शनिवार को सरकारी विद्यालयों में विशेष आयोजन होता है, सुरक्षित शनिवार।इस दिन आपदा मोचन से संबंधित गुर सिखाये जाते हैं, बच्चों को बस्ते का बोझ भी नहीं उठाना पड़ता। मस्ती और धमाल करने की भी आजादी रहती है। लेकिन इस बार तो कमाल ही हो गया। सरकारी विद्यालयों के बच्चों को ऐसे उपहार मिले कि देखकर निजी स्कूलों के बच्चे तरस जायें। मोहनपुर में सरकारी विद्यालयों की फिजां तो पहले ही बदल चुकी है, प्रशासनिक प्रबंधन ने ऐसा जादू किया है कि सरकारी विद्यालयों में बच्चे लौट चुके हैं , निजी विद्यालयों को अस्तित्व की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। लेकिन इस शनिवार जो हुआ,उसे देखकर अभिभावकों एवं बच्चों को अपार खुशी मिली।अब सरकारी विद्यालयों के बच्चों के हाथों में चमचमाते बैग शोभने लगे, उनमें नयी कलम, रंग करने वाली पेंसिलें और दूसरी किट भी थी। प्रखंड के सभी सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा एक,दो और तीन के छात्रों को ये मुफ्त उपलब्ध करवायी गयीं। इन्हें एफएलएन किट कहा गया है।वर्ग सापेक्ष भाषा एवं संख्या ज्ञान सिखलाने के अभियान के तहत ये चीजें सरकार की ओर से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अजीत कुमार एवं लेखापाल योगेश कुमार ने विद्यालयों को उपलब्ध करवायीं।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शिक्षा को रोचक,सरल और सहज बनाने के इस प्रयास के पीछे का एक उद्देश्य यह भी है कि वंचित वर्ग के बच्चों को उनकी सृजनात्मकता और इच्छा के विकास का रास्ता दिखाया जाये। बीआरसी में सभी प्रधानाध्यापकों ने इस सामग्री का उठाव किया। तत्काल ये सामग्री छात्रों को वितरित की गयी। हालांकि वितरण के लिए आयी सामग्री की संख्या कुछ कम थी। बताया गया कि और अधियाचना की गयी है। बीआरसी से उठाव के बाद सभी विद्यालयों ने अभिभावकों की उपस्थिति में इसका वितरण किया।इस अवसर पर गोष्ठी भी आयोजित की गयी। वितरण के इस कार्यक्रम में विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य भी उपस्थित रहे। बीआरपी हरिकिशोर प्रसाद यादव सच्चिदानंद सिंह अशोक कुमार राय केआरपी अरुण कुमार अविनाश कुमार अखिलेश कुमार सिंह चंदन कुमार आदि ने बीआरसी की ओर से इस कार्यक्रम की मानिटरिंग की। बच्चों के लिए यह शनिवार सुनहरा साबित हुआ।