शीतलहर ठण्ड,घने कोहरे में बच्चे एवं चिर रोगी अनावश्यक घर से न निकलें: डॉ आरसी प्रसाद मेहता ---- हजारीबाग। मेहता हॉस्पिटल के निदेशक एवं कांग्रेस स्वस्थ विभाग के प्रमंडलीय स्वास्थ्य अध्यक्ष डॉ॰ आरसी प्रसाद मेहता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर झारखंड प्रदेश के लोगों से आह्वान किए की बढ़ती ठंड शीतलहर, कोहरे में चिर रोगी जैसे डायबिटीज हाट एवं किडनी अस्थमा से संबंधित पुराने बीमारी से ग्रसित बच्चे बुजुर्ग व्यक्ति अनावश्यक घर से न निकले।अति आवश्यक हो तो गर्म कपड़े कोट स्वेटर हाथ में दस्ताना एवं टोपी पहनकर निकले। गर्म पानी एवं गर्म तरल पदार्थ पीते रहे। स्कूली छोटे बच्चों के बचाव के लिए सरकार एवं प्राइवेट स्कूल संचालकों से निवेदन है की कोहरे को देखते हुए स्कूल के समय में परिवर्तन किया जाए जरूरत पड़ने पर बंद करें ताकि बच्चे स्वस्थ रहे। क्योंकि स्वस्थ सर्वोपरि है शिक्षा सेकेंडरी है। ठंड के मौसम में गर्म पानी का सेवन करें फ्रिज में रखे हुए सामानों का उपयोग न करें। हृदय रोगी समय समय पर बीपी पल्स ब्लड शुगर का जांच कराते रहे। सर्दी एवं ठंड के मौसम में आग की बोरसी हीटर का ज़्यादातर लोग प्रयोग करते हैं परंतु मैं लोगों निवेदन करूँगा कि सोते समय बोरसी हीटर का प्रयोग बंद कमरे में नही  करें । क्योंकि हीटर अंगीठी का प्रयोग बंद कमरे में करने से ऑक्सीजन की कमी और कार्बन डाइऑक्साइड की वृद्धि से अनेकों मौतें  या दुर्घटनाएं प्रत्येक वर्ष देखने को मिलता है। इसलिए बंद कमरे में सोते समय अंगीठी बोरशी हीटर का प्रयोग कदापि न करें। ठंड के मौसम में शाकाहारी पनीर मटर हरा साख सब्जी। का प्रयोग करें गर्म पानी ज्यादा से ज्यादा पिए। सर्दी के समय में ज्यादातर लोग पानी कम पीते हैं। पानी की कमी से रिहाइडरेशन होने की संभावना रहती है। शीतलहर के समय गर्म पानी से स्नान करें। मांसाहारी व्यक्ति अंडा मांस मछली का प्रयोग सामर्थ्य अनुसार करें। धूम्रपान मदिरापान इत्यादि नशा का प्रयोग नहीं करें। ठंड एवं कोहरे के समय में वाहन चालक सावधानी बरतें। कोहरे के समय वाहन का लैट जलाकर धीरे धीरे चले चालक आगे पीछे दायाँ बाएं देखकर सुरक्षित चले क्योंकि कोहरे के कारण अनेकों दुर्घटनाएं होती हैं जिसका सावधानी बरतें।

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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.नरेश गोन्नाड़े ने बताया कि प्राय: शीत लहर माह दिसंबर एवं जनवरी में घटित होती हैं, जिसके चलते सर्द हवाओं के कारण स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव संभावित है। शीत लहर का नकारात्मक प्रभाव वृद्धजन एवं 05 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर अधिक होता हैं। इसके अलावा दिव्यांगजनो, बेघर व्यक्तियों, लम्बे समय से बीमारियों से ग्रसित रोगियो, खुले क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले छोटे व्यवसायियों के लिये शीत लहर के दौरान विशेष सतर्कता बरतना जरूरी है। आगामी दिवसों में शीत लहर एवं तीव्र शीत लहर चलने की संभावना है। ऐसी स्थिति मे दीर्घकालीन बीमारियों (कोनिक डिसीज) जैसे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, श्वास संबंधी बीमारियों वाले मरीज, वृद्धजनों, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा जनसामान्य को ऐसे मौसम में सावधानियां बरतना अत्यंत आवश्यक है।

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मृतक के परिजनों से मिले विधायक ,दी सांत्वना

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