बिहार राज्य के गिद्धौर मोबाइल वाणी के संवाददाता आशुतोष पाण्डेय ने सामाजिक कार्यकर्ता सह भूतपूर्व वार्ड सदस्य श्री नंदकुमार नंदन से बातचीत की जिसमें उन्होंने यह जानकारी दी की शिक्षा सबसे जरूरी है। अगर एक महिला शिक्षित होगी तभी वह बच्चों को शिक्षा दे पाएंगी। जिनके घर में महिला और परिवार शिक्षित होते है तो उनके बच्चे भी शिक्षित होते है। समाज में जो भेद - भाव देखा जाता है इसका कारण है अशिक्षा। जो अशिक्षित है वह सोचते है की दूसरों का बच्चा अगर पढ़ रहा है तो उनको बुरी नज़र से देखते है। महिलाओं के साथ भेद - भाव किया जाता है। अगर महिला पुरे परिवार को अच्छे से लेकर चले तो उनके साथ भेद - भाव नहीं हो सकता है। भारत एक पुरुष प्रधान देश है। पिता अपनी बेटी की शादी में दहेज़ के रूप में पैसे देते है इसीलिए बेटी अपने पिता अथवा भाई से जमीन पर हिस्सा नहीं लेती है। अगर बेटी को जमीन पे अधिकार देते है तो वह जमीन बेच देंगी और चली जाएगी।