिए दूसरे शहर जाना पड रहा है? जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, क्या उन्हें वहां पीने का साफ पानी मिल रहा है? अगर नहीं तो वे कैसे पानी का इंतजाम करते हैं?

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से मीना देवी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि जल जीवन और हरियाली,ये तीनों एक दूसरे के पूरक है। तीनों का संतुलन बनाए रखना है। किसी एक के बिना पृथ्वी सुरक्षित नहीं है। जल के बिना व्यक्ति नहीं जी सकता। व्यक्ति के बिना जीव जंतु नहीं रह सकता। पेड़ों को लगाए और उसकी रक्षा करे। साल भर में हर एक व्यक्ति को दो वृक्ष लगाना चाहिए। पीपल,बरगद और नीम का पेड़ वातावरण के लिए अच्छा है।

पानी में आर्सेनिक, लोह तत्व और दूसरे घातक पदार्थों की मात्रा महिलाओं के स्वास्थ्य पर सबसे बुरा असर कर रही है और फिर यही असर गर्भपात, समय से पहले बच्चे का जन्म या फिर कुपोषण के रूप में सामने आ रहा है. साथियों, हमें बताएं कि आपके परिवार में अगर कोई गर्भवति महिला या नवजात शिशु या फिर छोटे बच्चे हैं तो उन्हें पीने का पानी देने से पहले किस प्रकार साफ करते हैं? अगर डॉक्टर कहते हैं कि बच्चों और महिलाओं को पीने का साफ पानी दें, तो आप उसकी व्यवस्था कैसे कर रहे हैं? क्या आंगनबाडी केन्द्र, एएनएम और आशा कार्यकर्ता आपको साफ पानी का महत्व बताती हैं? और ये भी बताएं कि आप अपने घर में किस माध्यम से पानी लाते हैं यानि बोरवेल, चापाकल या कुएं और तालाबों से?