"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ अशोक झा जैविक खेती में यांत्रिक विधि से कीट एवं रोग नियंत्रण का अलग अलग पद्धति के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा किसान भाइयों को नींबू की फसल में सिंचाई प्रबंधन की जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

वर्तमान समय में विश्व भर में तंबाकू की खपत जिस तेजी से बढ़ रही है, उसे देखकर हैरानी होती है। तम्बाकू का न केवल शरीर और स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन को भी पूरी तरह से बर्बाद कर देता है। तम्बाकू को मानव शरीर में होने वाली कई घातक बीमारियों का जनक भी कहा जा सकता है।विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाने के लिए हर साल एक अलग थीम होता है और इस बार का थीम है "बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना" है। तो साथियों आइये इस दिवस के अवसर पर हम सभी प्रण लें और विश्व को तम्बाकू के सेवन से मुक्त करने में अपना योगदान दें। धन्यवाद !!

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे ऑनलाइन पैमेंट और युपीआई के बारे में।

बिहार राज्य के समस्तीपुर जिला से दीपक कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि विश्व माहवारी दिवस पर आज पीरामल स्वास्थ्य एवं आर.एन. ए .आर कॉलेज प्रशासन समस्तीपुर द्वारा संयुक्त रूप से कॉलेज परिसर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुरुआत पिरामल स्वास्थ्य एस्पिरेशनल भारत कोलैबोरेटिव समस्तीपुर टीम के द्वारा बाल गीत से शुरू किया गया। कार्यक्रम में  पिरामल स्वास्थ्य समस्तीपुर टीम के द्वारा छात्राओं को माहवारी के दौरान होने वाली समस्याओं, माहवारी के दौरान स्वच्छता, माहवारी के दौरान आयरन एवं पोषण युक्त खान-पान, मासिक धर्म के दौरान सामान्य स्वच्छता बनाए रखने के महत्व पर चर्चा किया गया।  सेनेटरी नैपकिन के उचित उपयोग और सुरक्षित निपटान के बारे में बताया गया। कॉलेज प्रिंसिपल प्रोफेसर सुरेंद्र जी द्वारा मासिक धर्म के संबंध में आम मिथकों और भ्रांतियों पर चर्चा की गई।लड़कियों को प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित किया और किसी भी गलत सूचना को दूर करने के लिए तथ्यात्मक उत्तर दिए।योगासन सिखाया गया जो मासिक धर्म के दौरान पेट दर्द और परेशानी को कम करने में मदद कर सकते हैं।मासिक धर्म के दर्द को प्रबंधित करने के अन्य तरीकों पर सुझाव दिए गए। उक्त कार्यक्रम में आर. एन. ए . आर , प्रिंसिपल प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार, प्रोफेसर डॉ अर्चना, पीरामल स्वास्थ्य समस्तीपुर जिला लीड आदित्य जी, प्रोग्राम लीडर केशव, प्रोग्राम लीडर श्रेया एवं श्वेता, गांधी फेलो गिरीश, छात्रा रुखसार सिद्दीकी, निशा कुमारी, कंचन कुमारी इत्यादि सक्रिय रूप से भाग लिए।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ग्रुप बी और ग्रुप सी कांस्टेबल, एचसी, एएसआई, एसआई के कुल 144 पदों पर काम करने के लिए इच्छुक हैं। वैसे अनुभवी उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त स्कूल या कॉलेज से न्यूनतम 10वी व अधिकतम स्नातक पास किया हो साथ ही पोस्ट से सम्बंधित अनुभव भी होना अनिवार्य है । इसके साथ ही उम्मीदवार की आयु सीमा 18 से 30 वर्ष तक होनी चाहिए । इन पदों पर वेतनमान नियम अनुसार दिया जाएगा।ओबीसी व सामान्य वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 247.20 रुपये व अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व महिला उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 47.20 रुपये है, इच्छुक उम्मीदवार अपना आवेदन ऑनलाइन भर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आवेदनकर्ता इस वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट है https://rectt.bsf.gov.in/ योग्य उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और शारीरिक दक्षता परीक्षण के बाद किया जाएगा।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा किसान भाइयों को जिंक सल्फेट असली है या नकली उसकी पहचान करने की जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

भारत में जहां 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों में एक तरफ राजनीतिक दल हैं जो सत्ता में आने के लिए मतदाताओं से उनका जीवन बेहतर बनाने के तमाम वादे कर रहे हैं, दूसरी तरफ मतदाता हैं जिनसे पूछा ही नहीं जा रहा है कि वास्तव में उन्हें क्या चाहिए। राजनीतिक दलों ने भले ही मतदाताओं को उनके हाल पर छोड़ दिया हो लेकिन अलग-अलग समुदायो से आने वाले महिला समूहों ने गांव, जिला और राज्य स्तर पर चुनाव में भाग ले रहे राजनीतिर दलों के साथ साझा करने के लिए घोषणापत्र तैयार किया है। इन समूहों में घुमंतू जनजातियों की महिलाओं से लेकर गन्ना काटने वालों सहित, छोटे सामाजिक और श्रमिक समूह मौजूदा चुनाव लड़ रहे राजनेताओं और पार्टियों के सामने अपनी मांगों का घोषणा पत्र पेश कर रहे हैं। क्या है उनकी मांगे ? जानने के लिए इस ऑडियो को सुने