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जिला जमुई प्रखंड सिकंदरा से विजय कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि सबको शिक्षा मिले राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिलहो चुकी है ।बच्चो की शिक्षा से दोस्ती के लिए सरकारी प्रोत्साहन में मुफ्त किताबे ,पोशाक ,शिक्षण शुल्क माफ़ी ,छात्रवृति और मिड-डे -मिल और साइकिल मुख्य रूप से शामिल है।राज्य सरकार का मुख्य फलाफल ये है कि कक्षा एक से कक्षा आठ तक में दो करोड़ बच्चे नामाकिंत है।लेकिन इस वर्ष इन्हे ऐसा झटका लगा है जिसकी भरपाई करना इस सत्र में होना तो मुश्किल है।ये विडंबना ही है की दो करोड़ बच्चो को अर्धवार्षिक परीक्षा में शामिल होने के बाद भी पुस्तकें नहीं मिली है ।उनकी कमजोर नीव के लिए जवाबदेह कौन है।

जिला जमुई प्रखण्ड सिकंदरा से विजय कुमार सिंह जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि जिंदगी की भाग-दौड़ में प्रदूषण को हमने अपने जीवन का अंग बना लिया है।जो काफी नुकसानदेह है।इसी कारण अब हम कई तरह की बिमारियों का शिकार होने लगे है।मच्छर जनित रोग तो हर मौसम की कहानी बन गयी है। ऐसे में हम अगर इस बरसात के मौसम में एक पौधा ही लगायें तो आने वाले दिनों में हम प्रदुषण मुक्त हो सकते है।इसके साथ-साथ वृक्षों को काटने से भी बचें यह जानलेवा होगा।अगर अभी भी हम नहीं समझे तो वह दिन दूर नहीं जब हर व्यक्ति अपनी पीठ में ऑक्सीजन का सिलेंडर लादे घूमता रहेगा। सभी को पर्यावरण का महत्व बताने की जरुरत है।

जिला जमुई प्रखंड सिकंदरा से विजय कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की कुव्यवस्था की भेंट चढ़ रही बच्चों की प्रतिभाएं।सरकार शिक्षा पर प्रतिवर्ष करोड़ो रूपये खर्च कर रही है लेकिन जिले में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति दयनीय है।वही जिले के कुछ स्कूलों में भवन नहीं है तो ज्यादातर स्कूलों में संसाधनों का अभाव है।स्कूलों में बच्चों को पीने के लिए शुद्ध पानी भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।वही स्कूलों में डेस्क-बेंच की सुविधा नहीं होने के कारण बच्चों को जमीन पर बैठ कर पढ़ाई करनी पड़ती है।कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है।इसलिए ऐसी स्थिति में देश के सुन्दर भविष्य की कल्पना करना मुश्किल है।

जिला जमुई प्रखंड सिकंदरा से विजय कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की बाल विवाह और दहेज़ प्रथा पर रोक लगना चाहिए।मानवाधिकार के धरातल पर तलाक जैसे प्रथा को असंवैधानिक मानना एवं जीवन जीने के अधिकार को और अधिक सशक्त करता है।भविष्य में लोग इस बात का यकींन भी नहीं करेंगे की तीन बार तलाक बोल देने से स्त्री अपने पति के साथ रहने का अधिकार खो देती थी.वही सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से महिला सशक्तिकरण को फल मिलेगा क्योकि महिलाओं की आवाज को अब नहीं दबाया जा सकता है।मानव इतिहास में समय के साथ अनेक करवटें ली है जिसमे मानव ने अपने विवेक से नियंत्रण,अन्धविश्वाश और कुरीतियों का खात्मा किया है।ऐसे स्थिति में समाज में व्याप्त तमाम बुराइयों को समाप्त करने की प्रयास होनी ही चाहिए।इसलिए अब समय आ गया है कि मानव समाज को वंश देने वाले बाल विवाह और दहेज़ प्रथा के खिलाफ भी सख्त कदम उठाया जायेगा।

