बिहार राज्य के गिद्धौर जिला से आशुतोष पांडेय की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रिंकी कुमारी जी से हुई। रिंकी कुमारी यह बताना चाहती है कि महिलाओं के साथ हो रही हिंसा को रोकने के लिए महिलाओं को शिक्षित होना चाहिए। उनको गलत दृष्टि से देखा जाता है। उनको सम्मान नहीं दिया जाता है लेकिन ये गलत है हमे महिलाओं को भी सम्मान देना चाहिए क्योंकि जिस घर में महिला रहती है वह घर स्वर्ग रहता है। लेकिन हमारे समाज में महिलाओं को किसी भी क्षेत्र में बढ़ावा नहीं देता है। अगर महिला कुछ अच्छे कदम उठाती है तो समाज उन्हें गलत निगाह से देखते है। उनपर गलत आरोप लगाए जाते है लेकिन ये समाज में नहीं होना चाहिए। इसी कारण से महिलायें पीछे रह जाती है। महिलाओं को घर से भी सपोर्ट मिलना चाहिए। घर के लोग लड़कों को पढ़ाते है लेकिन लड़कियों को नहीं पढ़ाते है। लड़कों को अच्छे स्कूल में पढ़ाया जाता है लेकिन लड़की जब घर से बाहर निकलने लायक हो जाती है तो समाज उनको नहीं निकलने देते है। जब लड़कियां कुछ अच्छा करना चाहती है तो घर के लोग ही उन्हें नहीं पीछे खींचते है। महिला और पुरुष में भेद - भाव नहीं करना चाहिए। भेद - भाव को रोकने के लिए हर एक महिलाओं को शिक्षित होना चाहिए। उनको भी जागरूक होना चाहिए। उनको संगर्ष करना चाहिए और अधिकार बिना संघर्ष के नहीं मिलता है। महिला को घर से बाहर निकलना चाहिए। महिलाओं को शिक्षित होने के लिए उनको जागरूक करना चाहिए। महिलाओं को यह सोचना चाहिए की वह सब कुछ कर सकती है। दहेज़ प्रथा को ख़तम करना चाहिए। इसके लिए लड़कियों को पढ़ना चाहिए जिससे वह अपने पैरों में खड़ी हो सके