इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?

इस कार्यक्रम में हम जानेंगे कि कैसे गाँव के लोग मिलकर अपने समुदाय को मजबूत बना रहे हैं। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक प्रयासों की ताकत को समझेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं और गाँव के विकास में योगदान दे सकते हैं। क्या आपके समुदाय में ऐसे समूह हैं जो जल संरक्षण, आपदा प्रबन्धन या संसाधन प्रबन्धन पर काम करते हैं? अगर हाँ, तो हमें बताएं कि वे कैसे काम करते हैं? और अगर नहीं, तो इस कार्यक्रम को सुनने के बाद क्या आप अपने समुदाय में ऐसे सामूहिक प्रयास शुरू करने के लिए तैयार हैं?

कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली बागमती नदी के जलस्तर में सोमवार को हल्की कमी आई है।स्थानीय पंकज राय,अनिल राय ने बताया की बीते कई दिनों से बागमती के जलस्तर में वृद्धि होने से बागमती नदी के किनारे के इलाके व बागमती नदी के उपधारा शांति नदी के किनारे चौड़ नामापुर, सोरमार,रतनपुर आदि में बाढ़ का पानी फैलने लगा था।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र के लदौरा से गांगौरा मुख्य पथ के श्रीनाथ पारन स्थित शांति नदी के डगराहा पुल के पास बास के चचरी पुल का निर्माण आपसी सहयोग से किया है। चचरी पुल के निर्माण होने से कलौंजर पंचायत, नामापुर पंचायत के बघला, सोरमार पंचायत के अकौना और भरजा गांव सहित बार्डर इलाके के दरभंगा व मुजफ्फरपुर जिले के कई गावों के लोगों को आवागमन में हो रही परेशानी से निजात मिली है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

यह कार्यक्रम मौसम में आ रहे बदलावों और उनसे हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ने वाले प्रभावों पर केंद्रित है। इसमें बारिश के अनिश्चित पैटर्न से उत्पन्न चुनौतियों और उनके संभावित समाधानों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में यह भी बताया जाएगा कि कैसे ये बदलाव किसानों से लेकर शहरी नागरिकों तक, सभी के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। आपने और आपके आसपास के लोगों ने बदलते बारिश के पैटर्न के बारे में क्या अनुभव किया है? क्या आपको या आपके जानने वालों को इससे कोई चुनौती झेलनी पड़ी है?