विजय कुमार सिंह,जिला जमुई के सिकंदरा प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि शिक्षा विभाग के आंकड़े के अनुसार जिले में प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी तक कुल सत्रह सौ चार विद्यालय संचालित है जिनमें चार लाख आठ हजार दो सौ पैतालीस बच्चे शिक्षा ग्रहण करते है लेकिन इनमें कई विद्यालयों के भवन स्वीकृत नहीं होने के कारण झोपड़ियों या शेडो में संचालित हो रही है।यहाँ की व्यवस्था कैसी होगी यह तय करने की जरुरत तो नहीं है लेकिन इन केन्द्रो में अभी भी पढ़ाई जारी है।शिक्षा विभाग प्रतिवर्ष शिक्षा के नाम पर करोड़ो रूपये खर्च करते है लेकिन उसका आंशिक असर धरातल पर देखने को नहीं मिलता है।वही अगर सर्व शिक्षा अभियान के आंकड़े के अनुसार देखा जाये तो इस वित्तीय वर्ष में शिक्षकों के मानदेय हेतु पांच करोड़ पैतालीस लाख तथा विद्यालय भवन को छोड़कर सिर्फ प्राथमिक विद्यालय और मध्य विद्यालय के विकास अनुदान हेतु इस वित्तीय वर्ष में चौदह लाख चालीस हजार तथा रख-रखाव एवं मरम्मति अनुदान के रूप में उनीस लाख पैंतीस हजार आबंटित किये गए है परन्तु उच्य विद्यालय आज भी भवन का रोना रो रहे है।वही एक ओर माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत मॉडल स्कूल खोले जाने की बात हो रही है तो वही दूसरी ओर एक विद्यालय को अपना भवन भी नसीब नहीं है।

बिहार के जिला जमुई,प्रखण्ड सिकंदरा से विजय कुमार सिंह जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बावजूद भी अभी तक पुरे प्रदेश में कुल दो हजार पचास शिक्षकों ने अपने मन से त्याग पत्र दिया।ज बकि सूबे में कुलमिलाकर 40 प्रतिशत फर्जी शिक्षक कर्यरत है।और प्रतिमाह करोड़ो का राजस्व उनके वेतन पर खर्च हो रहा है। शिक्षा विभाग की गलत नीतियों के कारण ही इस तरह की गलत नीतियाँ इस विभाग में होती रहती है। और पदाधिकारी इस बात को नजरअंदाज करते रहते है। इस तरह के क्रियाकलाप में दण्ड के भागी केवल शिक्षक बनते है जो की निंदनीय है।दण्ड उस पदाधिकारियों को भी मिलनी चाहिए जो शीर्ष पदों पर बैठे हुए है। सरकार की गलत नीतियों के कारण आज शिक्षा विभाग में वैसे शिक्षकों की भर्ती कर दी गयी है जो शिक्षक की मर्यादा को तार-तार कर रहे है।शिक्षक और छात्र के बीच की मर्यादा समाप्त हो गयी है।पढ़ाई की व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गयी है।विद्यालय केवल प्रोत्साहन राशि और मिड डे मिल का जरिया बन कर रह गयी है। सरकार शिक्षकों की हड़ताल से अपनी कुर्सी को बचाने के लिए वेतनमान देकर अपना पिंड छुड़ाती है।इससे शिक्षा का कभी भला नहीं हो सकता। यही कारण है की बिहार के जो बच्चे सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन करते है वो अन्य निजी विद्यालयों के बच्चों से लगातार पिछड़ रहे है।

ज्योति कुमारी,जिला जमुई के सिकंदरा प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से बेटी पर आधारित कविता प्रस्तुत कर रही है जिसमे उनका कहना है की कोमल होती है बेटियाँ,फूल से कोमल होती है बेटियाँ।

बिहार, जिला जमुई प्रखण्ड सिंकदरा, से ज्योति कुमारी जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रही है कि शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में छोलाछाप डॉक्टरों की चपेट में गरीब और अनपढ़ लोग आसानी से फंस जाते है। बिहार राज्य में औसतन 4 लाख फर्जी डॉक्टर है।ऐसे डॉक्टर अधिकतर ग्रामीण इलाकों में अपना क्लीनिक खोल कर बैठे है।ये डॉक्टर बिना किसी डिग्री के अपने बोर्ड पर तरह-तरह की डिग्री लिखवाकर लोगों को फंसाने में कामयाब हो रहे है।जानकारी के बिना लोगो का इलाज कर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे है।आये दिन कहीं-न-कहीं छोलाछाप डॉक्टरों का भंडाफोड़ होते रहता है तब जाकर प्रशासन हरकत में आती है।जगह-जगह छापेमारी की जाती है उसके बाद इसे ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाता है।उसके बाद वे फिर से सक्रिय हो जाते है।प्रशासन को इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि गरीबो के सेहत के साथ खिलवाड़ ना हो।दोस्तों इनकी तरह आप भी कोई जानकारी या किसी विषय पर अपना विचार मोबाइल वाणी के साथ बाँटना चाहते हैं ,तो मिस्ड कॉल जरूर करें हमारे निःशुल्क नंबर 08800984861 पर।