समस्तीपुर

बीते 16 फरवरी को सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से हुए तबादले में समस्तीपुर के उपविकास आयुक्त अखिलेश सिंह को मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग पटना में अपर सचिव के पद पर भेजा गया था। वहीं मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग पटना में उप-सचिव के पद पर कार्यरत संदीप शेखर प्रियदर्शी को समस्तीपुर में उप-विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जिला परिषद बनाकर भेजा गया है। इस क्रम में आज सोमवार को संदीप शेखर प्रियदर्शी के द्वारा समस्तीपुर विकास भवन पहुंच कर उप विकास आयुक्त के पद पर योगदान किया गया। उन्होंने अखिलेश कुमार सिंह से प्रभार ग्रहण किया। पदभार ग्रहण करने के बाद नये उप विकास आयुक्त संदीप शेखर प्रियदर्शी ने सभी उपस्थित पदाधिकारियों व कर्मियों से परिचय प्राप्त किया। मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ आमजनों तक पहुंचाया जा सके, इसके लिए सदैव प्रयासरत रहेंगे।

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समस्तीपुर जिला के मोहिउद्दीन नगर प्रखंड अंतर्गत शिवैसिंहपुर स्थित दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की ओर से आम जनों को वर्तमान वर्तमान परिवेश में आम जनों को बैंकिंग फ्रॉड से बचने की जानकारी नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दी इस दौरान कलाकारों ने लोगों को फ्रॉड में अपने जाने वाली तकनीकी जानकारी लोगों को दी वहीं बैंक की ओर से नुक्कड़ नाटक में मौजूद आम जनों को बैंक द्वारा संचालित विभिन्न ऋण योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की चेतावनी के बाद भी बिहार के नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा को लेकर दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। नियोजित शिक्षक संघों ने 13 फरवरी को विधानसभा के घेराव को घोषणा की है। इस घोषणा के तहत इन शिक्षकों का आन्दोलन शुरू हो गया है। इस कड़ी में नियोजित शिक्षकों के द्वारा समस्तीपुर शहर में भी मशाल जुलूस निकाल कर विरोध जताया। इस कड़ी में ऑनलाइन सक्षमता परीक्षा के विरोध में नियोजित शिक्षक ने समस्तीपुर शहर के पटेल मैदान से मशाल जुलूस निकाला। इस मशाल जुलुस में अपर मुख्य सचिव केके पाठक मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। ऑनलाइन समक्षता परीक्षा के विरोध में शिक्षक एकता मंच के राज्यव्यापी चरणबद्ध आंदोलन के तहत सभी शिक्षक संघ मिलकर शहर के सड़को पर मशाल जुलूस निकाला।

शनिवार को सरकारी विद्यालयों में विशेष आयोजन होता है, सुरक्षित शनिवार।इस दिन आपदा मोचन से संबंधित गुर सिखाये जाते हैं, बच्चों को बस्ते का बोझ भी नहीं उठाना पड़ता। मस्ती और धमाल करने की भी आजादी रहती है। लेकिन इस बार तो कमाल ही हो गया। सरकारी विद्यालयों के बच्चों को ऐसे उपहार मिले कि देखकर निजी स्कूलों के बच्चे तरस जायें। मोहनपुर में सरकारी विद्यालयों की फिजां तो पहले ही बदल चुकी है, प्रशासनिक प्रबंधन ने ऐसा जादू किया है कि सरकारी विद्यालयों में बच्चे लौट चुके हैं , निजी विद्यालयों को अस्तित्व की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। लेकिन इस शनिवार जो हुआ,उसे देखकर अभिभावकों एवं बच्चों को अपार खुशी मिली।अब सरकारी विद्यालयों के बच्चों के हाथों में चमचमाते बैग शोभने लगे, उनमें नयी कलम, रंग करने वाली पेंसिलें और दूसरी किट भी थी। प्रखंड के सभी सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा एक,दो और तीन के छात्रों को ये मुफ्त उपलब्ध करवायी गयीं। इन्हें एफएलएन किट कहा गया है।वर्ग सापेक्ष भाषा एवं संख्या ज्ञान सिखलाने के अभियान के तहत ये चीजें सरकार की ओर से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अजीत कुमार एवं लेखापाल योगेश कुमार ने विद्यालयों को उपलब्ध करवायीं।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शिक्षा को रोचक,सरल और सहज बनाने के इस प्रयास के पीछे का एक उद्देश्य यह भी है कि वंचित वर्ग के बच्चों को उनकी सृजनात्मकता और इच्छा के विकास का रास्ता दिखाया जाये। बीआरसी में सभी प्रधानाध्यापकों ने इस सामग्री का उठाव किया। तत्काल ये सामग्री छात्रों को वितरित की गयी। हालांकि वितरण के लिए आयी सामग्री की संख्या कुछ कम थी। बताया गया कि और अधियाचना की गयी है। बीआरसी से उठाव के बाद सभी विद्यालयों ने अभिभावकों की उपस्थिति में इसका वितरण किया।इस अवसर पर गोष्ठी भी आयोजित की गयी। वितरण के इस कार्यक्रम में विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य भी उपस्थित रहे। बीआरपी हरिकिशोर प्रसाद यादव सच्चिदानंद सिंह अशोक कुमार राय केआरपी अरुण कुमार अविनाश कुमार अखिलेश कुमार सिंह चंदन कुमार आदि ने बीआरसी की ओर से इस कार्यक्रम की मानिटरिंग की। बच्चों के लिए यह शनिवार सुनहरा साबित हुआ।

आलू में पाला मारने से किसानों को भारी नुक़सान