बिहार राज्य के समस्तीपुर जिला से पियूष पुष्कर ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कल्याणपुर प्रखंड के कल्याणपुर चौक से पूसा जाने वाली मुख्य सड़क के कल्याणपुर चौक के हनुमान मंदिर के समीप बारिश की पानी से जलजमाव हो गया है।जिससे आने जाने वाले बाइक सवार, साइकिल सवार, ठेला रिक्शा चालक छोटे बाहन चालक सहित पैदल आने जाने में लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। मिली जानकारी के अनुसार सड़क किनारे दोनो ओर स्थानीय दुकानदारों के द्वारा सड़क से ऊंचा कर रेरी ठेला दुकान लगाने से जल निकासी नहीं होने से सड़क पर जलजमाव कि स्थिति बनी हुई।वही अधिक बारिश होने से सड़क पर 2 से 3 फिट जलजमाव रहता है ।लेकिन जलजमाव की समस्या से निदान के लिए कोई पहल नहीं कर रहा है।बता दे की कल्याणपुर चौक अतिक्रमण की चपेट में है।वही जल निकासी की सुदृढ़ व्यवस्था नही होने से जलजमाव की समस्या उत्पन्न रहती है । इस संबंध में बीडीओ देवेंद्र कुमार ने बताया कि संबंधित पदाधिकारी से सम्पर्क कर जल्द जलजमाव का निदान करने की बात कही गई है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के समस्तीपुर जिला से पियूष पुष्कर ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि नेपाल में बारिश होने के साथ बागमती के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है।जिससे चकमेहसी थाना क्षेत्र से गुजरने वाली बागमती नदी में भी जलस्तर बढ़ने लगा है।इसके साथ कलौंजर पंचायत के रमजाननगर, गंगौरा में बागमती नदी किनारे बसे परिवारों को नदी के कटाव का अंदेशा होने लगा है।वही कलौंजर पंचायत के रमजान नगर के उतरी भाग खरौरी टोला में कटाव को देखते हुए विभाग द्वारा कटाव निरोधी कार्य कराया जा रहा है।जिसको लेकर बोरे में मिट्टी डालकर आस पास जमा किया गया है।इस बाबत स्थानीय मनोज पासवान,रामचंद्र पासवान आदि ने बताया की कटाव रोकने के लिए बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर कटाव निरोधी कार्य मंद गति से किया जा रहा है।वही बारिश शुरू हो जाने से मिट्टी की दिक्कत होगी।लेकिन पूर्व से मिट्टी स्टॉक कर के नही रखा गया है।वही कुछ बोर में मिट्टी डालकर स्टॉक रखा गया है।बता दे की बागमती नदी के किनारे बसे कलौंजर पंचायत के गंगौरा व रमजान नगर के खरौरी टोला में नदी के कटाव से हर वर्ष कई परिवारों को विस्थापित होना पड़ता है।विभाग हरवर्ष कटाव रोकने के लिए कटाव निरोधी कार्य के तहत बंडाल का निर्माण तो करती है।लेकिन स्थाई बंडाल नही बनाए जाने से कटाव की समस्या बनी रहती है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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समस्तीपुर जिले के मोहनपुर प्रखंड क्षेत्र में गंगा नदी की जलस्तर में वृद्धि का सिलसिला जारी है जिससे नदी किनारे स्थित गांव के निचले इलाकों के खेतों में गंगा का पानी फैलने लगा है । जिससे लोगों की बाढ की आशंका सताने लगी है हालांकि गंगा का जलस्तर खतरे की निशान से नीचे बह रही है। जबकि जल ग्रहण क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है ।बताया जा रहा है की गंगा नदी की जलस्तर में प्रति घंटा करीब एक सेंटीमीटर से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है वहीं वार्ड नियंत्रण प्रमंडल दलसिंह सराय के मोहनपुर स्थित कैंप से मिली जानकारी के अनुसार विगत 24 घंटे में गंगा नदी की जलस्तर में 23 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है इस से मंगलवार के शुबह तक गंगा का जलस्तर 45.30 मीटर तक पहुंच गया है जो खतरे के लाल निशान से 45.50 सेंटीमीटर से मात्र 20 सेंटीमीटर नीचे बह रही है ।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

मिली जानकारी के अनुसार समस्तीपुर जिले के मोहनपुर प्रखंड के रसलपुर हाई स्कूल के पास गंगा पर बना कटा विरोधी बंडाल बांध 70 मीटर की लंबाई में धंस गया है । विगत वर्ष भी उसी स्थल पर बंडाल नीचे की ओर खिसक गया था , पिछले साल के भांती इस बार भी क्षतिग्रस्त हो गया है । जबकी 2 महीने पूर्व इस बांध की मरम्मत की गई थी । फिर भी इस बार भी गंगा के जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने के बाद उतरने के क्रम में बंडाल को भी खिसका दिया । वहीं प्रत्येक वर्ष जलस्तर नीचे उतरने के वक्त ही बंडाल छतिग्रस्त होता है । फिलहाल इस बाबत जानकारी देते हुए कनिय अभियंता जितेश रंजन ने बताया कि छतिग्रस्त जगह पर पॉलिथीन डालकर मिट्टी और पानी के संपर्क को समाप्त कर दिया गया है ताकि उस स्थल पर कटाव ना हो , बंडाल नीचे खिसका था अब रुक गया है । इस मामले में चौकसी की जा रही है ताकि कटाव की स्थिति पैदा ना हो ।