श्रमिक वाणी के माध्यम से सौरभ बता रहे हैं कि उनके पिता को लिवर में दिक्क्त है। वे ईएसआई जाते हैं तो वहां इलाज करने में समस्या आती है। इसलिए वे चाहते हैं कि ईएसआई में अच्छे से इलाज हो।

फरीदाबाद के मिलाड कॉलोनी से करिश्मा श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि जब वे ई एस आई जाते हैं तो उन्हें दवाइयों के लिए लाइन लगाना पड़ता है। काऊन्टर की कमी होने के वजह से लाइन बहुत लम्बी हो जाती है। जिसके कारण यदि वे सुबह जाते हैं तो रात के नौ भी बज जाते हैं। ये बहुत बड़ी समस्या होती है

फरीदाबाद के मिलाड कॉलोनी से रेखा श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि ईएसआई जाने से उन्हें बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है। वे ईएसआई जाते हैं लेकिन उन्हें कम्पनी से छुट्टी करनी पड़ती है, जिसका पैसा उन्हें ना कम्पनी देती है और ना ईएसआई वाले देते हैं।अगर कोई गंभीर बीमारी होती है तो इलाज के वजह से उनका दस से पन्द्रह छुट्टी हो जाता है । रेखा को श्रमिक वाणी से मदद चाहिए ताकि उन्हें ईएसआई से पैसे मिल सके।

फरीदाबाद जिला के ए सी नगर से रचना श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रही हैं एएसआई में जाने से उन्हें बहुत दिक्कतें होती हैं। उन्हें वहां लम्बी लाइन लगाना पड़ता है और दवा भी नहीं मिलता है

फरीदाबाद से प्रवेश राघव श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि वे आज ईएसआई गए थे। वहाँ पर उन्हें बहुत सारे परेशानियों का सामना करना पड़ा। जैसे वहां लाइन लगाना ,काऊंटर पर टोकण की समस्या। बाथरूम में साफ़ सफाई भी नहीं था। लिफ्ट में भी काफी दिक्कतें हो रही थी। लिफ्ट का कोई मेंटेनेंस भी नहीं था। वहां लम्बी लम्बी लाइनों का सामना करना पड़ता है लेकिन नंबर मिलता नहीं है। उन्हें मोबाइल वाणी से इसके लिए सहायता चाहिए।

हरियाणा राज्य के फरीदाबाद से विनय मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि ईएसआईसी के अस्पताल में लंबी लाइन होती है। एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड के लिए लंबी तारीख जाती है।

फरीदाबाद से धनंजय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि ईएसआई में पूरी दवाएं नही मिलती है और अल्ट्रासाउंड के लिए लम्बी डेट दी जाती है

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फरीदाबाद जिला के मिलाड कॉलोनी से लता श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि जब वे ईएसआई में जाती हैं वहां उन्हें लाइन लगानी पड़ती है और वहां पे दवाई भी नहीं मिलती है। अगर उनके घर में किसी को गंभीर बीमारी हो जाती है। तो उन्हें इलाज के लिए ईएसआई के चक्कर काटनी पड़ती है। उन्हें बस डेट दिया जाता है उनका काम नहीं होता है।वे मध्यम परिवार के लोग हैं प्राइवेट में इलाज नहीं करवा पाते हैं। लेकिन ईएसआई में इलाज नहीं होता है तो प्राइवेट में जाना पड़ता है।

फरीदाबाद जिला के मिलाड कॉलोनी से रिंकी श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि ईएसआई में इलाज करवाने पर उन्हें बहुत दिक्क्त होती है। कम्पनी छोड़ने के छः महीने तक ईएसआई कार्ड चालु नहीं होती है। उसके बाद जब वे इलाज करवाने जाती हैं तो उन्हें बोला जाता है कि उनका ईएसआई कार्ड बंद है। जबकि छः महीने तक कार्ड चालु रहता है। साथ ही छुट्टी करने पर भी पैसे नहीं मिलते हैं। उन्हें मोबाइल वाणी से मदद चाहिए कि इसके लिए कानून बनाया जाए ताकि वे अपना भविष्य सुधार सके।