मध्यप्रदेश राज्य के सतना जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता संध्या विश्वकर्मा ने बताया की लोकसभा निर्वाचन 2024 के दूसरे चरण में 28 मार्च से शुरू हो रही नामांकन प्रक्रिया के लिए सतना के संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जगह - जगह बेरिकेड्स लगा कर प्रवेश और प्रतिबंधित क्षेत्र निर्धारित कर दिए गए हैं। अभ्यर्थी अपने नाम निर्देशन पत्र 28 मार्च से 4 अप्रैल के बीच सिर्फ 6 दिन ही प्रस्तुत कर सकेंगे।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

जिसके पास छल और बल है ,सत्ता उसी की होती है। जनता के सामने पूर्व मंत्रियों की गिरफ्तारी इसीलिए हो रही है ताकि जनता के सामने उनको बेनकाब करे और वोट हासिल करे। यह कार्य सभी राजनेता करते है पर लोगों को दिखता नहीं है। ऐसे में देश का विकास होना मुश्किल है

कुरावर मंडल की बैठक

लोकसभा चुनाव की तैयारी

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सिवान: होली पर सिवान जिला स्वीप प्रबंधन कोषांग के द्वारा लोकसभा चुनाव में शत प्रतिशत मतदान करने को लेकर टिप प्लान के तहत जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत विभिन्न प्रकार के गतिविधियों का आयोजन कर जनता को मतदान करने के लिए जागरूक किया गया। इसके तहत सोमवार को महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के महाराजगंज, बसंतपुर, भगवानपुर तथा सिवान लोकसभा क्षेत्र के नौतन, जीरादेई, मैरवा प्रखंड में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया गया। वहीं स्वीप कोषांग कर्मियों के द्वारा जागरूकता रैली निकालकर मतदान के महत्व को बताया गया। तथा लोकसभा चुनाव में बढ़-चढ़कर मतदान करने की अपील की गई।

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।