बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जारी आदेश का अब हर जगह विरोध किया जा रहा है । गुरुवार को मुंगेर में जिला मुख्यालय में स्थित बी . आर . एम . कॉलेज के छात्रों ने राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया । आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान , उत्तेजित छात्रों ने शहर की मुख्य सड़क पर यातायात अवरुद्ध कर दिया और अपनी मांगों पर अड़े रहे । विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
एन . एस . 3303 पर बरियारपुर राजमार्ग को लगभग दो घंटे के लिए अवरुद्ध कर दिया गया था , लेकिन स्कूटर चालक को बचाया जा सकता था अगर उसने हेलमेट पहना होता । आक्रोशित रिश्तेदारों ने बमासी पुल के पास सड़क और बांस की छड़ें लगाकर खड़गपुर बरियारपुर मुख्य सड़क को अवरुद्ध कर दिया , जब एक तेज रफ्तार ट्रक ने पुल के पास स्कूटी को टक्कर मार दी , जिसमें स्कूटी पर सवार दो लोगों की मौत हो गई ।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
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CRISIL के अनुसार 2022-23 में किसान को MSP देने में सरकार पर ₹21,000 करोड़ का अतिरिक्त भार आता, जो कुल बजट का मात्र 0.4% है। जिस देश में ₹14 लाख करोड़ के बैंक लोन माफ कर दिए गए हों, ₹1.8 लाख करोड़ कॉर्पोरेट टैक्स में छूट दी गई हो, वहां किसान पर थोड़ा सा खर्च भी इनकी आंखों को क्यों खटक रहा है? आप इस पर क्या सोचते है ? इस मसले को सुनने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें
देश के किसान एक बार फिर नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले साल नवंबर 2020 में किसानों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के रद्द करने के लिए दिल्ली में प्रदर्शन किया था और इसके बाद अगले साल 19 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए थे, हालांकि इस दौरान करीब सात सौ किसानों की मौत हो चुकी थी। उस समय सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने और उन्हें जल्दी पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा अब तक नहीं हआ है। और यही वजह है कि किसान एक बार फिर नाराज़ हैं।
सरकार को भारत रत्न देने के अलावा किसानों को उनके अधिकार भी देने चाहिए , आखिर उनकी मांग भी तो बहुत छोटी सी है कि उन्हें उनकी फसलों का बेहतर मूल्य मिले। हालांकि किसानों की इस मांग का आधार भी एम एस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें हैं जो उन्होंने आज से करीब चार दशक पहले दी थीं। इन चार दशकों में न जाने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने का वादा करके न जाने कितनी सरकारें आईं और गईं, इनमें वर्तमान सरकार भी है जिसने 2014 के चुनाव में इन सिफारिशों को लागू करने का वादा प्रमुखता से किया था। -------दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, क्या आपको भी लगता है कि किसानों की मांगो को पूरा करने की बजाए भारत रत्न देकर किसानों को उनके अधिकार दिलाए जा सकते हैं? --------या फिर यह भी किसानों को उनके अधिकारों को वंचित कर उनके वोट हासिल करने का प्रयास है.
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रविवार को बंगलवा में टैम्पू चालक एवं टैम्पू मालिको ने अपने - अपने गाड़ियों को बंगलवा पंचायत सरकार भवन के परिसर में लगाकर दिनभर गाड़ी को बंद रखा । दिनभर सवारी गाड़ियों के बंद रहने के कारण दर्जनों यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा । इस दौरान टैम्पू चालकों एवं गाड़ी के मालिकों ने बंगलवा से दशरथपुर तथा बंगलवा से जमालपुर के बीच चलने वाली ई- रिक्शा चालकों के विरुद्ध जमकर हंगामा किया साथ ही बंगलवा में तीन पहिया वाहन एवं चार पहिया वाहनों से अवैध वसूली को लेकर भी हंगामा किया । उनका कहना है कि हमलोग अपने - अपने वाहनों को सड़क पर ही नंबर सिस्टम से लगाकर यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम करते हैं । बावजूद बंगलवा के कुछ दबंग प्रवृति के लोग स्टैंड के नाम पर अवैध वसूली करते हैं तथा आए दिन अवैध वसूली करने वाले उक्त व्यक्ति और चालकों के बीच तू-तू-मैं-मैं होता रहता है ।
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