झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि घरेलू हिंसा और कार्यस्थल पर उत्पीड़न से सुरक्षा। हिंसा से महिला संक्षण अधिनियम। दूसरा है- यौन अपराधों और तस्करी के खिलाफ कानूनी संरक्षण। तीसरा है- लौंगिक भेदभाव के बिना जीवन जीने का अधिकार।
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमारे देश की केंद्र सरकार गरीबी को हटाने के लिए बहुत प्रयास कर रही है। लेकिन गरीबी अभी दूर नहीं हो पा रहा है। न ही कम हो पा रहा है। उच्च शिक्षा और व्यवसाय प्रशिक्षण तक समान पहुँंच जरुरी है।जो बेहतर रोजगार के अवसर पैदा करता है। इससे गरीबी को कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' जैसी योजनाएं और कौशल विकास कार्यक्रम हिलओं के लिए जरुरी है
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के पदम् ब्लॉक से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि गरीबी हटाने के लिए महिलाओं को शिक्षा समपत्ति के अधिकार,समान वेतन ,सुरक्षित कार्यस्थल और निर्णय लेने की प्रक्रिया में भागीदारी जैसे अधिकारों की जरूरत है ताकि वे आर्थिक और सामाजिक रूप में सशक्त हो सके। भूमि के स्वामित्व और ऋण तक पहुंच, कौशल विकास और स्वास्थ्य व सुरक्षा के अधिकार भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ये अधिकार उन्हें आत्मनिर्भर बनाते हैं और गरीबी के चक्कर को तोड़ने में मदद करते हैं
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के पदम् ब्लॉक से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि महिला भूमि अधिकार का मतलब है महिलाओं को जमीन पर समान कानूनी अधिकार,नियंत्रण और मालिकाना हक़ मिलना।अधिकार मिलने से महिला आर्थिक रूप से सशक्त बनती है और घर व समाज में उनकी शक्ति बढ़ाता है। हालांकि भारत में भेदभाव पूर्ण कानून और सामाजिक मापदंड अभी भी बाधाएं है।
दोस्तों, गरीबी के खिलाफ भारत की लड़ाई में महिला भूमि अधिकार एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है। यह केवल संपत्ति का हस्तांतरण नहीं, बल्कि शक्ति का हस्तांतरण है। तब तक आप हमें बताइए कि , *---- क्या आपको लगता है कि महिलाओं के नाम जमीन होने से परिवार की आय बढ़ती है? अपना अनुभव बताएं। *---- आपके गाँव में महिलाओं को जमीन के कागज़ात मिलने से किस तरह के बदलाव आए हैं? *---- क्या आपके परिवार या समुदाय में ऐसी कोई महिला है, जिसकी ज़िंदगी जमीन मिलने के बाद बदली हो?
ज़मीन मिलने के बाद विमला ने अपनी जरूरतों और नए तरीकों को अपना कर खेती का नक्शा ही बदल दिया है- क्योंकि अब वह सिर्फ मज़दूर नहीं, एक किसान है। इस विषय पर आप क्या सोचते हैं, महिलाएं अपने हक को कैसे हासिल कर सकती हैं. क्या आप नहीं चाहते की आपके आस पास विमला जैसी कई महिलाएं हों? मुझे उम्मीद है कि आप निश्चित देखना चाहते हैं. तो आप हमें बताइये आप अपने इलाके में कैसे अनेकों विमलाएं बनाएंगे उनको उनका भूमि अधिकार देकर आपकी राय इसके उलट भी हो सकती है. इसलिए पक्ष-विपक्ष के इस कार्यक्रम में अपनी राय ज़रूर रिकॉर्ड करें हमें बताएं कि आप इस मसले पर क्या सोचते हैं. राय रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं अपने फोन से तीन नंबर का बटन दबाकर या फिर मोबाईलवाणी के जरिए.
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के पद्मा ब्लॉक से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिला सशक्तिकरण की कई चुनौतियाँ हैं। पहली चुनौती है - समाज में गहरी जड़े जमा चुकी पितृ सतात्मक सोच महिलाओं को द्वितीय श्रेणी का नागरिक मानती है और यह बड़ी बात बनी हुई है। दूसरी चुनौती है - सुरक्षा समबंधी चिंताएं। इसमें महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न की घटनाएं अभी भी गंभीर मुद्दा एवं चिंता का विषय है। तीसरा चुनौती है - भेदभाव।इसमें कार्यस्थल और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में भेदभाव जारी है
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के पद्मा ब्लॉक से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिला सशक्तिकरण के प्रमुख पहलू कुछ इस प्रकार है।पहला पहलू है -शिक्षा और जागरूकता। इसके अंतर्गत 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' जैसी योजनाओ के द्वारा लड़कियों के साक्षरता दर में वृद्धि हुई है।जो समाज में महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दूसरा पहलू है - आर्थिक सशक्तिकरण।इसमें सरकारी योजना जैसे की मुद्रा योजना इसके माध्यम ऐसी महिलाओं को सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्योगों को ऋण और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के पद्मा ब्लॉक से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत में महिला सशक्तिकरण का लक्ष्य महिलाओं को सामाजिक आर्थिक और राजनितिक रूप से समान अवसर और शक्ति प्रदान करना है।इसके लिए शिक्षा,स्वास्थ्य,रोजगार और राजतिनिक भागीदारी को बढ़ावा देना है
विष्णुगढ़ प्रखंड के झारखंड मैरिज हॉल में अर्ध सरकारी संगठन समाधान कर्मियों के द्वारा 25वीं वर्षगांठ बड़ी ही धूमधाम से मनाई गई इस अवसर समाधान संस्थान के कार्यों के बारे में क्षेत्र में बाल विवाह बाल शोषण बाल श्रम मानव तस्करी लिंग भेदभाव महिलाओं को आर्थिक सशक्त बनाने में घरेलू हिंसा रोकथाम अन्य सामाजिक कुरीतियों को नियंत्रित करने को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी क्षेत्र में दे रहे हैं कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था के सचिव हिल्डा पिंटो संजीव भट्टाचार्य राहुल कुमार शीतल रीना बर्मन उप मुखिया चेहरा पंचायत रश्मि लता नीतू कुमारी प्रभा कुमारी राजेंद्र साव पूर्व जिला परिषद सदस्य मध्य यशोदा देवी समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
