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हमारे एक श्रोता साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से यह जानकारी चाहते हैं कि क्या कोरोना वायरस के इलाज के लिए कोई दवा मौज़ूद है ?

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इस महामारी के फैलने का सबसे बड़ा कारण यह है कि अब तक इसकी दवा इजाद नहीं हो सकी है. दुनिया भर में मेडिसिन क्षेत्र के वैज्ञानिक इसकी कारगर दवाई बनाने में जुटे हुए हैं. लेकिन एक अध्ययन के मुताबिक हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के साथ एजिथ्रोमाइसिन का कॉम्बिनेशन कोरोना के असर को कम कर सकता है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डायरेक्टर ने बताया, कि 'हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन का इस्तेमाल सिर्फ हास्पिटल वर्कर करेंगे जो कोविड-19 के मरीजों की देखभाल कर रहे हैं. या फिर अगर किसी के घर में कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति है तो उसकी देखभाल करने वाला ही इस दवा का सेवन करे।
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April 11, 2020, 8:07 a.m. | Tags: int-PAJ  

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हमारे श्रोता साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से एक कविता की पेशकश कर रहे हैं

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उत्तरप्रदेश आगरा से रवि कुमार प्रजापति साझा मंच के माध्यम से यह कहते हैं, कि यह बात सत्य है, कि आज समाज में कई तरह के घटनाओं के बारे में सुनने को मिलता है। खास तौर से आज के युवा वर्ग जब इंटर में जाते हैं, तो वे गलत रास्तों में चलने लगते हैं।बेटा या बेटी कॉलेज में जाते हैं, तो अभिभावकों को विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। अभिभावकों को बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं रखना चाहिए, दोनों को एक समान शिक्षा देना चाहिए। यह देखा जाता है, कि कई अभिभावक अपने बेटी के पढाई के ऊपर हमेशा रोक लगाते हैं। अभिभावकों का यह सोच रहता हैं, कि यदि बेटियों की शिक्षा से वंचित और उन्हें घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दिया जाए, तो समाज में सुधार हो सकेगी। परन्तु आज के समय में अभिभावकों का यह सोच बहुत ही गलत है। कई अभिभावक समाज के डर से अपनी बेटी की शादी बहुत ही कम उम्र में किसी भी वर से कर देते हैं। जिसका ख़ामियाजा लड़की को पूरी जिंदगी भर के लिए भुगतना पड़ता है। अतः रवि कुमार प्रजापति सभी अभिभावकों से यह अनुरोध करते हैं, कि वे अपने बच्चों को एक समान का अधिकार दें। उनमे भेदभाव कभी ना करें।