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राज्य उत्तर प्रदेश के आगरा ज़िला से रवि कुमार प्रजापति साझा मंच के माध्यम से बताते हैं कि उन्होंने इंदर पाल जी की बातें मोबाईल वाणी पर सुना जिसमे बताया गया की मज़दूरों को प्राइवेट नौकरी में बहुत ही कम वेतन पर रखा जाता है। जिसमे उनसे बारह से सोलह घंटे काम कराया जाता है। जिसके बाद भी उन्हें नियमित रूप से वेतन नहीं मिलता। कभी कभी महीने में देरी भी हो जाती है। जिसके कारण उन्हें तमाम परेशानियों से जूझना पड़ता है। इसलिए वो कहना चाहते हैं की हमारे देश में जो मज़दूरों के प्रति शोषण होता है,उस शोषण को रोकने के लिए हमें अपने अधिकारी के तहत लड़ना पड़ता है। परन्तु हमारे साथ यह समस्याएं ज़रूर आती है। यदि हम अपने अधिकारों के लिए लड़े तो हमें कई हद तक उस कंपनी से या उस विद्यालय से निकाल दिया जाता है। उस स्थिति में वो अपने बच्चे को क्या खिलाएं और क्या नहीं खिलाएं ये समस्याएं आम तौर पर मज़दूरों के साथ आती हैं।