नमस्ते दोस्तों , श्रमिक मणि में आपका स्वागत है , मैं मावनेश्वर से बात कर रहा हूँ , मैं दृष्टिबाधित हूँ , मैं वेदर डिस्ट्रिक्ट टिक से फोन कर रहा हूँ क्योंकि दोस्तों , मेरे पास एक अजीब है । ऐसा हो रहा है कि हमारे कर्नाटक में मैं बी . एस . पी . कल्याण चालुक्य ग्राम मंथल जिला लीधार से बात कर रहा हूं , वार्ड संख्या सात से मैं मंथल ग्राम से बात कर रहा हूं जो मेरे जैसे मुहम्मद दिखते हैं । मैं श्रमिक वाणी से कहना चाहता हूं कि मेरे पास रहने के लिए घर नहीं है और अगर मैं सरकार से रहने के लिए घर मांगता हूं , तो सरकार मेरे साथ जवाब नहीं देती कि हमारा कर्नाटक है । मेरे पास इतनी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं कि मुझे एक हजार चार सौ पेंशन मिलती है जिसके लिए मेरे पास जीने के लिए कुछ नहीं है । मेरी माँ मेरी माँ हैं और मेरे तीन भाई हैं । मैं किराए पर रहता हूँ , छह सौ रुपये वह किराया है जो मुझे नहीं मिलता है क्योंकि अगर मेरा अपना घर है , तो कोई नहीं आएगा और मुझे मजदूर कहेगा । एक तरफ से एक मदद यह है कि मुझे दर्शकों को बताना चाहिए कि अगर मेरे पास रहने के लिए घर नहीं है और मैं किराए पर रहता हूं तो सरकार को भी मेरे बारे में थोड़ा सा दिखाना चाहिए । मुझे देखने दो कि क्या करना है या अगर मैं सरकार से कुछ भी मांगता हूं , तो भी सरकार नहीं देती है । कम से कम दो हजार ग्यारह से दो हजार चौबीस में , मैं बहुत कुछ पूछ रहा हूँ ।
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तिरुपुर से मीणा साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बतातीं हैं कि यहाँ एक कम्पाउंड हैं जहाँ केरल के कुछ लोग रहते हैं। कुछ दिन पहले वे अपने गावँ गए थे तब ही कोरोना वायरस की खबर सामने आयी थी। तब उन्हें संपर्क कर यह सुचना दी गयी कि वे अभी यहाँ वापस ना आएं क्योंकि केरला में कोरोना वायरस फैलने की क्षमता ज्यादा मिली है।इसके कारण उन्हें काफी समस्या हो रही है।
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Jan. 16, 2019, 8:23 p.m. | Location: 1129: WB | Tags: govt entitlements int-PAJ workplace entitlements