सिसवन सिवान।लोकसभा चुनाव मे मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर अब पदाधिकारी घर-घर जाकर मतदाता जागरूकता अभियान चला रहे हैं. इसी क्रम में सोमवार को सिसवन प्रखंड के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी श्रीमती मधुलता के नेतृत्व में गंग पुर सिसवन पंचायत के सिसवन में मतदाताओ के घर दस्तक देकर वोट देने के प्रति उनसे अपील किया.उन्होंने कहा कि इस लोकतंत्र में मतदाता मालिक होते हैं और चुनाव एक महापर्व है. ऐसे में इस उत्सव के रूप में मनाते हुए वोट जरूर वोट डालें.

हसनपुरा प्रखंड के रजनपुरा पंचायत में सोमवार को जीविका दीदियों ने लोकसभा चुनाव 2024 को ले हर घर दस्तक मतदाता जागरूकता रैली निकाली गई। यह रैली प्रखंड परियोजना पदाधिकारी ( जीविका ) रजनीश कुमार सिंह के नेतृत्व में निकाला गई। इस दौरान जीविका दीदियों ने मतदाताओं को जागरूक करते हुए विभिन्न तरह के स्लोगन यथा "नर हो या नारी, मतदान है सबकी जिम्मेदारी। नहीं करेगें यदि अपना मतदान, होगा बड़ा नुकसान। अपनी ताकत को पहचान, चलो करें हम सब मतदान। विश्व में सबसे हो आगे, अपना भारत देश महान आदि का नारा बुलंद किया। ततपश्चात शत प्रतिशत मतदान, मत का प्रयोग करने के लिए संवाद का कार्यक्रम व रंगोली कार्यक्रम आयोजन किया गया। जिसमें जीविका दीदियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। वहीं अपना मत प्रयोग करने के लिए सभी ने शपथ लिया। साथ ही बूथ संख्या 54, 55 व 56 में हर घर दस्तक अभियान के तहत बढ़ाएं सीवान की शान, आए करें 25 मई को मतदान के तहत घर घर जाकर ये बात बताई गई। मौके पर कार्यक्रम में क्षेत्रीय प्रबंधक जीविका सुमन कुमार, सीसी एकता कुमारी, एमबीके पूजा कुमारी, सीएम अनवरी खातून, रीता देवी, पूनम देवी सहित दर्जनों जीविका दीदी उपस्थित थी।

भाजपा माले पार्टी का 56वां स्थापना दिवस मनाया गया, वहीं भोलाराम ने कहा कि आज की लड़ाई देश के लोकसभा चुनावों में संविधान और लोकतंत्र को बचाने की है। आपातकाल घोषित कर दिया गया है, जिसके कारण देश में मुद्रास्फीति अपने चरम पर पहुंच गई है। गरीब मजदूरों और किसानों का जीवन बहुत कठिन हो गया है।

अधिकारियों की टीम ने लोकसभा चुनावों के लिए बूथों पर अर्धसैनिक और पुलिस बलों की व्यवस्था और तैनाती के संबंध में कई स्कूल भवनों का निरीक्षण कियासामाजिक उप-मंडल अधिकारी शिवक्षी दीक्षित सुबौरी खंड विकास अधिकारी एस. सहाय सहायक निर्वाचन अधिकारी तेज प्रताप त्यागी, संभागीय अधिकारी कुंदर कुमार और खंड शिक्षा अधिकारी रामविजय यादव अन्य अधिकारियों के साथ निरीक्षण दल का हिस्सा थे।

लोकसभा चुनाव को देखते हुए सिसवन अंचला अधिकारी ने चलाया वाहन चेकिंग अभियान। सिसवन सीवान मुख्य सड़क पर लोकसभा चुनाव को देखते हुए सिसवन अंचला अधिकारी पंकज कुमार के नेतृत्व में वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया। वाहन चेकिंग अभियान के दरमियान दो पहिया तथा चार पहिया वाहनों की जांच की गई।

दोस्तों, प्रधानमंत्री के पद पर बैठे , किसी भी व्यक्ति से कम से कम इतनी उम्मीद तो कर ही सकते हैं कि उस पद पर बैठने वाला व्यक्ति पद की गरिमा को बनाए रखेगा। लेकिन कल के भाषण में प्रधानमंत्री ने उसका भी ख्याल नहीं रखा, सबसे बड़ी बात देश के पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ खुले मंच से झूठ बोला। लोकतंत्र में आलोचना सर्वोपरि है वो फिर चाहे काम की हो या व्यक्ति की, सवाल उठता है कि आलोचना करने के लिए झूठ बोलना आवश्यक है क्या? दोस्तों आप प्रधानमंत्री के बयान पर क्या सोचते हैं, क्या आप इस तरह के बयानों से सहमत हैं या असहमत, क्या आपको भी लगता है कि चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जाना अनिवार्य है, या फिर आप भी मानते हैं कि कम से कम एक मर्यादा बनाकर रखी जानी चाहिए चाहे चुनाव जीतें या हारें। चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर आप क्या सोचते हैं। अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाइलवाणी पर।

