सुनिए इस कहानी को जो बच्चों को प्रेरित करती है दूसरों की मदद करके को लेकर |ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है।सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

नमस्कार दोस्तों मैं प्रिंस कुमार न्यूज़ एक्सप्रेस रोहतास में आप सभी को स्वागत है साथियों आज चेनारी प्रखंड के जो में सड़क है चेनारी से गुप्ता धाम रोड जोड़ती है कि सड़क को सफाई किया जा रहा है जिसे आवागमन करने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो और जितने भी कचरा सड़क के किनारे थी उसे सभी को सुरक्षित किनार किया जा रहा है जिससे आवागमन करने वाले वाहनों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो

बिहार राज्य के रोहतास जिला के महीमपुर पंचयत से आशीष कुमार, मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि इन्होने 29/11/2023 को मोबाइल वाणी पर एक समस्या रिकॉर्ड कराया था।जिसमे उन्होंने बताया था कि मल्हिपुर पचांयत के मल्हिपुर गांव मे एक ऐसा मुहल्ला है।जहाँ पर अभी तक नाली और गली का निर्माण नहीं किया गया था ।उस मुहल्ले मे रहने वाले लोगो की स्थिति बहुत बत्तर थी।जिसके बाद आशीष कुमार इस खबर को सम्बंधित अधिकारी के साथ मोबाइल वाणी के माध्यम से साझा किया और एक महीना के बाद उस मुहल्ले मे काम लगना शुरू हो गया l

लड़कियों के सपने सच में पुरे हो , इसके लिए हमें बहुत सारे समाजिक बदलाव करने की ज़रूरत है। और सबसे ज्यादा जो बदलाव की ज़रूरत है, वो है खुद की सोच को बदलने की। शिक्षा महिलाओं की स्थिति में बड़ा परिवर्तन ला सकती है लेकिन शिक्षा को लैंगिक रूप से संवेदनशील होने की जरूरत है। गरीब और वंचित समूह के बच्चों को जीवन में शिक्षा में पहले ही सीमित अवसर मिलते हैं उनमें से लड़कियों के लिए और भी कम अवसर मिलते हैं, समान अवसर तो दूर की बात है। सरकारी स्तर पर जितने ही प्रयास किये जा रहे हों, यदि हम समाज के लोग इसके लिए मुखर नहीं होंगे , तब तक ऐसी भयावह रिपोर्टों के आने का सिलसिला जारी रहेगा और सही शौचालय न होने के कारण छात्राओं को मजबूरी में स्कूल छोड़ने का दर्द सताता रहेगा। तब तक आप हमें बताएं कि *----- आपके गांव में सरकारी स्कूल में शौचालय है, और क्या उसकी स्थिति कैसी है? *----- क्या आपको भी लगता है कि सरकारी स्कूल में शौचालय नहीं होने से लड़कियों की शिक्षा से बाहर होने का बड़ा कारण है *----- शौचालय होने और ना होने से लड़कियों की शिक्षा किस प्रकार प्रभावित हो सकती है?

Transcript Unavailable.

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बिहार राज्य के जिला रोहतास से यशवंत कुमार, मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि उन्होंने दिनांक 23/10/2023 को मोबाइल वाणी पर एक समस्या रिकॉर्ड कराया था। जिसमे उन्होंने बताया था कि चेनारी नगर पंचायत के वार्ड संख्या आठ में नाले का स्लैब टूटने की वजह से नाले का पानी सड़क पर बह रहा था, जिससे आने जाने वाले वहां के लोगों को परेशानी हो रही थी। वहीं सैकड़ों की संख्या में छात्र छात्राएं उक्त मार्ग से होकर स्कूल और कोचिंग संस्थान जाते हैं। ऐसे में उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। वहीं वार्ड संख्या आठ के निवासी विनोद राम उनको मिले , विनोद राम के द्वारा उक्त खबर की जानकारी उनको दिया गया। ऐसे में उन्होंने उक्त स्थल पर जाकर निरीक्षण किया और निरीक्षण करने के उपरांत मामला सही पाया गया। उन्होंने वहां से खबर को एकत्रित किया और न्यूज़ एक्सप्रेस पर चलाए, और न्यूज़ एक्सप्रेस पर चलने के उपरांत उक्त खबर को नगर पंचायत के पदाधिकारी और कर्मचारी के साथ साझा किया। अतः खबर का असर कुछ इस प्रकार हुआ कि आज दिनांक 03/12/2023 को कर्मचारियों के द्वारा उक्त खबर को संज्ञान में लेते हुए नाले का निर्माण कर दिया गया है। अंत में खबर के असर से सड़क पर बहने वाली नाले की समस्या दूर हो गई है। ऐसे में वार्ड संख्या 8 के रहने वाले निवासी विनोद कुमार ने मोबाइल वाणी की सराहना की है।

चेनारी प्रखंड के मल्हिपुर पचांयत के मल्हिपुर गांव मे एक ऐसा भी गली हैं जिसका आजतक डालाई नहीं किया गया हैं

साथियों, आये दिन हमें ऐसे खबरे सुनने को और देखने को मिलती कि फंलाने जगह सरकारी स्कुल की छत गिर गई या स्कुल की दिवार ढह गई। यहाँ तक कि आजकल स्कुल के क्षेत्र में लोग पशु भी बाँधने लगते है, अभी ऐसी ही खबर दैनिक भास्कर के रांची सस्करण में छपी। रांची के हरमू इलाके में जहाँ कुछ लोग वर्षो सेअपने दुधारू पशु को स्कुल से सटे दीवाल में बाँध रहे है और प्रशासन इस पर मौन है। ये हाल झारखण्ड की राजधानी रांची के एक सरकारी स्कुल का है , बाकि गाँव का हाल तो छोड़ ही दीजिये। क्या आपको पता है कि शिक्षा के अधिकार के नियम के तहत स्कुल में पीने का साफ़ पानी और शौचालय की बुनियादी सुविधा के अनिवार्य रूप से मुहैया करवाने की बात कही गयी है। और ये बेसिक सी चीज़े उपलब्ध करवाना सभी सरकारों का काम है। लेकिन जब 25 से 35 % स्कूलों का हाल ये हो तब किसे दोषी माना जाए ? सरकार को नेताओ को या खुद को कि हम नहीं पूछते??? बाक़ि हाल आप जान ही रहे है। तब तक, आप हमें बताइए कि ******आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में शौचालय और पानी की व्यवस्था कैसी है ? ****** वहां के स्कुल कितने शिक्षक और शिक्षिका पढ़ाने आते है ? ****** साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।