गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए सड़क पर बनाई जा रही है दीवार।

दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी के माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज की बातचीत भारतीय किसान यूनियन के महासचिव चौधरी चंद्रपाल सिंह से हुई चौधरी चंद्रपाल बताते हैं कि हम दिल्ली कुच कर रहे हैं और हमें प्रशासन रोक नहीं सकता जब के दिल्ली आने के सभी रास्ते बंद हैं मगर अब हम खेतों के रास्तों से होते हुए दिल्ली निकल रहे हैं और एक-दो दिन में दिल्ली जरूर पहुंचेंगे

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सरकार को भारत रत्न देने के अलावा किसानों को उनके अधिकार भी देने चाहिए , आखिर उनकी मांग भी तो बहुत छोटी सी है कि उन्हें उनकी फसलों का बेहतर मूल्य मिले। हालांकि किसानों की इस मांग का आधार भी एम एस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें हैं जो उन्होंने आज से करीब चार दशक पहले दी थीं। इन चार दशकों में न जाने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने का वादा करके न जाने कितनी सरकारें आईं और गईं, इनमें वर्तमान सरकार भी है जिसने 2014 के चुनाव में इन सिफारिशों को लागू करने का वादा प्रमुखता से किया था। -------दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, क्या आपको भी लगता है कि किसानों की मांगो को पूरा करने की बजाए भारत रत्न देकर किसानों को उनके अधिकार दिलाए जा सकते हैं? --------या फिर यह भी किसानों को उनके अधिकारों को वंचित कर उनके वोट हासिल करने का प्रयास है.

दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी का माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज के बातचीत सुमैया एडवोकेट से हुई सुमैया बताती हैं हम जिन लोगों के डीडीए द्वारा मकान उछाल दिए गए उसके लिए हम लड़ रहे हैं

दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी के माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज की बातचीत अनिल कुमार होमगार्ड से हुई अनिल कुमार बताते हैं कि हम 15 साल से होमगार्ड की ड्यूटी कर रहे हैं मगर हमें अब निकल जा रहा है इसके लिए हम विरोध प्रदर्शन करने आए

दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी के माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज की बातचीत ललित से हुई ललित बताते हैं हम 15 साल से दिल्ली में होमगार्ड की नौकरी कर रहे हैं मगर हमें पक्का नहीं किया जा रहा है अब नई भर्तियां की जा रही है पुराने को हटाया जा रहा है इसलिए हम जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं

दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी के माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज की बातचीत सीमा से हुई सीमा बताती हैं डीडीए द्वारा बिना नोटिस दिए हमारे मकान तोड़ दिए गए आज हम अपनी मांगों को लेकर जंतर मंतर पर बैठे हुए हैं और जब तलक बैठे रहेंगे जब तक यह गूंगी बेरी सरकार हमारी आवाज को नहीं सुनेगी

दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी के माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज की बातचीत तारा बर्मन से हुई तारा वर्मन बताती हैं कि हमारा मकान डीडीए द्वारा तोड़ दिया गया अब हम किराए के मकान में रह रहे हैं लगभग 40 साल से उसे मकान में हम रह रहे थे इसलिए हम जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने आए हैं