दोस्तों, प्रधानमंत्री के पद पर बैठे , किसी भी व्यक्ति से कम से कम इतनी उम्मीद तो कर ही सकते हैं कि उस पद पर बैठने वाला व्यक्ति पद की गरिमा को बनाए रखेगा। लेकिन कल के भाषण में प्रधानमंत्री ने उसका भी ख्याल नहीं रखा, सबसे बड़ी बात देश के पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ खुले मंच से झूठ बोला। लोकतंत्र में आलोचना सर्वोपरि है वो फिर चाहे काम की हो या व्यक्ति की, सवाल उठता है कि आलोचना करने के लिए झूठ बोलना आवश्यक है क्या? दोस्तों आप प्रधानमंत्री के बयान पर क्या सोचते हैं, क्या आप इस तरह के बयानों से सहमत हैं या असहमत, क्या आपको भी लगता है कि चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जाना अनिवार्य है, या फिर आप भी मानते हैं कि कम से कम एक मर्यादा बनाकर रखी जानी चाहिए चाहे चुनाव जीतें या हारें। चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर आप क्या सोचते हैं। अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाइलवाणी पर।

दोस्तों, प्रधानमंत्री के पद पर बैठे , किसी भी व्यक्ति से कम से कम इतनी उम्मीद तो कर ही सकते हैं कि उस पद पर बैठने वाला व्यक्ति पद की गरिमा को बनाए रखेगा। लेकिन कल के भाषण में प्रधानमंत्री ने उसका भी ख्याल नहीं रखा, सबसे बड़ी बात देश के पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ खुले मंच से झूठ बोला। लोकतंत्र में आलोचना सर्वोपरि है वो फिर चाहे काम की हो या व्यक्ति की, सवाल उठता है कि आलोचना करने के लिए झूठ बोलना आवश्यक है क्या? दोस्तों आप प्रधानमंत्री के बयान पर क्या सोचते हैं, क्या आप इस तरह के बयानों से सहमत हैं या असहमत, क्या आपको भी लगता है कि चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जाना अनिवार्य है, या फिर आप भी मानते हैं कि कम से कम एक मर्यादा बनाकर रखी जानी चाहिए चाहे चुनाव जीतें या हारें। चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर आप क्या सोचते हैं। अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाइलवाणी पर।

दोस्तों, प्रधानमंत्री के पद पर बैठे , किसी भी व्यक्ति से कम से कम इतनी उम्मीद तो कर ही सकते हैं कि उस पद पर बैठने वाला व्यक्ति पद की गरिमा को बनाए रखेगा। लेकिन कल के भाषण में प्रधानमंत्री ने उसका भी ख्याल नहीं रखा, सबसे बड़ी बात देश के पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ खुले मंच से झूठ बोला। लोकतंत्र में आलोचना सर्वोपरि है वो फिर चाहे काम की हो या व्यक्ति की, सवाल उठता है कि आलोचना करने के लिए झूठ बोलना आवश्यक है क्या? दोस्तों आप प्रधानमंत्री के बयान पर क्या सोचते हैं, क्या आप इस तरह के बयानों से सहमत हैं या असहमत, क्या आपको भी लगता है कि चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जाना अनिवार्य है, या फिर आप भी मानते हैं कि कम से कम एक मर्यादा बनाकर रखी जानी चाहिए चाहे चुनाव जीतें या हारें। चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर आप क्या सोचते हैं। अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाइलवाणी पर।

दोस्तों, प्रधानमंत्री के पद पर बैठे , किसी भी व्यक्ति से कम से कम इतनी उम्मीद तो कर ही सकते हैं कि उस पद पर बैठने वाला व्यक्ति पद की गरिमा को बनाए रखेगा। लेकिन कल के भाषण में प्रधानमंत्री ने उसका भी ख्याल नहीं रखा, सबसे बड़ी बात देश के पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ खुले मंच से झूठ बोला। लोकतंत्र में आलोचना सर्वोपरि है वो फिर चाहे काम की हो या व्यक्ति की, सवाल उठता है कि आलोचना करने के लिए झूठ बोलना आवश्यक है क्या? दोस्तों आप प्रधानमंत्री के बयान पर क्या सोचते हैं, क्या आप इस तरह के बयानों से सहमत हैं या असहमत, क्या आपको भी लगता है कि चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जाना अनिवार्य है, या फिर आप भी मानते हैं कि कम से कम एक मर्यादा बनाकर रखी जानी चाहिए चाहे चुनाव जीतें या हारें। चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर आप क्या सोचते हैं। अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाइलवाणी पर।