झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि महिलाओं को अधिकार लेने के लिए सरकारी योजनाएं और सामाजिक जागरूकता दोनों की आवश्यकता है। सरकार जहाँ एक ओर कानून और योजनाए बनाती है वहीं नागरिकों को इन योजनाओं का लाभ उठाने और जागरूकता फैलाने में मदद करनी चाहिए
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि यदि कोई महिला अपने अधिकारों से वंचित हैं तो वह महिला हेल्पलाइन से संपर्क कर सकती हैं ताकि समस्या का समाधान किया जाए
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि अगर कानून को सही तरह से लागू नहीं किया जायेगा तो महिला अपने अधिकारों से वंचित रह जाएगी
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि महिलाओं को अधिकारों के बारे में जानना चाहिए। कानून ने जो अधिकार दिए हैं उनके बारे में महिलाओं को जानकारी होना चाहिए
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि अधिकतर महिलाओं को उनका हक़ नहीं मिलता है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि सभी महिला को उनका हक़ मिलना चाहिए।बेटा और बेटी दोनों को बराबर का अधिकार मिलना चाहिए
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि महिलाओं को विभिन्न अधिकार दिए गए हैं। पहला संवैधानिक व कानूनी अधिकार -संवैधानिक व कानूनी अधिकार के तहत समानता का अधिकार अनुच्छेद चौदह से सोलह सभी नागरिकों को समानता देता है और अनुच्छेद उनचालस ए में आजीविका और उनचालस डी में समान काम के लिए समान वेतन सुनिश्चित करता है। दूसरा संरक्षण अधिनियम - इसमें घरेलू हिंसा जो की डी डब्लू डी बी ए दो हजार पाँच और यौन उत्पीड़न ऐसी बचाव के लिए कानून जैसे चार सौ अंठानवे ए आई पी सी बनाए गए हैं। महिलाओं को प्रजनन अधिकार भी दिए गए हैं
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि महिलाओं को अधिकार नहीं मिल पा रहा है। सरकार महिलाओं को अधिकार दिलाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। अपने अधिकारों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए 1090 पर कॉल कर सकते हैं
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि दो हजार पाच के संशोधन के बाद बेटी भी बेटे की तरह जन्म से पैतृक संपत्ति में सह मालिक बन जाती है। विवाह होने पर या वैवाहिक स्थिति, अविवाहिक या तलाकशुदा विधवा से संपत्ति में अधिकार पर कोई असर नहीं पड़ता है। महिला जरूरत पड़ने पर जमीन में हक़ मांग सकती हैं और बेच सकती हैं।
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि महिलाओं को संपत्ति में बेटों के बराबर अधिकार मिलता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश है कि महिलाओं को जन्म से ही जमीन में अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं को बहुत से अधिकार से वंचित रखा जाता है।
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि महिलाओं को जमीन के मामले में दूर रखा जाता है। महिलाएं अपने हक़ को हासिल नहीं कर पा रही हैं। उनको प्राइवेट रोजगार से भी वंचित रखा जाता है
