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ज्योति कुमारी,जिला जमुई के सिकंदरा प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाहती है कि शिक्षा के महत्व को समझना चाहिए क्योकि शिक्षा हमारे जीवन की धूरी है और इसके बिना जीवन की सफलता की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.आज ज्यादातर लोगो से पूछने पर पता चलता है कि लोग नौकरी और डिग्री के लिए पढ़ाई कर रहे है परंतु इन दोनों के बीच पतली सी लकीर है जिसे समझने की जरुरत है.हमारा पढ़ाई का उद्देश्य सिर्फ डिग्री पाना नहीं होना चाहिए बल्कि उसे जीवन में उतारने की जरुरत है।शिक्षा एक अमूल रत्न की तरह है क्योकि समाज में सकारात्मक परिवर्तन तभी ला सकते है जब अच्छी तरह शिक्षित होंगे।यह ही वह मूल मंत्र है जो सही मायने में सरल और सशक्त बनाती है साथ ही शिक्षित होना ऊचाइयों को छूने के बराबर है।

बिहार के जिला जमुई,प्रखण्ड सिकंदरा से विजय कुमार सिंह जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि सिकंदरा प्रखण्ड के विभिन्न पंचायतों में समाजिक सुरक्षा पेंसन के अंतर्गत वृद्ध,विधवा सहित अन्य तरह के दिए जाने वाले पेंसन का भुकतान बीते करीब 2 साल से खाता में ट्रांसफर के नाम पर लंबित है।विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण सभी तरह के पेंसनधारी इंतिजार कर रहे है की कब उनके खातों में पेंसन की राशि आएगी।आज के समय में वृद्धजन अपने परिवारवालों से उपेक्षित रहते है।वृद्धों का इस बुढ़ापे में पेंसन एक मात्र सहारा माना जाता है।एक तो देश के सभी राज्यों से बिहार में पेंशन की राशि कम मिलती है और जो मिलती भी है वह समय से लोगों को नहीं मिल पाने के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।इस बात को ध्यान में रखते हुए अधिकारीयों को इस काम को प्राथमिकता देनी चाहिए।

बिहार के जिला जमुई,प्रखण्ड सिकंदरा से विजय कुमार सिंह जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि बिहार सरकार की उदासीन रवैये और गलत नीतियों के कारण प्रदेश की माध्यमिक स्कूलों की छात्र एवं छात्राओं का सिलेबस आज तक पूरा नहीं हो पाया है। जबकि मैट्रिक की परीक्षा 2018 निकट आ रही है।सरकार,मंत्री और बोर्ड प्रशासन कदाचार मुक्त परीक्षा की तैयारी तो कर लेते है। किन्तु सरकार का कोई भी उपकरण विद्यार्थियों की परेशानी को समझने वाला नहीं है।बिहार के छात्र-छात्राओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण यहाँ के छात्र-छात्राओं के भविष्य को अंधकार में डाल दिया गया है।सरकार शिक्षा के नाम पर केवल डिंग हांकने का काम करती है।किन्तु धरातल पर सच्चाई कुछ और ही है।खासकर वित्तरहित माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के द्वारा विद्यालय का संचालन नहीं के बराबर ही होता है।इस तरह बिहार के स्कूल में केवल डिग्री बांटने का काम वर्षो से किया जा रहा है और जिसे सरकार अनजरअंदाज किये हुए है।

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जिला जमुई प्रखंड सिकंदरा से विजय कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि हमारे समाज में दहेज़ घातक बन गया है।आये दिन हम अखबारों के माध्यम से पढ़ते भी है और टेलीविजन के माध्यम से सुनते भी है कि दहेज़ को लेकर बहु की हत्या कर दी गयी या दहेज़ प्रताड़ना से आजिज आकर किसी बहु ने आत्महत्या कर ली।जो प्रथा जान का दुश्मन बन जाये वो प्रथा अनुचित है।दहेज़ को समाप्त करने के लिए युवाओं को और आगे आना चाहिए और इसके खिलाफ जम कर अभियान चलाना चाहिए।इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा भी इसके खिलाफ सख्त कानून बनाने की जरुरत है जिससे इस पर लग़ाम लगायी जा सके।

जिला जमुई प्रखंड सिकंदरा से विजय कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि देश में लगभग 60 प्रतिशत आबादी कृषि क्षेत्र से जुडी है।लोकतांत्रिक व्यवस्था में वोट के आधार पर नीति का निर्धारण होता है इस लिहाज से सरकारी योजनाओं में किसानों को तरजीह देने की जरुरत है।कभी मौसम की बेरुखी से फसल बर्बाद होता है ,तो कभी बाढ़ से, तो कभी उपयुक्त मौसम में फसल के अत्यधिक पैदावार होने से किसान रोते है।फसल नहीं होने पाए लागत नहीं निकलता है।तो दूसरी तरफ अत्यधिक फसल होने पर बाजार भाव नीचे चला जाता है।ऐसे में खून-पसीना बहाकर देश के खाद्य जरूरतों को पूरा करने वाले किसान बेबसी और लाचारी के जाल में फँसा रहता है। किसानो के लिए कृषि शोध केंद्र स्थापित करने की जरुरत है जिसका लाभ किसानो तक पहुंच सके।इसके साथ ही कृषि कार्य में सरकारी श्रम सहायता पहुंचाने की भी जरुरत है।